छत्तीसगढ़ में 2000 हजार करोड़ का शराब घोटाला, बड़े नेताओं और नौकरशाहों का नाम आ रहा सामने

Chhattisgarh Liquor Scam: प्रवर्तन निदेशालय ने छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ रूपए के सराब घोटाले का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में मुख्य आरोपी अनवर ढेबर को पहले ही गिरफ्तार कर पूछताछ किया जा रहा है।

Update:2023-05-07 23:08 IST
ed exposure rupees 2000 crore liquor scam in chhattisgarh (Photo-Social Media)

Chhattisgarh Liquor Scam: अभी दिल्ली शराब घेटाले का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि छत्तीसगढ़ में बड़ा घोटाला सामने आया है। दावा किया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के राजनेताओं और नौकरसाहों की सह पर यह घोटाला किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय ने छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ रूपए के सराब घोटाले का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में मुख्य आरोपी अनवर ढेबर को पहले ही गिरफ्तार कर पूछताछ किया जा रहा है।

ईडी का दवा, मिले घोटाले के सबूत

ईडी का दावा है कि 2019-2022 के दौरान 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाला और मनी लांड्रिंग के सबूत जुटाए हैं। ईडी ने मार्च महीने में कई जगहों पर छापेमारी की थी और घोटा में शामिल कई व्यक्तियों के बयान दर्ज किए थे। ईडी ने बयान जारी कर बताया कि, 'PML जांच के बाद पता चला कि अनवर ढेबर के नेतृत्व में एक संगठित आपराधिक सिंडिकेट छत्तीसगढ़ राज्य में कार्य कर रहा था। अनवर ढेबर को राज्य के शीर्ष राजनेताओं का सह प्राप्त था।

कई बड़े नेता और नौकरसाह रडार पर

अधिकारियों ने बताया कि, अनवर ने घोटाला करने के लिए लोगों और संस्थाओं का एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया। इसका उद्देश्य सीर्फ पैसा कमाना था। घोटाले में शामिल कई राजनेता और नौकरसाह ईडी की रडार पर हैं। ईडी ने बाया कि ढेबर के नेतृत्व वाली सिंडिकेट नें सभी नियमावलियों को उलट कर रख दिया। इससे राज्य के राजस्व को काफी नुकसान हुआ है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में कुल 800 शराब की दुकाने हैं, जिसे राज्य सरकार द्वारा संचालित की जाती है। शराब के खरीद और बिक्री पर राज्य सरकार का ही नियंत्रण रहता है। लेकिन ढेबर द्वारा संचालित सिंडीकेट इन नियमों की धज्जियां उड़ा दी।

चेन को अकेले अनवर करता था कंट्रोल

ED की माने तो, 'ढेबर का राजनीति, नौकरसाह और CSMCL के निदेशक तक पहुंच थी। अनवर ने सिस्टम में पहुंच बनाने के लिए विकास अग्रवाल उर्फ सुब्बू और अरविंद सिंह जैसे करीबी सहयोगियों का सहारा लिया था। अनवर ढेबर FL-10A लाइसेंस धारकों, आबकारी विभाग के बड़े अधिकारियों, मैन-पावर सप्लायर्स, ग्लास बॉटल मेकर एण्ड सप्लार्स, होलोग्राम मेकर, कैश-कलेक्शन सहित शराब कारोबार के सभी चेन को नियंत्रित करता था। जिनके माध्यम से कमीशनखोरी करता था।

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