India-China Varta: गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स अहम क्यों, क्या आज निकलेगा लद्दाख सीमा विवाद पर समाधान
India-China Varta: पिछली वार्ता में बीजिंग ने गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्रों से पीछे हटने से मना कर दिया। भारत और चीन के बीच हो रही वार्ता में क्या आज कोई समाधान निकलेगा?
India-China Varta: भारत और चीन के सैनिकों के बीच पिछले साल लद्दाख में LAC पर हुई झड़क के बाद से तनाव है, जिसे कम करने और दोनों देशों की सेनाओं के बीच सुलह-शांति बनाए रखने की दिशा में कई स्तर की वार्ता हो चुकी है। इसके पहले सैन्य और राजनायिक स्तर पर दोनों देश के प्रतिनिधियों की बीच हुई वार्ता के बाद सीमा पर अपनी अपनी सेनाओं को विवादित क्षेत्र से पिछले हटाने की सहमति दी थी। हालांकि एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी सेना ने गोगरा और हाॅट स्प्रिंग्स क्षेत्र से अब तक अपने सैनिकों को नहीं हटाया है। इसी इलाके से सेना हटाने को लेकर शनिवार को भारत और चीन 12वें दौर की वार्ता करेंगे। इसके पहले दोनो देशो के बीच ठीक 112 दिन पहले वार्ता हुई थी।
क्या है भारत -चीन विवाद (India China Vivad Kya hai)
दरअसल, चीन और भारत के बीच दशकों से सीमा विवाद चला आ रहा है। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानि LAC पर दोनों तरफ से सेनाएं डेरा डाले हुए है। पिछले साल स्थिति तब बिगड़ी जब चीनी सैनिकों ने सीमा पार कर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश की। भारतीय जवानों ने उन्हें रोका। दोनों तरफ से विवाद बढ़ा और गलवान घाटी में हुई झड़प में भारत की 20 जवान शहीद हो गए। चीन के भी 40 से ज्यादा जवान मारे गए। हालांकि चीन ने कभी इस बात की पुष्टि नहीं की।
गलवान घाटी झड़प के बाद दोनों देशों के सैनिकों की सीमा पर तैनाती बढ़ा दी गई। कई सालों बाद LAC पर फायरिंग तक की स्थिति बन गई। बार्डर पर शांति कायम रखने के लिए भारत-चीन के बीच वार्ता शुरु हुई। तीन महीने पहले हुए 11वें स्तर की वार्ता में चीन का कड़ा रवैया देखने को मिला। बीजिंग ने गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्रों से पीछे हटने से मना कर दिया। हालांकि इसके पहले चीन ने फरवरी में लद्दाख गतिरोध को कम करने के लिए विवादित पैंगोंग झील से सैनिकों के पीछे हटाने को लेकर रजामंदी दी थी।
गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स से क्यों पीछे नहीं हटना चाहता चीन
बता दें कि चीन के लिए गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और कोंगका ला क्षेत्र बेहद अहम है। भारत ने इन दोनों पोस्टों में सीमावर्ती सैनिकों और गाड़ियों की एकसमान चरणबद्ध तरीके से कमी लाने का प्रस्ताव किया था, लेकिन चीन की ओर से इसे ठुकरा दिया गया। इसकी वजह है कि चीनी सेना के लिए यहां बड़ी मात्रा में रसद की सुविधा है जो उनके सैनिकों के लिए है। मोटर चालित पैदल सेना प्रभाग, एक तोपखाने ब्रिगेड और वायु रक्षा इकाई के तत्व भी क्षेत्र में तैनात रहते हैं।
आज गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स पर निकल सकता है समाधान
सूत्रों के मुताबिक, आज चीन की ओर मोल्डो सीमा बिंदु पर कार्यक्रम होगा, जिसमें दोनों देशों के प्रतिनिधि 12वें दौर की वार्ता के लिए शामिल होंगे। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन करेंगे। लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर हैं।