Diwali 2021: जानिए कब छुड़ा सकेंगे पटाखे, यहां देखें आपके राज्य में तय हुई समयसीमा
Diwali Guidelines 2021: दिवाली नजदीक है और लोग इस मौके पर पूजा-पाठ, अच्छा खाने के साथ साथ पटाखे जलाने के भी शौकीन होते हैं। लेकिन इस बार कई राज्यों में पटाखों पर प्रतिबंध है या फिर पटाखे जलाने के लिए समयसीमा तय है, ऐसे में आप अपने राज्य के दिवाली गाइडलाइन के बारे में जान लें।
Patakhe Jalane Ka Time: दीपावली 2021 आ गई है। चार नवंबर को दीपावली है। युवाओं के मन में दीपावली का उल्लास हिलोरें ले रहा है। सब पटाखे (Patakhe) छुड़ाने को लेकर अपनी तैयारी में जुटे हैं। लेकिन अभी सबके मन में संशय बरकरार है। क्योंकि पटाखों के धमाकों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution), वायु प्रदूषण (Air Pollution) को लेकर सरकार और अदालत बहुत ही सख्त है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने तो पटाखों पर प्रतिबंध (Patakho Per Pratibandh) भी लगाया हुआ है लेकिन हाल ही में अदालत ने साफ किया है कि सभी पटाखों पर प्रतिबंध नहीं है, केवल उन पटाखों पर प्रतिबंध है जिनमें बेरियम साल्ट (Barium Salt) का इस्तेमाल होता है। इसलिए एक असमंजस बना हुआ है कि आप पटाखे कब और कैसे छुड़ाएंगे।
आप के इस संशय को दूर करने के लिए न्यूजट्रैक सबसे पहले आपको जानकारी दे रहा है कि राज्यवार पटाखे छुड़ाने की जो ताजा गाइडलाइन (Diwali Guidelines 2021) आई है उसके मुताबिक अगर आपके जिला प्रशासन ने आपको पटाखे छुड़ाने की इजाजत (Patakhe Jalane Ki Anumati) दी तो आप कितने बजे से कितने बजे तक पटाखे छुड़ा पाएंगे। आइये जानते हैं दीपावली पूजा के बाद क्या है पटाखे छुड़ाने का समय (Patakhe Jalane Ka Samay 2021), जिसको रखना है आपको ध्यान में।
कौन से पटाखे हैं बैन (Kon Se Patakhe Hai Ban)?
हम पहले आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दीपावली 2021 को ध्यान में रखकर जो गाइडलाइन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पटाखों पर रोक (Patakho Par Rok) के संबंध में जारी की गई है वह नई गाइडलाइन क्या है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए पटाखों को प्रतबंधित किया है कि यह प्रदूषण का बहुत बड़ा कारण हैं। हालांकि अदालत ने कहा है कि सभी तरह के पटाखों पर प्रतिबंध नहीं है केवल उन पटाखों को प्रतिबंधित किया गया है जिनमें बेरियम साल्ट का इस्तेमाल होता है।
क्या होता है बेरियम साल्ट (Kya Hota Hai Barium Salt)?
विकीपीडिया पर दी गई जानकारी के मुताबिक बेरियम सल्फेट (Barium sulfate) एक अकार्बनिक यौगिक है जिसका रासायनिक सूत्र BaSO4 है। यह सफेद क्रिस्टलीय ठोस है। यह गंधहीन तथा जल में अविलेय है। यह बैराइट (barite) नामक खनिज के रूप में पाया जाता है जो बेरियम का मुख्य स्रोत भी है। बेरियम के विलेय लवणों में यह सबसे अधिक प्रसिद्ध है। इसके विलेय लवण विषैले होते हैं। सभी बेरियम लवण बुंसन ज्वाला को हरा रंग देते हैं। जो कि पर्यावरण के लिए खतरनाक होती है।
इसके अलावा अदालत ने उन पटाखों को भी प्रतिबंधित किया है जो स्वास्थ्य के लिए खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक सिद्ध हो सकते हैं। आप को बता दें कि अदालत ने चेतावनी दी है कि जो राज्य और केंद्रशासित प्रदेश उसकी गाइडलाइन का पालन नहीं करा पाएंगे उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
क्या है नई गाइडलाइन (Diwali ki Guidelines Kya Hai)?
जानकारी के मुताबिक असम के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PCB) ने तकरीबन एक सप्ताह पहले एक अधिसूचना जारी कर इको फ्रेंडली ग्रीन क्रैकर्स (Green Firecrackers) को छोड़कर सभी तरह के पटाखों को फोड़ने और बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध (Patakho Ki Bikri Par Rok) लगा दिया है।
असम में पटाखे जलाने का समय (Assam Mein Patakhe Jalane Ka Samay)- अधिसूचना के अनुसार, दिवाली के दौरान रात 8 बजे से रात 10 बजे तक और छठ पूजा के दौरान सुबह 6 बजे से सुबह 8 बजे तक केवल दो घंटे के लिए ही ग्रीन कैकर्स फोड़ें जा सकते हैं। हालांकि इस पर अभी सहमति नहीं है मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि राज्य सरकार के परामर्श के बिना आदेश जारी किया गया है और पटाखों की बिक्री और उपयोग पर एक नया निर्णय शीघ्र लिया जाएगा।
दिल्ली में पटाखे नहीं दिये जलाओ अभियान
जहां तक देश की राजधानी या देश का दिल कही जाने वाली दिल्ली की बात है तो वहां की आम आदमी पार्टी की सरकार ने पटाखों की बिक्री (Patako Ki Bikari) और इस्तेमाल (Patakho Ka Istemal) पर पूरी तरह रोक लगा दी हैष दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने 1 जनवरी, 2022 तक पटाखों की बिक्री और फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया हुआ है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने "पटाखे नहीं, दिया जलाओ" अभियान छेड़ा हुआ है वह लोगों से इस त्योहार पर पटाखे नहीं खरीदने की अपील कर रहे हैं। गौरतलब है कि दिल्ली पड़ोसी राज्यों में पराली जलाये जाने के कारण प्रदूषण का भयानक प्रकोप झेल रहा है और दीपावली पर पटाखों का प्रयोग प्रदूषण को बेहद घातक स्तर तक ले जाता है।
छत्तीसगढ़ ये है टाइमिंग (Chhattisgarh Mein Patakhe Jalane Ka Samay)
छत्तीसगढ़ में दिवाली और गुरुपर्व के दौरान रात 8 बजे से रात 10 बजे तक पटाखे फोड़ने की अनुमति है, छठ पूजा पर सुबह 6 से 8 बजे तक और नए साल और क्रिसमस पर रात 11.55 से 12.30 बजे तक पटाखे छोड़ने की अनुमति रहेगी।
चंडीगढ़ में नहीं दगेंगे पटाखे (Chandigarh Diwali Guidelines)
चंडीगढ़ ने भी प्रदूषित वातावरण के कारण कोविड के प्रसार के जोखिम को रोकने के लिए किसी भी प्रकार के पटाखों की बिक्री या उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। 'कोविड की मौजूदा स्थिति, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश और आपदा प्रबंधन कानून को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है।
कर्नाटक (Karnataka Mein Patakhe Jalane Ka Samay)
कर्नाटक सरकार के आदेश के अनुसार, परमिट लेने वाले विक्रेता ग्रीन क्रैकर्स ही बेच सकते हैं। यहां पटाखे छुड़ाने की टाइमिंग पर अभी फैसला नहीं हुआ है।
पंजाब में पटाखे जलाने का टाइम (Punjab Me Patakhe Jalane Ka Time)
पंजाब में भी केवल ग्रीन क्रैकर्स दगाने की अनुमति है। टाइमिंग अभी घोषित नहीं की गई है।
हरियाणा में क्या है दिवाली गाइडलाइंस (Haryana Diwali Guidelines)?
राज्य के भिवानी, चरखी दादरी, फरीदाबाद, गुरुग्राम, झज्जर, जींद, करनाल, महेंद्रगढ़, नूंह, पलवल, पानीपत, रेवाड़ी, रोहतक और सोनीपत में सभी तरह के पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध है।
राज्य ने उन शहरों और कस्बों में हरे पटाखों की अनुमति दी है जहां हवा की गुणवत्ता "मध्यम" या नीचे की श्रेणी में है। दिवाली और गुरुपुरब जैसे अन्य त्योहारों के दौरान पटाखे फोड़ने की अनुमति केवल रात 8 बजे से रात 10 बजे तक ही दी जाएगी। छठ पर्व के लिए सुबह छह बजे से आठ बजे तक अनुमति दी जाएगी। क्रिसमस और नए साल पर 24 दिसंबर को रात 11.55 बजे से 25 दिसंबर को दोपहर 12.30 बजे तक और 31 दिसंबर को रात 11.55 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक आतिशबाजी की अनुमति होगी।
राजस्थान (Rajasthan Diwali Crackers)
राज्य में केवल हरे पटाखों की अनुमति दी है। दिवाली, गुरुपुरब और अन्य त्योहारों (रात 8 बजे से 10 बजे तक), छठ के दौरान (सुबह 6 बजे से 8 बजे तक) और क्रिसमस और नए साल पर (रात 11.55 बजे से 12.30 बजे तक) हरे पटाखों के उपयोग की अनुमति रहेगी। हालांकि, खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों में प्रतिबंध लागू रहेगा।
तमिलनाडु (Diwali Crackers Timings Tamil Nadu)
तमिलनाडु सरकार ने भी बेरियम नमक सामग्री वाले पटाखों के निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया है और साथ ही 'सरवेदी' प्रकार के पटाखों (जिसमें एकल इकाइयों को एक साथ जोड़कर इसे एक स्ट्रिंग बनाने के लिए) पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही, ऐसे उत्पादों का भंडारण, परिवहन और बिक्री प्रतिबंधित कर दी है।
पश्चिम बंगाल (West Bengal Firecracker Ban)
पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डब्ल्यूबीपीसीबी) ने काली पूजा, दिवाली और अन्य त्योहारों के दौरान सभी प्रकार की आतिशबाजी की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। बोर्ड ने पहले ग्रीन आतिशबाजी की बिक्री और फोड़ने की अनुमति दी थी।
उड़ीसा (Odisha Diwali News)
राज्य सरकार ग्रीन पटाखों की बिक्री और उपयोग पर अभी निर्णय नहीं लिया है। राज्य की अभी नई अधिसूचना के साथ आना बाकी है।
पुडुचेरी (Puducherry Firecrackers Guidelines)
सबसे अनूठा फैसला पुदुचेरी सरकार का है जिसने आम जनता के लिए 70 प्रतिशत सब्सिडी पर पटाखों का लाभ उठाने का फैसला किया है। लगभग दो साल बाद, सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश में पटाखों की बिक्री की अनुमति दी है।
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