India China Border Dispute: विवाद के बिंदुओं के समाधान के लिए 12 जनवरी को वार्ता संभव
India China Border Dispute: विभिन्न मुद्दों पर विवाद के बीच भारत और चीन के कोर कमांडर 12 जनवरी को 14वें दौर की बैठक कर सकते हैं।
India China Border Dispute: भारत और चीन (India China News) के बीच हाल के दिनों में सीमा पर तनाव की ताजा घटनाओं, बयानबाजी और पक्के निर्माण बनाए जाने की घटनाओं के बीच अब दोनों देशों के बीच 12 जनवरी को कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता (Bharat China Ke Bich Varta) का 14वां दौर होने की संभावना है। यह बातचीत पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में विवाद के बचे हुए बिंदुओं से सेना हटाने की प्रक्रिया (Sena Hatane Ki Prakriya) को लेकर केंद्रित होगी। सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के भारतीय हिस्से में चुशूल सीमा (Chushul Border) बिंदु पर होने की संभावना है।
इस बातचीत में संभावना जताई जा रही है कि भारत देपसांग बुलगे और डेमचोक में विवाद के मुद्दों के समाधान सहित टकराव के सभी बिन्दओं पर जल्द से जल्द सहमति तक पहुंचने का दबाव डालेगा। आपको बता दें कि 13वें दौर की वार्ता 10 अक्टूबर को हुई थी और यह वार्ता गतिरोध के साथ समाप्त हुई थी। बातचीत के बाद दोनों पक्ष बातचीत में किसी प्रगति तक पहुंचने में विफल रहे थे और भारतीय पक्ष ने कहा था कि उसके द्वारा दिए गए "रचनात्मक सुझाव" चीनी पक्ष को स्वीकार्य नहीं थे, जिसके चलते बातचीत आगे नहीं बढ़ सकी।
18 नवंबर को वर्चुअल राजनयिक वार्ता में, भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में शेष तनाव के बिंदुओं पर समाधान तक पहुंचने के लिए 14 वें दौर की सैन्य वार्ता को जल्द से जल्द आयोजित करने पर सहमत हुए थे।
भारत द्वारा भेजे गए प्रस्ताव के बाद बातचीत संभव
इससे पहले भारतीय पक्ष ने पिछले दो महीनों में 14वें दौर की वार्ता के लिए कम से कम दो प्रस्ताव भेजे थे लेकिन चीनी पक्ष ने अब तक उनका सकारात्मक जवाब नहीं दिया। अब बातचीत 12 जनवरी को होने की संभावना जताई गई है।
आपको बता दें कि पैंगोंग झील (Pangong Lake) क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद 5 मई, 2020 को भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा पर टकराव (India China Face Off News) हुआ था। दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हजारों सैनिकों के साथ-साथ भारी हथियारों को लेकर अपनी तैनाती बढ़ा दी।
बाद में सैन्य और कूटनीतिक वार्ता की एक श्रृंखला के बाद दोनों पक्षों ने पिछले साल पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे और गोगरा क्षेत्र में सेना को हटाना शुरू किया। वर्तमान में संवेदनशील क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर लगभग 50,000 से 60,000 सैनिक दोनों तरफ तैनात हैं।
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