जानिए कौन हैं गांधीजी के परिवार की छवि पर दाग लगाने वाली आशीष लता !

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की परपोती आशीष लता रामगोबिन इन दिनों काफी चर्चा में हैं। आशीष लता रामगोबिन की वजह से गांधीजी के परिवार की छवि पर दाग लगा है।

Written By :  Rahul Singh Rajpoot
Update: 2021-06-09 12:55 GMT

गांधीजी, आशीष लता, फाइल फोटो, साभार-सोशल मीडिया

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की परपोती आशीष लता रामगोबिन इन दिनों काफी चर्चा में हैं। आशीष लता रामगोबिन की वजह से गांधीजी के परिवार की छवि पर दाग लगा है। दक्षिण अफ्रीका की डरबन कोर्ट ने आशीष लता रामगोबिन को सात साल की सजा सुनाई है। उन्हें ये सजा धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में हुई है। उन पर एक बिजनेसमैन एसआर महाराज से रुपये ठगने का आरोप है और इसी मामले में कोर्ट ने उन्हें साल की सजा का ऐलान किया है।

दरअसल एसआर महाराज ने उन्हें भारत में मौजूद एक कंसाइनमेंट के लिए आयात और सीमा शुल्क के तौर पर 6.2 मिलियन रैंड (अफ्रीकन मुद्रा) एडवांस में दिए थे। जिसके चलते आशीष लता रामगोबिन ने उस मुनाफे में हिस्सेदारी देने की बात कही थी। आशीष लता रामगोबिन को डरबन स्पेशलाइज्ड कमर्शियल क्राइम अदालत ने आरोप सिद्ध होने और सजा होने के बाद आरोपों के खिलाफ अपील करने की इजाजत देने से मना कर दिया गया था। सन् 2015 में आशीष लता रामगोबिन के खिलाफ मामले की सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय अभियोजन प्राधिकरण (NPA) के ब्रिगेडियर हंगवानी मुलौदज़ी ने कहा था कि लता रामगोबिन ने संभावित निवेशकों कथित रुप से जाली चालान और दस्तावेज प्रदान किये थे। जिसके जरिये वह निवेशकों को बता रहीं थीं कि लिनन के तीन कंटेनर भारत से भेजे जा रहे हैं। उस समय लता रामगोबिन को 50,000 रैंड की जमानत मिल गयी थी।

आशीष लता रामगोबिन को जानिये

आशीष लता रामगोबिन मशहूर एक्टिविस्ट इला गांधी और दिवंगत मेवा रामगोबिंद की बेटी हैं। लता पर आरोप है कि उन्होंने बिजनेसमैन एसआर महाराज के साथ फ्रॉड किया है। उनके पिता मेवा रामगोबिंद का निधन हो चुका है। रामगोबिन एनजीओ इंटरनेशनल सेंटर फॉर अहिंसा में सहभागी विकास पहल की संस्थापक और कार्यकारी निदेशक थी।यहां उन्होंने खुद को पर्यावरण, सामाजिक और राजनीतिक हितों पर ध्यान देने वाली एक कार्यकर्ता बताया था। इला गांधी को भारत और दक्षिण अफ्रीका दोनों देशों में राष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं। इला गांधी साउथ अफ्रिका में साल 1994 से 2004 तक सांसद रह चुकी हैं।


गांधीजी  की पोती और आशीष लता की मां इला गांधी, साभार-सोशल मीडिया

ये है बापू का पूरा परिवार

महात्मा गांधी के चार बेटे हरीलाल गांधी, रामदास गांधी, देवदास गांधी और मनीलाल गांधी थे। हरीलाल गांधी के सबसे बड़े बेटे थे। उनका जन्म साल 1888 को नई दिल्ली में हुआ था और उनका देहांत 18 जून को 1948 को हुआ। हरीलाल ने गुलाब गांधी से शादी की थी। दोनों के 5 बच्चे थे। 2 बेटियां रानी और मनु, 3 बेटे कांतिलाल, रसिकलाल और शांतिलाल। रसिकलाल और शांतिलाल की कम उम्र में ही मौत हो गई थी। हरीलाल के 4 पोते- पोतियां थे, अनुश्रेया, प्रबोध, नीलम और नवमालिका।


गांधीजी के बड़े बेटे  हरीलाल गांधी, फाइल फोटो, साभार-सोशल मीडिया

 मनीलाल मोहनदास गांधी

गांधीजी के दूसरे बेटे का नाम मनीलाल मोहनदास गांधी था। उनका जन्म 28 अक्टूबर 1892 को राजकोट में हुआ था। उन्होंने सुशीला से शादी की थी और दोनों के तीन बच्चे सीता, इला और अरुण हैं।

 

गांधीजी, फाइल फोटो,साभार-सोशल मीडिया

रामदास महात्मा गांधी

रामदास गांधी महात्मा गांधी के तीसरे बेटे थे। जिनका जन्म 1897 में साउथ अफ्रिका में हुआ था। रामदास की शादी निर्मला से हुई थी। दोनों के तीन बच्चे सुमित्रा गांधी, कनु गांधी और उषा गांधी थे। 14 अप्रैल 1969 को रामदास गांधी का देहांत हुआ था।

 


गांधीजी के तीसरे बेटे रामदास महात्मा, साभार-सोशल मीडिया 

देवदास गांधी

बापू के सबसे छोटे बेटे का नाम देवदास गांधी था। देवदास का जन्म 22 मई 1900 को साउथ अफ्रीका में हुआ था। देवदास जर्नलिस्ट थे और हिंदुस्तान टाइम्स में एडिटर भी रहे थे। देवदास ने सी. राजागोपालचारी की बेटी लक्ष्मी से शादी की थी। दोनों के चार बच्चे राजमोहन, गोपाल कृष्ण, रामचंद्र और तारा थे।

 


देवदास गांधी, गांधीजी के सबसे छोटे बेटे, साभार-सोशल मीडिया

गोपालकृष्ण गांधी

गोपालकृष्ण गांधी गांधी जी के सबसे छोटे बेटे देवदास गांधी के बेटे हैं। गोपालकृष्ण का जन्म 22 अप्रैल 1946 को हुआ था। वो रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर है, इसके अलावा वो साल 2004 से 2009 तक पश्चिम बंगाल के गवर्नर भी रह चुके हैं। इसके साथ ही वो साउथ अफ्रीका और श्रीलंका के हाईकमिश्नर भी रह चुके हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इंगलिश लिटरेचर में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है।


गोपालकृष्ण गांधी, गांधीजी के पोते, साभार-सोशल मीडिया

तुषार अरुण गांधी

तुषार अरुण गांधी मनीलाल गांधी के पोते हैं, उनका जन्म मंबई और कोलकाता के बीच चलने वाली ट्रेन में हुआ था। उन्होंने गुजराती मीडियम स्कूल आदर्श विद्या मंदिर से पढ़ाई की है। इसके अलावा मुंबई के मीठीबाई कॉलेज से उन्होंने पेंटिंग में डिग्री हासिल की है। तुषार मुंबई में अपनी पत्नी सोनाली देसाई के साथ रहते हैं। उनका एक बेटा विवान और बेटी कस्तूरी गांधी है।


तुषार अरुण गांधी, गांधीजी के पोत, साभार-सोशल मीडिया

 अरुण मनीलाल गांधी

अरुण मनीलाल गांधी भारतीय-अमेरिकी सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता हैं। वो अपने दादा के आश्रम में पले बढ़े जो साउथ अफ्रीका के पिछड़े इलाके में है। साल 1987 में मिस्सिसिपी यूनिवर्सिटी में स्टडी करने के लिए अरुण गांधी अपनी पत्नी सुनंदा के साथ अमेरिका चले गए थे।


 अरुण मनीलाल गांधी, साभार-सोशल मीडिया

राजमोहन गांधी

राजमोहन गांधी देवदास गांधी के बेटे हैं, उनका जन्म 7 अगस्त 1935 को हुआ था। राजमोहन अमेरिका की यूनिवर्सिटी में बायोग्राफर और रिसर्च प्रोफेसर हैं।

 

राजमोहन गांधी, साभार-सोशल मीडिया

 महात्मा गांधी की गोंद ली हुई बेटी!

महात्मा गांधी को अपनी तो कोई बेटी नहीं थी, लेकिन कुछ विवरणों से पता चलता है कि उन्होंने एक लड़की को गोंद लिया था। महात्मा गांधी की गोंद ली हुई पुत्री का नाम लक्ष्मी था जो दुदाभाई और दानिबेन की पुत्री थी। यह परिवार एक दलित परिवार था जिसने महात्मा गांधी के अहमदाबाद में बनाए गए आश्रम में सबसे पहले प्रवेश लिया था और वहां रहने आए थे। महात्मा गांधी ने इस गोंद ली हुई लड़की के बचपन से लेकर उसके विवाह तक की सभी जिम्मेदारियां निभाई थीं। उन्होंने लक्ष्मी का विवाह अपने आश्रम में ही एक ब्राह्मण लड़के से कराया था।

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