Jammu Kashmir: मुस्लिम पिता-पुत्र ने कायम की मिसाल, 6 साल से कर रहे शिव मंदिर की देखभाल

Jammu Kashmir: मुस्लिम पिता-पुत्र बीते 6 सालों से भगवान शिव मंदिर की देखभाल करते आ रहे हैं।

Report :  Rajat Verma
Published By :  Ragini Sinha
Update: 2022-02-13 07:47 GMT

Jammu and Kashmir: 6 साल से शिव मंदिर की देखभाल कर रहे मुस्लिम पिता-पुत्र (Social Media)

Jammu Kashmir : जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) से एक मुस्लिम पिता-पुत्र जोड़ी की जानकरी सामने आई है, जो बीते करीब 6 सालों से भगवान शिव मंदिर (Muslim familytake care of Shiva temple) की देखभाल करते आ रहे हैं। निसार अहमद अलाई के पिता बीते 6 साल से भगवान शिव के 'गोपी तीर्थ मंदिर' (Gopi tirtha temple) की देखभाल कर रहे हैं तथा अपने पिता के इस सेवाभाव को आगे बढ़ते हुए निसार अहमद भी पिछले 7 महीनों से भगवान शिव की सेवा कर रहे हैं।

मुस्लिम परिवार द्वारा मंदिर की सेवा 

आपने ईश्वर से आस्था के विषय में तमाम कहानियां सुनी होंगी, लेकिन निसार अहमद और उनके पिता की यह कहानी बेहद ही अलग और भारत देश की मूल भावना की रक्षक नज़र आती हैं। एक मुस्लिम परिवार द्वारा मंदिर की सेवा करना लोगों के लिए यकीनन चौंकाने वाला विषय हो सकता है लेकिन हमें हमेशा से प्रत्येक समुदाय और धर्म की इज्जत करना सिखाया गया है, जिसके चलते यह एक सामान्य बात है।

मंदिर के आसपास रहने वाले लोगों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में कई ऐसे मंदिर हैं जिनकी देखभाल कोई मुस्लिम परिवार(Muslim Family) कर रहा है और सभी स्थानीय लोग भी जिसर अहमद के इस काम में मदद करते रहते हैं। 

धर्म के नाम पर लोगों और समुदायों को भड़काने वाले लोगों के लिए निसार अहमद अलाई और उनके पिता एक जीता जागता उदाहरण हैं और इसी के साथ वह भारत देश की एकता और अखंडता को भी भली-भांति प्रदर्शित कर रहे हैं। 

श्रद्धाभाव से भगवान शिव मंदिर की सेवा कर रहे हैं

पिता के पश्चात अब निसार अहमद अपने पिता की जिम्मेदारियों की आगे बढ़ा रहे हैं और इसी क्रम में वह पूरी श्रद्धाभाव से भगवान शिव मंदिर की सेवा कर रहे हैं। आपको बता दें कि निसार अहमद अलाई ना तो बोल सकते हैं और ना ही सुन सकते हैं। यह मंदिर जम्मू-कश्मीर स्थित जाबरावां पहाड़ियों पर स्थित है और इसका नाम 'गोपी तीर्थ मंदिर' है। निसार अहमद इसी मंदिर के प्रांगण की देखरेख करने के साथ ही साफ सफाई का भी ध्यान रखते हैं।

निसार अहमद अलाई और उनके पिता द्वारा प्रदर्शित की गई भावना हमारे देश का आधार है और इसी कारणवश हर एक भारतीय के भीतर इस भावना का जीवित रहना बेहद आवश्यक है।

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