हिजाब विवाद को लेकर कांग्रेस नेता अजय कुमार का बयान, कहा - अश्लील लगता है खाकी हाफ पैंट
हिजाब विवाद को लेकर राजनीतिक बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। अब इस मामले पर कांग्रेस नेता अजय कुमार ने कहा है कि खाकी हाफ पैंट में नितिन गडकरी अश्लील लगते हैं।
Hijab Controversy : कर्नाटक में शुरू हुआ हिजाब विवाद अब देश भर में एक बड़ा मुद्दा बन गया है। हिजाब विवाद के धार्मिक रंग लेने के बाद से ही इस मुद्दे को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। हर रोज किसी न किसी राजनेता का कोई बयान जरूर सामने आता है। इन्हीं सबके बीच कांग्रेस नेता अजय कुमार का भी एक बयान सामने आया है। अजय कुमार ने सोमवार को अगरतला में हिजाब मामले पर बोलते हुए कहा की 'हर नियम केवल लड़कियों के लिए है खाकी हाफ पैंट जो गडकरी पहनते हैं उसे भी प्रतिबंधित किया जाना चाहिए क्योंकि वह भी अश्लील है।'
कर्नाटक हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई
कर्नाटक में शुरू हुए हिजाब पहनने के विवाद को लेकर मुस्लिम छात्राओं ने कर्नाटक हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। इस याचिका पर सुनवाई भी शुरू हो चुकी है। मामले की सुनवाई कर्नाटक हाईकोर्ट के 3 जजों की बेंच कर रही है। इन तीन जजों में जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित, जस्टिस जेएम खाजी और जस चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी शामिल हैं। बता दें कर्नाटक में हिजाब विवाद शुरू होने पर राज्य सरकार ने वहां के कॉलेजों को कहा था कि हालात बिगड़ने पर कॉलेज को दो-तीन दिनों के लिए बंद किया जा सकता गई। वहीं उडुपी में मामला बिगड़ता देख प्रशासन ने पूरे इलाके में धारा 144 लगा दिया है।
कोर्ट का मीडिया से अनुरोध
कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब मामले पर सुनवाई करते हुए मीडिया से अनुरोध किया था। कोर्ट ने कहा कि इस मामले को लेकर मीडिया को अधिक जिम्मेदार बनना पड़ेगा। कोर्ट ने अनुरोध किया कि सभी पक्ष इस मामले को सांप्रदायिक रंग देने से बचें। गौरतलब है कि हिजाब मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में एक वकील ने राज्यों में चल रहे विधानसभा का तर्क देते हुए कहा कि सोशल मीडिया और मीडिया पर इस मामले को लेकर टिप्पणियां करना प्रतिबंधित कर देना चाहिए।
क्या है मामला
हिजाब पहनने को लेकर विवाद कर्नाटक के उडुपी जिले से शुरू हुआ। जहां भंडारकर कॉलेज उन छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश से रोक दिया गया जिन्होंने हिजाब पहना हुआ था। जिसके बाद छात्राओं ने इस फैसले के खिलाफ जमकर प्रदर्शन भी किया था और हाइकोर्ट में हिजाब पहनने की आज़ादी को लेकर याचिका भी दायर किया। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि हम हम भावनाओं को लेकर नहीं बल्कि संविधान के नियमों के मुताबिक फैसला लेंगे। फिलहाल इस मामले की सुनवाई 15 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गयी है।