Covid-19: मुआवजे के लिए नाबालिगों की याचिका पर दिल्ली HC ने केंद्र और दिल्ली सरकार से मांगा जवाब

Covid-19: दिल्ली हाई कोर्ट ( Delhi HC) ने कोविड-19 (Covid-19) की वजह से किसी परिवार के आजीविका कमाने वाले एकमात्र व्यक्ति की मौत पर परिजनों को मुआवजा प्रदान करने की योजना के क्रियान्वयन के आग्रह से जुड़ी दो बच्चों की याचिका (Plea) पर गुरुवार को केंद्र (Central Government) और दिल्ली सरकार (Delhi Government) को नोटिस जारी किया।

Written By :  Network
Published By :  Durgesh Bahadur
Update: 2021-07-29 16:35 GMT

Delhi High Court (Social Media)

Covid-19: देश की राजधानी दिल्ली के उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने गुरुवार को केंद्र और दिल्ली सरकार से दो नाबालिग भाई-बहनों की ओर से की गई शिकायतों पर जवाब मांगा। इन बच्चों ने उन परिवारों और बच्चों को मुआवजा उपलब्ध कराने वाली योजना को जल्दी लागू करने की मांग की है, जिनकी आजीविका चलाने वाले व्यक्ति की कोविड-19 (Covid-19) के चलते मौत हो गई है। दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिका पर केंद्र (Central Government) और दिल्ली सरकार (Delhi Government) को नोटिस जारी किया।

न्यायाधीश रेखा पल्ली ने इस मामले में केंद्र और दिल्ली सरकार समेत अन्य प्रतिवादियों को अपना जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय और दिया है। अदालत ने कहा कि प्रतिवादियों ने याचिकाकर्ताओं की शिकायत के तेजी से समाधान के मुद्दे पर निर्देश प्राप्त करने के लिए और समय मांगा है। मामले की अगली सुनवाई अब 26 अगस्त को होगी। वहीं, दिल्ली सरकार की ओर से अदालत के सामने पेश हुए अधिवक्ता अनुज अग्रवाल ने हाईकोर्ट को बताया कि कोविड के चलते आजीविका कमाने वाले को खोने वाले परिवारों के लिए एक नीति अस्तित्व में थी। वहीं, नाबालिग भाई-बहनों की ओर से पेश हुए अधिवक्ता भारत मल्होत्रा ने कहा कि याचिका अतिआवश्यक थी और मुख्यमंत्री कोविड-19 परिवार आर्थिक सहायता योजना के नाम से एक योजना दिल्ली सरकार की ओर से पहले ही शुरू की जा चुकी है।

बता दें कि उच्च न्यायालय की एक अवकाशकालीन पीठ ने जून महीने में कोविड-19 से जान गंवाने वाले 41 वर्षीय एक व्यक्ति की कक्षा सात में पढ़ने वाली बेटी और कक्षा दो में पढ़ने वाले बेटे की याचिका पर केंद्र, दिल्ली सरकार, दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग और उपराज्यपाल को नोटिस जारी किये थे।

इन बच्चों के पिता कोरोना वायरस से संक्रमित थे, जिन्हें 18 अप्रैल को यहां जयपुर गोल्डन अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उन्हें ऑक्सीजन प्रणाली पर रखा गया था। याचिका में कहा गया है कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से बच्चों के पिता को बहुत कम ऑक्सीजन प्रदान की गई जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई। इसमें अस्पताल के चिकित्सा निदेशक के उस बयान का भी उल्लेख किया गया जिसमें कहा गया था कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से उनके अस्पताल में 20 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोगों का जीवन दांव पर लगा है।

याचिका में आग्रह किया गया है कि ऑक्सीजन की कमी से या कोविड-19 की वजह से जान गंवाने वालों के परिवारों को मुआवजा प्रदान करने की योजनाओं पर तेजी से क्रियान्वयन करने और राशि त्वरित गति से उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया जाए। इसमें यह भी कहा गया है कि महामारी की वजह से परिवारों के आजीविका कमाने वाले एकमात्र व्यक्ति की मौत के मामलों में निजी अस्पतालों में पढ़ रहे उनके बच्चों की शिक्षा से संबंधित योजनाओं को भी तेज गति से क्रियान्वित करने का निर्देश दिया जाना चाहिए। 

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