Government vs Twitter: कंपनी के अधिकारी संसदीय समिति के सामने हुए पेश, बयान दर्ज कराया
ट्विटर के अधिकारी संसदीय समिति के सामने ट्विटर इंडिया के प्रतिनिधि पेश हुए और सोशल मीडिया मंच के दुरुपयोग, नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के मुद्दे पर बयान दर्ज कराया।
Government vs Twitter: सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर और सरकार के बीच दिनों दिन तनातनी बढ़ती जा रही है। संसदीय समिति ने आज शाम चार बजे ट्विटर के अधिकारियों को उसके समक्ष पेश होने के लिए समन जारी किया था। इसी क्रम में संसदीय समिति के सामने ट्विटर इंडिया के प्रतिनिधि पेश हुए और सोशल मीडिया मंच के दुरुपयोग, नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के मुद्दे पर बयान दर्ज कराया। कंपनी ने अपने बयान में क्या कुछ कहा है इस बारे में अभी और अधिक जानकारी का इंतजार किया जा रहा है।
बता दें कि गुरुवार को केंद्र सरकार ने आईटी नियमों का पालन नहीं करने को लेकर ट्विटर कंपनी से कानूनी संरक्षण छीन लिया। आईटी को लेकर गठित स्थाई समिति इस दौरान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग को लेकर सवाल-जवाब करेगी। साथ ही सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल से बचने को लेकर भी अधिक जानकारी मांगेगी। बता दें कि नए आईटी कानून को लागू करने में हो रही देरी को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अगुवाई वाली कमेटी ने फेसबुक, ट्विटर समेत कई बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को तलब किया था।
स्टैंडिंग कमेटी के नोटिस के अनुसार, 18 जून को होने वाली बैठक का एजेंडा नागरिकों के अधिकारों को लेकर ट्विटर के प्रतिनिधियों की बात को सुनना होगा। इस दौरान प्लेटफॉर्म्स के दुरुपयोग के अलावा डिजिटल क्षेत्र में महिलाओं की सुरक्षा पर भी चर्चा की जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स में एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि महिलाओं के उत्पीड़न की कई शिकायतें होने के चलते ट्विटर पर कई बार उल्लंघनों के आरोप लगे हैं।
केंद्र ने ट्विटर का 'इंटरमीडियरी' का दर्जा खत्म
केंद्र ने हाल ही में ट्विटर का 'इंटरमीडियरी' का दर्जा खत्म कर दिया है। साथ ही कंपनी को भारतीय कानूनों की सीमा में भी लाया गया है। खास बात यह है की बीते कुछ महीनों से कई मुद्दों को लेकर ट्विटर और भारत सरकार के बीच तनातनी जारी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी के एक सदस्य ने कहा है कि पार्टी ट्विटर के प्रतिनिधियों से पूछेगी कि लाल किला विरोध प्रदर्शन के बाद कितने अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगाया गया।
समिति में मतभेद हुए
खबर है कि थरूर और समिति के सदस्य निशिकां दुबे के बीच तनाव की स्थिति तैयार हो चुकी है। दुबे ने आरोप लगाया था कि थरूर कांग्रेस और राहुल गांधी का एजेंडा आगे बढ़ा रहे हैं। साथ ही यह भी कहा गया था कि वे कमेटी का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। दुबे इसके संबंध में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर थरूर को हटाने की मांग कर चुके हैं।
गैरकानूनी सामग्री डालने पर वह उसकी जिम्मेदार होगी- मंत्री रविशंकर प्रसाद
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को देश के नये सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों की जानबूझकर अवहेलना करने और उनका पालन करने में विफल रहने के लिए ट्विटर की आलोचना की। इसके साथ ही ट्विटर ने भारत में मध्यस्थ प्लेटफार्म को मिलने वाली छूट हक खो दिया है और उपयोगकर्ताओं के किसी भी तरह की गैरकानूनी सामग्री डालने पर वह उसकी जिम्मेदार होगी।