Indira Gandhi Ki Punyatithi: प्रियदर्शिनी, गांधी और आयरन लेडी, आइये जानते ये खास बातें
Indira Gandhi Ki Punyatithi: क्या आपको पता है कि भारतीय राजनीति की सबसे प्रभावशाली महिला इंदिरा गांधी किन-किन नामों से जाना जाता है? आइए जानते है इसके बारे में...
Indira Gandhi Ki Punyatithi: भारतीय राजनीति की सबसे प्रभावशाली महिला इंदिरा गांधी का आज शहादत दिवस है। जिनकी उनके ही अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी। जवाहर लाल नेहरू की पुत्री (Jawaharlal Nehru ki putri) इंदिरा को गांधी उपनाम (Indira Gandhi ka upnam) फिरोज से शादी करने के बाद मिला था जिन्हें यह उपनाम महात्मा गांधी ने दिया था। गांधी ने फिरोज को यह नाम सामाजिक स्वीकार्यता के लिए दिया था जिसे गांधी परिवार ने भ्रम की राजनीति को बढ़ावा देने के लिए उपजाति की तरह अपना लिया। आइए जानें कांग्रेसियों के द्वारा लौह पुरुष सरदार पटेल की तर्ज पर आयरन लेडी के नाम से विख्यात रही इंदिरा प्रियदर्शिनी के बार में। इंदिरा को प्रियदर्शिनी नाम गुरुदेव रबीन्द्र नाथ टैगोर ने दिया था।
समय का चक्र कहें या राजनीतिक विविशता। कांग्रेस में प्रमुखता से उभर रही प्रियंका गांधी आज अपनी दादी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि के दो शब्द ट्वीट करना भूल गईं। शायद ऑपरेशन ब्लू स्टार की याद ताजा हो कर सिखों के वोट बैंक पर असर पड़ने का डर रहा हो।
इंदिरा गांधी का जीवन परिचय (Indira Gandhi ka Jivan Parichay)
19 नवंबर 1917 को जन्मीं इंदिरा गांधी (indira gandhi ka janm) विश्व भारती विश्व विश्वविद्यालय में पढ़ने गईं लेकिन यहां उनका पढ़ाई में मन नहीं लगा इसके बाद वह इंग्लैंड चली गईं जहां ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में विफल रहीं लेकिन असफलताओं के बावजूद इंदिरा गांधी ने हार नहीं मानी। 1937 में परीक्षा में सफल होने के बाद इंदिरा ने सोमरविल कालेज ऑक्सफोर्ड में दाखिला लिया। इसी दौरान फिरोज से उनका प्रेम परवान चढ़ा जो लंदन स्कूल आफ इकोनामिक्स में पढ़ रहे थे। 16 मार्च 1942 को इन दोनों की इलाहाबाद में शादी हो गई।
हालांकि 1941 से इंदिरा गांधी अपने पिता जवाहरलाल नेहरू के साथ स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गईं। इसके बाद जब नेहरू प्रधानमंत्री बने तो वह गैर सरकारी रूप से उनके निजी सहायक के रूप में काम करने लगीं। 1964 में जब नेहरू का निधन हुआ तो वह राज्यसभा सदस्य बनीं और लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) मंत्रिमंडल में सूचना प्रसारण मंत्री बनीं। यहां से उनकी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत हुई।
इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री कब बनी (Indira Gandhi Pradhanmantri kab bani)?
लेकिन लाल बहादुर शास्त्री का अचानक निधन हो गया और कामराज के प्रयासों से वह प्रधानमंत्री बनीं। कामराज की योजना उन्हें कठपुतली प्रधानमंत्री बनाने की थी लेकिन इंदिरा गांधी पूरी कामराज लाबी को कांग्रेस से बाहर कर अपना रास्ता साफ कर लिया। गूंगी गुड़िया बोलने लगी। उसके तेवर तीखे थे।
1971 के भारत पाक युद्ध में उन्होंने अपनी राजनीतिक परिपक्वता का अहसास कराया और अमेरिका से सीधी टक्कर ली। यहां से वह विश्व पटल पर स्थापित होना शुरू हुईं। लेकिन इसी बीच चुनाव में गड़बड़ी को लेकर जब उनकी सदस्यता छिनने की स्थिति आई तो उन्होंने आपातकाल लगा दिया। इस दौरान हुए दमन चक्र से उनकी लोकप्रियता का ह्रास हुआ और वह आगामी चुनाव में सत्ता से बाहर हो गईं। हालांकि 1980 में वह फिर से सत्ता हासिल करने में कामयाब रहीं।
इस कार्यकाल में पंजाब में अलगाववाद की आंच तेज हो गई थी जिसमें आतंकवाद से उलझते हुए अंततः उन्हें आपरेशन ब्लू स्टार जैसा कठोर फैसला लेना पड़ा जिसके चलते उनके निजी अंगरक्षकों ने उनकी हत्या कर दी। इंदिरा गांधी इस देश की तीन बार लगातार प्रधानमंत्री रही हैं।