Rahul Borewell Rescue: देखें कैसे बोरवेल में अटकी रही राहुल की जिंदगी, सांप और मेढक बने साथी
Rahul Borewell Rescue: छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में बोरवेल में गिरे राहुल (Rahul) को 100 घंटे से अधिक वक्त तक चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सेना के जवानों ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया है।
Rahul Borewell Rescue : छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के जांजगीर-चांपा जिले में एक 10 वर्षीय बच्चा राहुल साहू (Rahul Sahu) बोरवेल में गिर गया। जिसे करीब 106 घंटे तक चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बीते रात मंगलवार को एनडीआरएफ (NDRF) की टीम ने सुरक्षित निकाल दिया है। यह हादसा तब हुआ जब पिछले हफ्ते शुक्रवार को दोपहर के वक्त राहुल अचानक से गायब हो गया। घर में लोग राहुल (Rahul) को खोजने लगे जब लोगों ने घर के बाहर तलाश शुरू की तब उन्हें बाड़ी की ओर से किसी बच्चे की रोने की आवाज सुनाई देने लगी। आवाज का पता लगाते लगाते जब लोग बोरवेल के गड्ढे के पास पहुंचे तो पता चला कि राहुल इसके अंदर से रो रहा था। 60 फीट गहरे बोरवेल से बच्चे की आवाज आने पर परिजन बुरी तरह परेशान हो गए।
बच्चे के बोरवेल में गिरने की सूचना पूरे गांव में फैल गई गांव के लोग बोरवेल के पास इकट्ठा हो गए। जब मामले की जानकारी प्रशासन को ही तो प्रशासन ने तत्काल आवश्यक कदम उठाते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन को शुरू करवाया। बता दें राहुल अपने मां बाप का बड़ा बेटा है तथा मानसिक रूप से कमजोर होने के कारण ज्यादातर घर पर ही रहता है। पड़ोसियों का कहना है कि राहुल किसी स्कूल में भी नहीं जाता। पिता का गांव में ही एक छोटा सा बर्तन का दुकान है और राहुल का एक 8 वर्षीय छोटा भाई भी है।
शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन
स्थानीय पुलिस प्रशासन एनडीआरएफ तथा सेना की मदद से राहुल को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। बचाव दल ने या प्लान बनाया की सुरंग के पास से एक समांतर गड्ढा बनाकर राहुल तक पहुंचा जाए। जिसके लिए जेसीबी मशीनें ड्रिलिंग मशीन है और कई जरूरी उपकरणों का सहारा लिया गया। कड़ी मशक्कत के बाद सुरंग बनाने का 50 फीसदी से अधिक काम पूरा कर लिया गया मगर इस बीच चट्टानों के आने के कारण काफी ज्यादा वक्त लग गया। पैनल बनाकर सेना के जवान किसी तरह बोरवेल के भीतर पहुंचे चट्टानों को ड्रिलिंग मशीन की मदद से तोड़ा गया कई जगहों पर मशीन चलने का जगह नाम होने के कारण सेना के जवानों ने चट्टानों को हाथ से भी तोड़ा।
इस पूरे ऑपरेशन के दौरान कई स्पेशल कैमरों की मदद से राहुल के ऊपर नजर रखी जा रही थी। 5 दिनों तक राहुल बोरवेल के भीतर पड़ा रहा इस दौरान उसे खाना पानी पहुंचाया जाता रहा। राहुल को हिम्मत देने के लिए सेना और रेस्क्यू टीम के कई अन्य सदस्य लगातार उससे बातचीत कर संपर्क बनाए रहते थे मगर इतनी गहराई में होने के कारण और रेस्क्यू ऑपरेशन में ड्रिलिंग तथा खुदाई का काम होने से गड्ढे में पानी भरने लगा था जिसके कारण राहुल की तबीयत बिगड़ने लगी थी। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए रेस्क्यू टीम ने मौके पर सभी मेडिकल इक्विपमेंट के साथ डॉक्टर और एंबुलेंस की तैनाती कर दी थी।
ग्रीन कॉरिडोर बनाकर भेजा गया अस्पताल
100 घंटे से अधिक समय तक 60 फीट गहरे गड्ढे में रहने के बाद राहुल को सेना के जवानों ने मंगलवार को रेस्क्यू कर ही लिया। राहुल के बोरवेल से बाहर आते ही पूरे इलाके में भारत माता की जय के नारे गूंज उठे। रस्सी की मदद से बोरवेल से राहुल को बाहर निकाला गया और एक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर उसे तत्काल एंबुलेंस के जरिए अस्पताल भेजा गया। जहां डॉक्टरों की टीम ने राहुल की हार्ट रेट से पढ़ें तथा बीपी शुगर जैसे प्राथमिक जांच को पूरा किया गया जिसमें यह सभी जांच नॉर्मल आए हैं। फिलहाल राहुल बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में भर्ती है जहां सीएमओ की निगरानी में डॉक्टरों की विशेष टीम उसकी देखभाल में लगी हुई है।
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान आ गया था सांप
बोरवेल में फंसे राहुल के रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान सेना तथा एनडीआरएफ के जवानों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। राहुल के रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान ही गड्ढे में एक सांप आ गया था मगर सेना के जवानों की सतर्कता के कारण इस खतरे को किसी तरह टाला गया। कड़ी मशक्कत के बाद किसी तरह राहुल को सेना और एनडीआरएफ के जवानों ने रेस्क्यू कर लिया है। राहुल के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि "हमारा बच्चा बहुत बहादुर है। उसके साथ गड्ढे में 104 घंटे तक सांप और मेंढक उसके साथी थे। आज पूरा छत्तीसगढ़ उत्सव मना रहा है। जल्द अस्पताल से पूरी तरह ठीक होकर लौटे, हम सब कामना करते हैं। इस ऑपरेशन में शामिल सभी टीम को पुनः बधाई एवं धन्यवाद।"
रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल जवान ने कहा
रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने के बाद सेना के एक जवान ने बताया कि टीम की संयुक्त प्रयासों के कारण राहुल को पूरी तरह सुरक्षित बचाया जा सका है। यह ऑपरेशन बहुत ही चुनौतीपूर्ण था। मगर रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होना पूरी टीम के लिए एक बड़ी सफलता है।