Boycott China Product: दिवाली में निकलेगा चीन का दिवाला, भारत देगा 50,000 करोड़ का झटका
Boycott China Product: चीनी सामानों के बहिष्कार की वजह से इस दिवाली चीन के निर्यातकों को करीब 50,000 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है।
Boycott China Product: अगले हफ्ते देश में दिवाली (Diwali 2021) का त्योहार मनाया जाएगा। कारोबार के नजरिए से इस त्योहार पर देश ही नहीं बल्कि दुनिया की भी नजर रहती है। जिसमें हमारा पड़ोसी मुल्क चीन सबसे आगे है। लेकिन पिछले साल से भारतीय ग्राहकों (Indian Customers) ने जिस तरह से चीनी सामानों (China Product) का बहिष्कार किया है, उसने 'ड्रैगन' की कमर तोड़कर रख दी है। चीनी सामानों के बहिष्कार (China Product Ka Bahishkar) की वजह से इस दिवाली वहां के निर्यातकों को करीब 50,000 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है।
बता दें, कि इसी तरह पिछले साल ऐसे ही त्योहारी सीजन (Festive Season) में भी चीनी सामानों (China product) का बहिष्कार किया गया था, जिससे चीन को करीब 40,000 करोड़ का घाटा हुआ था। तब भारतीय बाजार (Indian Markets) ने दिवाली के दौरान देशभर में करीब 72,000 करोड़ का कारोबार किया था। इस संबंध में 'कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स' यानी कैट (Confederation of All India Traders- CAIT) ने शुक्रवार (29 अक्टूबर, 2021) को कहा कि पिछले साल की तरह ही इस वर्ष भी चीन के सामानों (China Product) के बहिष्कार का आह्वान हुआ है।
भारतीय व्यापारियों ने इस दिवाली चीन को नहीं दिया आर्डर
हाल के वर्षों में चीन से सीमा विवाद (India China Border Dispute) बढ़ने के बाद द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों पर असर दिखने लगा है। खासकर, आम आदमी अब चीन उत्पादित सामानों के बहिष्कार को लेकर ज्यादा गंभीर दिख रहा है। गलवान घाटी में भारतीय सेना (India China Face Off) के साथ झड़प और उसमें शहीद भारतीय सैनिकों की कुर्बानी से खिझे देश के नागरिकों ने अब चीन के सामान के पूर्ण बहिष्कार की ठान ली है।
इसी के मद्देनजर देश के व्यापारियों और आयातकों ने चीन से सामानों का आयात बंद (China Goods Import Ban) कर दिया है। जिससे इस त्योहारी सीजन खासकर दिवाली के दौरान चीन को करीब 50,000 करोड़ रुपए का व्यापार घाटा होने का अनुमान जताया जा रहा है। इस बारे में, कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, 'इस वर्ष अभी तक भारतीय व्यापारियों या आयातकों ने दिवाली के सामानों और पटाखों सहित अन्य वस्तुओं का कोई ऑर्डर चीन को नहीं दिया।
रक्षाबंधन पर 5,000 करोड़ रुपए का झटका
कैट के महासचिव कहते हैं, इस दिवाली को विशुद्ध हिंदुस्तानी रूप में मनाया जाएगा। बोले, 'यह महत्वपूर्ण बदलाव है। क्योंकि, ग्राहक पिछले साल से ही चीनी सामान खरीदने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। इससे बाजार में भारतीय सामानों की मांग बढ़ने की संभावना है। उन्होंने बताया, इस साल रक्षाबंधन (Rakshabandhan) के मौके पर भी चीन को करीब 5,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। इसके बाद, गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के मौके पर चीन को 500 करोड़ रुपये का झटका लगा था।'
दिवाली में 2 लाख करोड़ रूपये खर्च करेंगे घरेलू ग्राहक
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल (Praveen Khandelwal) बताते हैं, कि उनकी संस्था ने हाल ही में एक सर्वे किया था। यह सर्वे चीनी सामानों के बहिष्कार (China Product Ka Bahishkar) को लेकर 20 वित्तीय शहरों में किया गया था। जिसके अनुसार, अनुमानतः इस दिवाली पर देशभर के ग्राहक सामानों की खरीदारी पर करीब 2 लाख करोड़ रुपए खर्च कर सकते हैं। लेकिन, इसमें एक पैसा भी चीनी सामानों की खरीदारी पर खर्च नहीं करेंगे।
सर्वे में 20 शहरों को किया शामिल
उन्होंने बताया, इस सर्वे में जिन 20 शहरों को शामिल किया था उनमें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, व्यापारिक राजधानी मुंबई, अहमदाबाद, नागपुर, लखनऊ, जयपुर, चंडीगढ़, रायपुर, भुवनेश्वर, कोलकाता, रांची, पटना, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद सहित अन्य राज्यों की राजधानियां शामिल हैं। इन सभी व्यापारिक शहरों से रुझान प्राप्त हुए हैं, वह चीन के लिए अच्छी खबर नहीं हैं। सर्वे में लोगों ने भविष्य में भी चीनी सामान के बहिष्कार की बात कही।
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