हर घर अन्न को लेकर सियासत तेज, रविशंकर प्रसाद ने दिल्ली सरकार पर लगाए यह आरोप
पश्चिम बंगाल की तरह दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच तकरार की स्थिति बनी रहती है।
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की तरह दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच तकरार की स्थिति बनी रहती है। इस समय यहां हर घर अन्न को लेकर सियासत चरम पर पहुंच गई है। एक तरफ जहां केजरीवाल सरकार केंद्र पर उनकी इस महत्वाकांक्षी योजना को रोकने का आरोप लगा रहे हैं, वहीं बीजेपी की तरफ से उनपर तीखा पलटवार किया गया है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि दिल्ली सरकार राशन माफियाओं के शिकंजे में है। उन्होंने केजरीवाल पर तीखा पलटवार करते हुए कहा कि वह हर घर अन्न पहुंचाने की बात कर रहे हैं, कोरोना संकट के दौरान ऑक्सीजन पहुंचा नहीं सके, दवा तक नहीं उपलब्ध करा सके अब अन्न पहुंचाने का जुमला सुना रहे है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार राशन माफिया के नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार पूरे देश में गरीबों को 2 रुपये प्रति किलो गेहूं, 3 रुपये प्रति किलो चावल देती है। इतना ही नहीं कोरोना संकट में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गत वर्ष की तरह इस बार भी नवंबर तक सभी को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चावल पर 37 और गेहूं पर 27 रुपये प्रति किलो का खर्च आता है। भारत सरकार सब्सिडी देकर प्रदेश सरकारों को राशन की दुकानों के जरिए बांटने के लिए अनाज देती है। भारत सरकार करीब 2 लाख करोड़ रुपये सालाना इस पर खर्च करती है। केंद्रीय मंत्री ने केजरीवाल सरकार पर एक देश एक राशन कार्ड लागू नहीं करने का आरोप लगाया और पूछा कि आप क्यों इससे लोगों वंचित रख रहे हैं।
उन्होंने वन नेशन, वन राशन कार्ड की तरीफ करते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा बहुत महत्वपूर्ण योजना शुरू की गई है। देश के 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना सफलता पूर्वक चल रही है। उन्होंने कहा कि अभी तक इस पर 28 करोड़ पोर्टेबल ट्रांजेक्शन हो चुके हैं। उन्होंने अरविंद केजरीवाल से पूछा कि दिल्ली में वन नेशन-वन राशन कार्ड आखिर क्यों नहीं लागू हुआ? इससे आपको क्या परेशानी और क्या दिक्कत है?