कोरोना मरीजों पर अब होगा एंटीबॉडी कॉकटेल का प्रयोग, रामबाण साबित हुआ है यह तरीका
कई देशों में एंटीबॉडी कॉकटेल का इस्तेमाल किया जा चुका है। अब भारत में इसका इस्तेमाल किया जायेगा
नई दिल्ली: देश के लाखों कोरोना मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। दुनिया के कई देशों में इस्तेमाल हो चुकी एंटीबॉडी कॉकटेल का इस्तेमाल किया जा चुका है। अब भारत में भी इस तरीके का इस्तेमाल गंभीर रोगियों की जान बचाने के लिए किया जा सकेगा। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) ने इसके आपात इस्तेमाल को अपनी मंजूरी दे दी है।
एंटीबॉडी कॉकटेल तरीका वह है जिससे अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जान बचाई जा सकी है। जब कोविड संक्रमण की वजह से ट्रंप की हालत लगातार बिगड़ रही थी तो उन्हें चिकित्सकों ने एंटीबॉडी कॉकटेल दिलाया था। इसके बाद ही उनकी हालत में तेजी से सुधार देखा गया था। अब यही तरीका भारत में भी 19 मरीजों पर प्रयोग के तौर पर आजमाया जाएगा। दवा निर्माता कंपनी रॉश इंडिया ने दो दिन पहले यह जानकारी विशेषज्ञों से साझा की है। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें भारत सरकार के सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन ने एंटीबॉडी कॉकटेल के इस्तेमाल की आपात अनुमति दे दी है।
कंपनी के ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि एंटीबॉडी कॉकटेल का इस्तेमाल करने के अनुमति पाने के लिए उन्होंने भारत सरकार के सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन को वह सारी जानकारी मुहैया कराई है जिसके आधार पर इस तरीके को आपात स्थिति में बेहद कारगर माना जा रहा है। अमेरिका में एंटीबॉडी कॉकटेल के इस्तेमाल से संबंधी आंकड़े और यूरोपीय संघ के उन वैज्ञानिकों की रिपोर्ट भी सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन के सामने पेश की गई। यूरोपीय संघ की यह समिति जिसे सीएचएमपी कहा गया है वह मानव पर चिकित्सा उत्पादों के इस्तेमाल के बारे में अपनी राय देती है।
कंपनी की ओर से यह भी बताया गया है कि एंटीबॉडी कॉकटेल के तहत भारत में कासिरिविम्ब और इमदेवमब दवाओं का इस्तेमाल किया जाएगा। एंटीबॉडी कॉकटेल वह तरीका है जिसमें मरीजों को एक साथ दो या कई एंटीबॉडी दवाओं का मिश्रण एक डोज बनाकर किया जाता है। कंपनी के अनुसार 19 मरीजों पर प्रयोग सफल होने के बाद अगली प्रक्रिया पूरी की जाएगी। आवश्यकता के अनुसार भारत में इन दवाओं का निर्माण दुनिया के अन्य उतपादकों से आयात कर किया जाएगा। कंपनी की रणनीतिक साझेदार सिपला के साथ इसे भारत में मरीजों तक पहुंचाया जाएगा।