दिल्ली में अफगान मुद्दे पर नवंबर में होगी मीटिंग, भारत ने पाक NSA को दिया न्योता

नवंबर में भारत ने अफगानिस्‍तान की स्थिति पर राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक होनी है। इसमें कई देशों के साथ पाकिस्‍तान के एनएसए को भी आमंत्रित किया गया है। इस बैठक की अध्‍यक्षता भारत के NSA अजीत डोभाल करेंगे।

Newstrack :  Network
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2021-10-17 02:45 GMT

अगले महीने दिल्ली में अफगानिस्‍तान की स्थिति पर राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (NSA) की बैठक होनी है। इसकी मेजबानी भारत करेगा। इस बैठक में कई अन्‍य देशों के साथ रूस और पाकिस्‍तान को भी न्‍योता दिया गया है। बैठक की अध्‍यक्षता भारत के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल करेंगे।

बता दें कि अफगानिस्तान में सत्ता अधिग्रहण के बाद तालिबान दुनिया से अलग-थलग पड़ा है। रूस, चीन और पाकिस्तान लगातार विश्व शक्तिओं से अपील कर रहे हैं कि तालिबान सरकार को मान्यता दें. लेकिन अभी तक किसी देश ने तालिबान को मान्यता नहीं दी है। इसके कारण वैश्विक संस्थाएं अफगानिस्तान को मदद नहीं कर पा रही है। अफगानिस्तान में तालिबान की नई सरकार बनने के बाद भी विश्व के किसी देश के साथ उसका राजनीतिक और राजनयिक संबंध स्थापित नहीं हो सका है।

अफगानिस्तान का संकट बढ़ता जा रहा है। ऐसे में अफगानिस्तान के मुद्दे पर रूस, चीन और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक बुलाई गई है। बताया जा रहा है कि बैठक के लिए 10 और 11 नवंबर का प्रस्ताव रखा गया है। जो दिल्ली में होगी।.इस बैठक में अफगानिस्तान के सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा होगी।

जून में आमने सामने आए थे भारत-पाकिस्तान के NSA

इससे पहले जून में ताजिकिस्तान में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) की मीटिंग हुई थी। इस दौरान भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और पाकिस्तानी एनएसए मोईद यूसुफ आमने सामने आए थे। हालांकि दोनों के बीच द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई थी। एससीओ की मीटिंग में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया था। इतना ही नहीं, डोभाल ने पाकिस्तान में पनपे लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों से निपटने के लिए एक्शन प्लान भी प्रस्तावित किया।

20 अक्‍टूबर को रूस ने मॉस्‍को में रखा था इसी तरह का सम्‍मेलन

रूस ने भी 20 अक्‍टूबर को मॉस्‍को में इसी तरह का सम्‍मेलन रखा है। इसमें भारत के साथ-साथ उसने तालिबान को भी बुलाया है। हालांकि, भारत सरकार तालिबान को यहां बुलाने को लेकर अभी थोड़ा संकोच में है। कारण है कि तालिबान को अभी अंतरराष्‍ट्रीय बिरादरी की अपेक्षाओं पर खरा उतरना है। खासतौर से मानवाधिकार से जुड़े मसलों को लेकर अभी उससे कहीं ज्‍यादा अपेक्षा हैं। इनमें महिलाओं, बच्‍चों और अल्‍पसंख्‍यकों के मानवाधिकार शामिल हैं।

भारत अफगानिस्तान के मुद्दे पर लगातार एक्टिव है। यही वजह है कि हाल में अजित डोभाल ने रूसी समकक्ष निकोलाई पेत्रुशेव से मुलाकात की थी। दोनों के बीच अफगानिस्तान को लेकर चर्चा हुई थी। इससे पहले डोभाल ने अमेरिकी NSA जैक सुवेलियन से भी इस मुद्दे पर बात की थी।

देखने वाली बात यह है कि पाकिस्‍तान कॉन्‍फ्रेंस में क्‍या भूमिका अदा करता है। और पाकिस्‍तानी एनएसए मोईद यूसुफ आते हैं कि नहीं।

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