Mee Too मामले को लेकर चन्नी घिरे, महिला आयोग ने खोला मोर्चा,सोनिया से तत्काल सीएम पद से हटाने की मांग

Charanjit Singh Channi: एक महिला आईएएस अधिकारी ( IAS officer) की ओर से आरोप लगाए जाने के बाद विपक्षी दलों और महिला संगठनों ने चन्नी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shweta
Update:2021-09-20 19:40 IST

चरणजीत सिंह चन्नी (फोटो सौजन्य से सोशल मीडिया)

Charanjit Singh Channi: पंजाब के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) के खिलाफ 'मी टू' (Me Too) का पुराना मामला एक बार फिर गरमाने लगा है। चन्नी 2018 में 'मी टू' मामले को लेकर खासे विवाद में फंस चुके हैं। एक महिला आईएएस अधिकारी ( IAS officer) की ओर से आरोप लगाए जाने के बाद विपक्षी दलों और महिला संगठनों ने चन्नी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उनकी कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) की कुर्सी पर भी संकट पैदा हो गया था मगर तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (CM Capt Amarinder Singh) उनकी ढाल बनकर आगे आए थे और चन्नी की कुर्सी बचा ली थी।

अब चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद एक बार फिर राष्ट्रीय महिला आयोग ने उनके खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) से चन्नी को तत्काल पद से हटाने की मांग की है। भाजपा नेता (BJP leader) और पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय (IT cell head Amit Malviya) ने भी चन्नी के 'मी टू' मामले का जिक्र करते हुए राहुल गांधी पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेसी नेतृत्व ने ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री पद की कुर्सी सौंपी है जो तीन साल पहले 'मी टू' मामले में खासा विवादित रहा है। माना जा रहा है कि अब चन्नी को लेकर आने वाले दिनों में विवाद और बढ़ सकता है।

चन्नी के खिलाफ 2018 का मामला

पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व ने चन्नी के रूप में पहली बार एक दलित को मुख्यमंत्री बना कर बड़ा सियासी दांव जरूर खेला है मगर तीन साल पहले के एक मामले को लेकर कांग्रेस पर हमले भी शुरू हो गए हैं। 2018 में एक महिला आईएएस अधिकारी ने चन्नी पर कई बार आपत्तिजनक संदेश भेजने का आरोप लगाया था। उस समय यह मामला सियासी रूप से काफी गरमा गया था और विपक्षी दलों ने चन्नी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। महिला संगठनों की ओर से भी चन्नी को मंत्री पद से हटाए जाने की मांग की गई थी। विवाद गहराने के बाद चन्नी ने महिला आईएएस अफसर से माफी मांगकर सबका गुस्सा शांत करने की कोशिश की थी। उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए किसी तरह चन्नी की कैबिनेट मंत्री की कुर्सी बचाई थी। कैप्टन की दलील थी कि चन्नी के माफी मांग लेने के बाद अब इस विवाद को पूरी तरह खत्म कर दिया जाना चाहिए।

महिला सुरक्षा के लिए बताया खतरा

अब चन्नी के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद एक बार फिर विवाद गरमा गया है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से चन्नी को तत्काल पद से हटाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि 2018 में 'मी टू' अभियान के तहत चन्नी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए थे। राज्य महिला आयोग ने भी इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया था। चन्नी के खिलाफ महिला संगठनों की ओर से कई दिनों तक धरना और प्रदर्शन किया गया था। अब कांग्रेस ने ऐसे नेता को मुख्यमंत्री के पद पर बैठा दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं। एक महिला के नेतृत्व वाली पार्टी ने चन्नी की मुख्यमंत्री के पद पर ताजपोशी की है। उन्होंने सोनिया के कदम को विश्वासघात बताते हुए चन्नी को महिला सुरक्षा के लिए खतरा भी बताया है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि चन्नी किसी भी सूरत में मुख्यमंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर बैठने लायक नहीं हैं। उन्होंने सोनिया गांधी से चन्नी को मुख्यमंत्री पद से हटाने और उनके खिलाफ जांच कराने की भी मांग की।

भाजपा ने कसा राहुल पर तंज

भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने भी चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने पर कांग्रेस नेतृत्व को घेरा है। उन्होंने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस ने ऐसे नेता की मुख्यमंत्री के रूप में ताजपोशी की है जिस पर 2018 में एक महिला आईएएस अफसर को आपत्तिजनक संदेश भेजने का आरोप लगा था। तत्कालीन सरकार की ओर से मामले को पूरी तरह दबा दिया गया मगर बाद में पंजाब महिला आयोग की ओर से नोटिस भेजे जाने के बाद मामला फिर खुला। उन्होंने ऐसे नेता को मुख्यमंत्री बनाने पर तंज कसते हुए राहुल गांधी को बधाई भी दी।

विवाद और गरमाने के आसार

चन्नी ने सोमवार को ही पंजाब के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। उनके साथ दो और मंत्रियों सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओपी सैनी ने भी शपथ ग्रहण की है। इन दोनों नेताओं को डिप्टी सीएम बनाए जाने की चर्चा है। शपथग्रहण समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह तो मौजूद नहीं थे मगर समारोह में हिस्सा लेने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी राजभवन पहुंचे थे। चन्नी की ताजपोशी को कांग्रेस का बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है। इस कदम को पंजाब के 32 फीसदी दलित मतदाताओं को साधने की बड़ी कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।दूसरी और जानकारों का कहना है कि चन्नी के साथ 'मी टू' का ऐसा मामला जुड़ा हुआ है , जिसे लेकर आने वाले दिनों में विवाद और बढ़ेगा। राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से यह मामला उठाए जाने के बाद पंजाब के महिला संगठनों की ओर से भी चन्नी के खिलाफ एक बार फिर मोर्चा खोला जा सकता है। पंजाब में कांग्रेस को अगले साल विधानसभा चुनाव लड़ना है। ऐसे में महिलाओं की नाराजगी पार्टी के लिए महंगी साबित हो सकती है

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