25 जुलाई का भारतीय इतिहास में क्या है महत्व, जानें क्यों मनाया जाता है यह दिन
july 25 special day: आज 25 जुलाई है, जो इतिहास के पन्नों में अहम होता है।;
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ( फोटो सौजन्य से सोशल मीडिया)
july 25 special day: आज 25 जुलाई है, जो इतिहास के पन्नों में अहम होता है। 25 जुलाई को कई ऐतिहासिक घटनाएं घटी है। यह दिन देश के राष्ट्रपति को लेकर अहम है। कई हस्तियों ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली। हर पांच साल बाद 25 जुलाई को भारत को नया राष्ट्रपति मिलता है। भारत के वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी 25 जुलाई 2017 में राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। ऐसे में जानते है किन-किन राष्ट्रपतियों ने 25 जुलाई को शपथ ली थी।
सन 1977 से यह सिलसिला जारी है। 25 जुलाई 1977 को नीलम संजीवा रेड्डी ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। 1982 में ज्ञानी जैल सिंह, 1987 में आर वेंकटरमन, 1992 में शंकर दयाल शर्मा, 1997 में केआर नारायणन, 2002 में एपीजे अब्दुल कलाम, 2007 में प्रतिभा पाटिल, 2012 में प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली।
ऐसा क्यों होता है
भारत में राष्ट्रपति पद कभी खाली नहीं रहा। जिस दिन जिस राष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म होता है, उसी दिन दूसरे राष्ट्रपति को शपथ दिलाई जाती है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 56 के अनुसार, राष्ट्रपति 5 साल के लिए पद धारण करता है। अपनी पदावधि के अवसान के बाद भी वह अपने पद पर तब तक बना रहता है, जब तक उसका उत्तराधिकारी उसका पद ग्रहण नहीं कर लेता।
कौन करता है राष्ट्रपति का चयन
राष्ट्रपति का चयन निर्वाचन मंडल द्वारा किया जाता है। दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य, राज्यों की विधानसभा, दिल्ली क्षेत्र और संघ शासित क्षेत्र, पुडुचेरी के निर्वाचित सदस्य शामिल होते है। अनुच्छेद 58 के मुताबिक, वहीं व्यक्ति राष्ट्रपति का चुनाव लड़ सकता है, जो भारत का नागरिक हो. उसकी उम्र 35 साल से ज्यादा हो. लोकसभा का सदस्य होने के लिए अहिरत हो।