India-China Varta: भारत-चीन के बीच 12वें दौर की बैठक, गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स से सैनिक हटाने पर जोर
India-China Varta: भारत-चीन के बीच 12वें दौर की बैठक नौ घंटे तक चली, जिसमें भारत ने गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स से सैनिक हटाने पर जोर दिया है।
India-China Varta: भारत और चीन के बीच मई 2020 से ही रिश्ते तनावपूर्ण चल रहे हैं, जिसे सुलझाने के लिए कई वार्ताएं हुईं और उनमें कई बातों पर सहमति भी बनी, लेकिन ड्रैगन की तरफ से उसे पूरा नहीं किया गया। इस बीच शनिवार को एक बार फिर से दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की वार्ता हुई। 12वें दौर की यह वार्ता सुबह साढ़े 10 बजे शुरू हुई, जो कि शाम साढ़े सात बजे खत्म हुई। करीब 9 घंटे तक चली इस बैठक में पूर्वी लद्दाख सेक्टर के साथ चल रहे सैन्य गतिरोध को हल करने के मसलों पर चर्चा की गई।
साढ़े तीन महीने से भी ज्यादा समय के बाद हुई इस बैठक का एक ही मकसद बताया गया वो ये कि पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में 14 महीनों से ज्यादा समय से जारी गतिरोध को खत्म करना। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत की ओर से गोगरा और हाॅट स्प्रिंग्स क्षेत्र से सैनिकों को पिछे हटाने की प्रक्रिया पर जोर दिया गया। आपको बता दें कि इे पहले हुई वार्ता में दोनों देशों के बीच सीमा पर अपनी अपनी सेनाओं को विवादित क्षेत्र से पिछे हटाने पर सहमति बनी थी,लेकिन चीनी सेना ने इसके विपरीत गोगरा और हाॅट स्प्रिंग्स क्षेत्र से सेनाओं को वापस नहीं लिया।
अब एक बार फिर से दोनों देश के प्रतिनिधियों के बीच इस बाबत चर्चा हुई। जाहिर है कि भारत का फोकस इस बात पर है कि ड्रैगन के साथ संपूर्ण संबंधों के लिए देपसांग, हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा में सैनिकों को हटाने सहित अन्य लंबित मुद्दों का हल निकालना बेहद आवश्यक है। बता दें कि अब तक दोनों पक्षों की ओर से 12वें दौर की इस बैठक को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है।
क्या है भारत -चीन विवाद (India China Vivad Kya hai)
दरअसल, चीन और भारत के बीच दशकों से सीमा विवाद चला आ रहा है। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानि LAC पर दोनों तरफ से सेनाएं डेरा डाले हुए हैं। पिछले साल स्थिति तब बिगड़ी जब चीनी सैनिकों ने सीमा पार कर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश की। भारतीय जवानों ने उन्हें रोका। दोनों तरफ से विवाद बढ़ा और गलवान घाटी में हुई झड़प में भारत की 20 जवान शहीद हो गए। चीन के भी 40 से ज्यादा जवान मारे गए। हालांकि चीन ने कभी इस बात की पुष्टि नहीं की। दोनों देशों के इस समय एलएसी पर संवेदनशील क्षेत्र में 50,000 से 60,000 सैनिक हैं।
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