राकेश टिकैत को धमकी देने वाला शख्स हुआ गिरफ्तार, पूछताछ में किया ये खुलासा

Farmers Protest: राकेश टिकैत को धमकी देने वाला शख्स गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी नोएडा की एक कंपनी में काम करता है।

Reporter :  Bobby Goswami
Published By :  Shreya
Update:2021-05-29 11:54 IST

राकेश टिकैत-आरोपी शख्स जितेंद्र (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Rakesh Tikait Received Death Threats: कौशांबी पुलिस (Kaushambi Police) ने भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) को फोन पर धमकी देने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पेशे से इंजीनियर (Engineer) है। मूल रूप से मुजफ्फरनगर निवासी जितेंद्र नोएडा की कंपनी में काम करता है। जितेंद्र कुमार सिंह पुत्र वेदपाल सिंह जनकपुरी दिल्ली शिक्षा एवं एचईसीएल में कार्यरत है।

पुलिस पूछताछ में पता चला है कि आरोपी लगातार किसानों द्वारा दिए जा रहे धरने से नाराज था। उसे किसानों की मांगे पसंद नहीं थी। इसलिए उसने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता तक अपनी बात पहुंचाने के लिए धमकी भरे अंदाज में उन्हें व्हाट्सएप कॉल और मैसेज भेजे थे।

आंदोलन से परेशान था व्यक्ति

बताया जा रहा है कि आरोपी ने इसके लिए अपना ही मोबाइल फोन इस्तेमाल किया था। आरोपी इंजीनियर टीवी पर लगातार किसान आंदोलन से जुड़ी हुई खबरें देखता था और उसका अपडेट होते ही किसान नेता को फोन करने का प्रयास करता था। धमकी देने वाले आरोपी शख्स ने अभद्र भाषा का प्रयोग भी किया था। आरोपी से आगे की पूछताछ की जा रही है।

राकेश टिकैत (फाइल फोटो साभार- ट्विटर)

जानें क्या है पूरा मामला?

आपको बता दें कि राकेश टिकैत (RakeshTikait) को फोन पर जान से मारने की धमकी (Threats To Kill) मिली थी। साथ ही उन्हें व्हाट्सएप पर गालियां भी मिली थीं। जिसके बाद भारतीय किसान यूनियन संगठन के कार्यकर्ता प्रज्जवल त्यागी उर्फ मन्नू त्यागी ने कौशांबी थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। 

मामले में किसान यूनियन संगठन के कार्यकर्ता प्रज्जवल त्यागी (Prajjawal Tyagi) ने बताया था कि चार अप्रैल से 26 मई तक एक मोबाइल नंबर से राकेश टिकैत को वाट्सएप पर संदेश आए हैं। जिसमें उन्हें गालियां दी गई हैं। साथ ही मारने की धमकी भी मिली है। जिसके बाद त्यागी ने गुरुवार रात करीब 11 बजे के आसपास कौशांबी थाने में इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने पुलिस को सबूत के तौर पर चैट का प्रिंट आउट भी सौंपा था। पुलिस ने तत्काल ही मामले की जांच शुरू कर दी थी और धमकी देने वाले आरोपी को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। 

इससे पहले भी मिल चुकी हैं धमकियां

बता दें कि इससे पहले भी राकेश टिकैत को फोन पर धमकियां मिल चुकी हैं। सबसे पहले उन्हें दिसंबर में फोन पर धमकी मिली थी। जिसके बाद पुलिस ने आरोपित मानव मिश्रा को बिहार के भागलपुर से गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें अप्रैल में धमकी मिली। इस मामले का आरोपी युवक फिरोजाबाद से पकड़ा गया। फिर हफ्ते भर पहले उन्हें तीसरी धमकी मिली, जिसकी पुलिस फिलहाल जांच कर रही है। इस बीच एक बार फिर से उन्हें वाट्सएप संदेश भेज कर धमकी दी गई है। यह चौथी बार है जब उन्हें धमकी मिली है। पुलिस इस मामले में भी आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

आज कोर्ट में किया जाएगा पेश

फिलहाल धमकी देने वाले आरोपी जितेंद्र से पूछताछ में पता चला है, कि उसके साथ धमकी देने के दौरान कोई शामिल नहीं था। पुलिस आज आरोपी को कोर्ट में पेश करेगी। पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी बीती रात दिल्ली के जनकपुरी से की है और उसे कौशांबी थाने लाया जा चुका है।

आंदोलन करते किसान (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया)

26 नवंबर से जारी है किसानों का आंदोलन

गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांगों को लेकर किसान संगठन 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि जब तक केंद्र द्वारा इन कानूनों को वापस नहीं लिया जाता है वो इस प्रदर्शन को नहीं खत्म करेंगे। तो वहीं दूसरी ओर सरकार ने भी स्पष्ट कह दिया है कि कानून वापस नहीं होंगे, हालांकि कुछ बदलाव हो सकते हैं। इस संबंध में किसानों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ताएं भी हुईं, लेकिन सभी दौर की बातचीत असफल रही। 

जाहिर है कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद से तो यह आंदोलन खत्म होते दिखाई दे रहा था, लेकिन 29 जनवरी को कुछ ऐसा हुआ, जिसे इस आंदोलन की न केवल दिशा बदल दी, बल्कि आंदोलन को तेजी देने का भी काम किया। दरअसल, जब किसान संगठन आंदोलन से अपना नाम वापस लेने लगे और किसान सीमाओं से अपने राज्य पलायन करने लगे तो 28 जनवरी को राकेश टिकैत के आंसू ने हजारों किसान को फिर से जुटाने का काम किया था।

किसान और सरकार के बीच जल्द हो सकती है वार्ता

बता दें कि बीते कुछ महीनों से सरकार और किसान के बीच कोई वार्ता भी नहीं हुई है। इससे पहले जितनी भी दौर की बातचीत हुई हैं, वो बेनतीजा रहीं। केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच अब तक 11 दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन कृषि कानूनों पर गतिरोध खत्‍म नहीं हुआ है। सरकार व किसानों के बीच आखिरी दौर की बातचीत 22 जनवरी को हुई थी और उसके बाद से बातचीत का रास्ता बंद पड़ा हुआ है। हालांकि अब संयुक्त किसान मोर्चा ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बातचीत फिर से शुरू करने की पहलकदमी करने की अपील की है।
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