पद्म पुरस्कार: आपस में भिड़े कांग्रेसी, किसी ने की सराहना तो किसी ने उठाए सवाल

भारत सरकार द्वारा कल पद्म पुरस्कार के लिए नामों का एलान किया। जिसमें खेल जगत के साथ राजनीति से भी लोगों को सम्मानित किया है।

Published By :  Bishwajeet Kumar
Written By :  Krishna
Update:2022-01-26 15:12 IST

Ghulam Nabi Azad 

नई दिल्ली: देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस में गुटबाजी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री औऱ वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) को पद्म भूषण पुरस्कार के लिए नामांकित किया है। केंद्र सरकार के इस ऐलान पर एकबार पर कांग्रेस की अंदरूनी कलह सतह पर आ गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) और तिरूवनंतपुरम से कांग्रेस के लोकसभा सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने जहां इसे लेकर गुलाम नबी आजाद को शुभकामनाएं दी हैं। वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने इसे लेकर गुलाम नबी आजाद पर कटाक्ष किया है।

सिब्बल का पार्टी नेतृत्व पर तंज

कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की कार्यशैली पर अक्सर सवाल उठाने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने अपने सियासी सहयोगी गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण पुरस्कार के लिए नामांकित किया जाने पर बधाई दी है। सिब्बल ने इसी बहाने एकबार फिर कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट कर कहा, गुलामनबी आजाद को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। भाईजान बधाई हो। यह विडंबना है कि कांग्रेस को आज उनकी सेवाओं की जरूरत नही है। लेकिन राष्ट्र उनके सार्वजनिक जीवन में दिए गए योगदानों को मानता है।

शशि थरूर

इसके अलावा केरल से कांग्रेस के लोकसभा सांसद शशि थरूर ने भी ट्वीट कर पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को बधाई दी। कांग्रेस सासंद ने ट्वीट कर लिखा, श्री गुलाम नबी आजाद को उनके पद्म भूषण पर बहुत बधाई. जनसेवा के लिए दूसरे पक्ष की सरकार की तरफ से भी पहचाना जाना अच्छी बात है।

जयराम रमेश ने उठाए सवाल

वहीं आध्र प्रदेश से आने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने गुलाम नबी आजाद द्वारा पद्म पुरस्कार को स्वकार करने पर निशाना साधा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने वयोवृध्द वामपंथी नेता औऱ वेस्ट बंगाल के पूर्व सीएम बुद्धदेव भट्टाचार्य का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने सही किया, वो आजाद रहना चाहते थे, गुलाम नहीं। बता दें कि बुद्धदेव भट्टाचार्य को पद्म पुरस्कार के लिए नामंकित किया गया था, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया।

कांग्रेस में कलह

गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा में कांग्रेस की पराजय के बाद से कांग्रेस में कलह खुलकर सामने आ गई। पार्टी में फुल टाइम राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति अभी तक न होने को लेकर कई सीनियर नेताओं ने आपत्ति दर्ज कराई। वो इसे लेकर कई बार राहुल गांधी पर निशाना भी साध चुके हैं। कांग्रेस में ऐसे अंसतुष्ट नेताओं को G23 कहा गया है। जिसमे कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद, राज बब्बर (Raj Babbar) औऱ भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupesh Singh Hudda) जैसे दिग्गज चेहरे शामिल हैं। गुलाम नबी आजाद राज्यसभा में कांग्रेस के नेता थे। उनके कार्य़काल पर पीएम मोदी (PM Modi) द्वारा उन्हें लेकर दी गई स्पीच काफी चर्चे में रही थी। मोदी से उनकी करीबी कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को रास नहीं आई। यही वजह है कि उन्हें फिर राज्यसभा के लिए नहीं चुना गया। आजाद तब से कई बार पार्टी की कमजोरियों को सार्वजनिक मंच पर रख चुके हैं।

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