Corona Vaccination: देश की 97% से व्यस्क आबादी को दी गयी वैक्सीन की पहली डोज, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दी जानकारी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने जानकारी दी कि देश की 97 प्रतिशत से अधिक आबादी को कोरोना की पहली डोज लगी। इसके अलावा देश में 15–18 वर्ष के आयु वर्ग के 74 प्रतिशत किशोरों को भी कोरोना वैक्सीन का एक डोज लग चुका है।;
वैक्सीनेशन (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)
Corona Vaccination कोरोना के चौथे लहर को लेकर आ रही खबरों के बीच कोरोना वैक्सीनेशन में भारत सरकार को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने देशभर में हुए कोरोना टीकारकरण की जानकारी देते हुए कहा कि अब तक देश की 97% से अधिक व्यस्क आबादी कोरोना वैक्सीन की पहली डोज ले चुकी है। इसके अलावा देश में 15 – 18 वर्ष के आयु वर्ग के 74 प्रतिशत किशोरों को भी कोरोना वैक्सीन का एक डोज लग चुका है। स्वास्थय मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, देश के 29 जिलों में कोविड संक्रमण की दर 10 प्रतिशत से अधिक है।
चौथे लहर की आहट
इस बीच तीसरे लहर का खौफ उतरने के बाद कोरोना के एक बार फिर दस्तक देने की चर्चाएं गर्म होने लगी है। वर्तमान में कोरोना के घटते केसों को देखते हुए जहां कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञ कोरोना के प्रकोप को खत्म होने की बात कह रहे हैं, वहीं कुछ विशेषज्ञ ऐसे भी हैं जिन्होंने गणितीय मॉडल के आधार पर कोरोना के एकबार फिर से वापसी की संभावना जताई है। उनका मानना है कि विदेशों में कोरोना की चौथी औऱ पांचवीं लहर आ चुकी है। ऐसे में भारत में भी ये लहर आना तय है। उनके अनुसार , जुन माह से कोरोना के केसों में बढोतरी होनी शुरू होगी।
आईसीएमआर (ICMR),जोधपुर मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ अरूण शर्मा ने इस अंदेशों का खारिज करते हुए कहा कि विदेश में चौथे और पांचवे लहर के आने का मतलब ये नहीं कि ऐसा भारत में भी होगा। उन्होंने कहा कि विदेशों में जो तीसरी लहर आई है उसका कारण ओमिक्रोन वैरिएंट था। जो भारत में तीसरे लहर के दौरान प्रभावी रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि अब अगर कोई लहर आती भी है तो वो उतनी खतरनाक नहीं होगी, जितनी की पहली दो कोरोना की लहरें थीं।
ऐसे में कोरोना से बचने का एकमात्र उपाय फिलहाल कोरोना वैक्सीन ही है। इससे कोविड के खिलाफ जंग में निर्णायक सफलता मिल रही है। मिली जानकारी के अनुसार, कोरोना के टीके का एक डोज मृत्यु दर को रोकने में 98.9 प्रतिशत प्रभावी है, जबकि दोनों खुराक 99.3 प्रतिशत प्रभावी हैं।