अब बच्चों के लिए भी खतरा, कोरोना की तीसरी लहर को लेकर विशेषज्ञों ने जताई बड़ी आशंका

विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Monika
Update: 2021-05-06 08:55 GMT

कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को खतरा (फाइल फोटो: सोशल मीडिया )

नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर (coronavirus third wave) ने इन दिनों पूरे देश को बेहाल कर रखा है। पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना के रिकॉर्ड नए मामले दर्ज किए गए हैं। देश में 4,12,618 नए मरीज कोरोना से संक्रमित हुए हैं। पिछले 24 घंटे में कोरोना से 3980 लोगों की मौत हुई है।

कोरोना की पहली लहर में जहां सबसे ज्यादा बुजुर्ग लोग संक्रमित हुए वहीं दूसरी लहर में युवा वर्ग कोरोना का ज्यादा शिकार बन रहा है। अब विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। यही कारण है कि बाल चिकित्सा और संक्रामक रोगों के विशेषज्ञ जल्द से जल्द बच्चों का टीकाकरण शुरू करने पर जोर दे रहा हैं।

कोरोना के रिकॉर्ड मामले और मौतें

देश में कोरोना की दूसरी लहर लगातार बेकाबू होती जा रही है और बुधवार को रिकॉर्ड 4,12,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए। यह एक दिन में मिलने वाले नए केसों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। नए केसों की संख्या बढ़ने के साथ ही मौतों की संख्या भी बढ़ने से लोगों की चिंताएं काफी बढ़ गई हैं।

बीते 24 घंटे के दौरान 3980 लोगों की मौत हुई है और यह मौतों का भी सबसे बड़ा आंकड़ा है। देश में अब तक 2 करोड़ से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। ऐसे में इस बीमारी को लेकर लोगों की चिंताएं लगातार बढ़ती जा रही हैं।

कोरोना वायरस टेस्ट (फोटो : सोशल मीडिया )

तीसरी लहर बच्चों के लिए जानलेवा

विशेषज्ञों ने देश में कोरोना की तीसरी लहर की भी आशंका जताई है और उनका कहना है कि इस तीसरी लहर में कोरोना बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। दुनिया के दूसरे देशों में ऐसा देखा भी गया है।

विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर का हमला सितंबर तक हो सकता है। यही कारण है कि विशेषज्ञों ने सरकार से मांग की है कि बच्चों के टीकाकरण का काम जल्द से जल्द शुरू किया जाए ताकि 18 साल से कम उम्र वाले बच्चों को कोरोना से बचाया जा सके।

बच्चों का टीकाकरण शुरू करने की मांग

संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नितिन शिंदे ने सरकार से जल्द से जल्द बच्चों का टीकाकरण कार्यक्रम शुरू करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ऐसा न होने पर कोरोना वायरस की तीसरी लहर बच्चों के लिए काफी खतरनाक साबित होगी।

देश में 18 साल से ऊपर के युवाओं का टीकाकरण कार्यक्रम तो शुरू हो चुका है मगर अभी सरकार की ओर से बच्चों के टीकाकरण को लेकर कोई सुगबुगाहट नहीं दिख रही है। डॉक्टर शिंदे का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। इसलिए हमें बच्चों को इस खतरनाक वायरस से बचाने पर भी ध्यान देना चाहिए।

दूसरी लहर में भी संक्रमित हो रहे बच्चे

विशेषज्ञों के मुताबिक अभी तक कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने बच्चों में ज्यादा कहर नहीं बरपाया है, लेकिन कुछ इलाकों में संक्रमित बच्चों की संख्या में काफी तेजी आई है। मुंबई और पुणे जैसे शहरों में काफी संख्या में बच्चे भी दूसरी लहर में संक्रमित हुए हैं।

तीसरी लहर में यह वायरस बच्चों के लिए भी काफी खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए हमें इस दिशा में भी अभी से ही सोचना शुरू कर देना चाहिए।

बच्चों में कोरोना संक्रमण का खतरा (फोटो: सोशल मीडिया)

तभी संभव होगी हर्ड इम्युनिटी

विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि बच्चों के टीकाकरण के बिना हर्ड इम्युनिटी संभव नहीं है। जानकारों के मुताबिक 0 से 18 वर्ष की देश में कुल 30 फ़ीसदी आबादी है। हमें इस आबादी का भी ख्याल रखना होगा क्योंकि बच्चे संक्रमण के वाहक है और वे तीसरी लहर में दूसरे लोगों को संक्रमित करना जारी रख सकते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि अभी बच्चों की शिक्षण संस्थाएं बंद चल रही हैं मगर बच्चों के टीकाकरण के बिना स्कूलों को खोलना संभव नहीं दिखता है।

तीसरी लहर की आशंका से इनकार नहीं

विशेषज्ञों का कहना है कि पीक पर पहुंचने के बाद मई के अंत तक कोरोना के केसों में तेजी से कमी आ सकती है। ऐसे में कोरोना के नए मामलों का दैनिक आंकड़ा घटकर एक लाख से कुछ ज्यादा ही रह जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि हम यह नहीं कह सकते कि कोरोना के केस शून्य हो जाएंगे, लेकिन दूसरी लहर के कमजोर पड़ने के बाद कोरोना के नए मामलों में तेजी से गिरावट आएगी।

उधर एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने भी चेतावनी दी है कि देश में महामारी की तीसरी लहर की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि महामारी के वर्तमान के हालात और भविष्य के खतरे से बचने के लिए हमें सबसे पहले अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं के ढांचे को मजबूत बनाना होगा। इसके साथ ही वैक्सीनेशन की रफ्तार भी तेज करनी होगी।

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