राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष ने शुरू की भाजपा के खिलाफ घेराबंदी, केसीआर करेंगे उद्धव से मुलाकात

उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद देश में राष्ट्रपति चुनाव होना है। जिसको लेकर महाराष्ट्र और दक्षिणी राज्यों के राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ घेराबंदी कर रहे हैं।

Newstrack :  Bishwajeet Kumar
Update: 2022-02-17 09:29 GMT

 तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव (फाइल तस्वीर)

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश समेत देश के पांच राज्यों में इन दिनों विधानसभा चुनाव चल रहा है। चुनाव सरगर्मी में पक्ष-विपक्ष की ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। विधानसभा चुनाव के बाद जल्द ही राष्ट्रपति का भी चुनाव होना है जिसको लेकर सभी विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) को घेरने में लग गए हैं। इसी सिलसिले में तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव (Chandrashekhar Rao) केसीआर (KCR) आने वाले रविवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) से मुलाकात करने वाले हैं।

बीजेपी-केसीआर में मनमुटाव

संसद में भारतीय जनता पार्टी के कई नीतिगत मुद्दों पर समर्थन करने वाले केसीआर राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ घेराबंदी कर रहे हैं। केसीआर का इस तरह से भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ सबसे आगे आने का कारण हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा तेलंगाना के गठन को लेकर उनके भाषण को माना जा रहा है। इसके अलावा केंद्र सरकार और तेलंगाना सरकार के बीच बीते कई दिनों से चावल खरीद के मुद्दे को लेकर भी मनमुटाव बना हुआ है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में तेलंगाना को राज्य का दर्जा देने के मुद्दे पर बोलते हुए इसके प्रक्रिया का आलोचना किया था।

केसीआर के साथ उद्धव

केसीआर का साथ देने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा 'शिवसेना नेता ने केसीआर की लड़ाई के लिए प्रशंसा की है और देश को विभाजन कारी ताकतों से बचाने के लिए उन्होंने सही समय पर आवाज उठाया है आप देश की एकता की रक्षा के लिए और राज्यों के अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखें। इस संबंध में हम जनता का समर्थन जुटाने के लिए आपकी मदद करेंगे और आपको हमारी ओर से पूरा समर्थन मिलेगा।'

बता दें भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ केसीआर की यह नई पहल अपने ही किले को बचाने को लेकर है। जिसका सबसे बड़ा कारण यह है कि भाजपा बीते कुछ सालों में तेलंगाना की राजनीति में तेजी से आगे बढ़ रही है। जिस कारण से अपने भविष्य की रक्षा के लिए उन्हें भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मुकाबला करना पड़ रहा है।

बीजेपी की राह होगी कठिन

गौरतलब है कि देश के 200 से भी अधिक लोकसभा सीटें महाराष्ट्र और दक्षिण के राज्यों से आते हैं। विपक्ष की एकजुटता अगले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है। अगर इसी तरह महाराष्ट्र और दक्षिण राज्यों के छोटे-बड़े सभी राजनीतिक दल एक साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे तो राष्ट्रपति चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी के लिए राह बहुत कठिन होगी।

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