Ladakh : लद्दाख सीमा पर अब चीनियों की खैर नहीं, ऊंची पहाड़ियों पर तैनात हुई महाशक्तिशाली तोपें, घूम-घूमकर करेंगी वार

Ladakh : चीन की हरकतों को देखते हुए के-9 वज्र स्वचालित तोपों की पहली रेजीमेंट पूर्वी लद्दाख सीमा पर तैनात हो चुकी है।

Newstrack :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-10-02 17:30 IST

K-9 Thunderbolt Cannons

(फोटो- सोशल मीडिया)

Ladakh : लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल( LAC) पर चीन की धोखेबाजी और बार-बार सीमा पर गतिविधियों को देखते हुए भारत ने तगड़ा एक्शन लिया है। सीमा पर जारी तनातनी के बीच भारत ने पूर्वी लद्दाख में अपनी K-9 वज्र तोपों की तैनाती की है। देश की इन महाशक्तिशाली वज्र हॉवित्जर तोपों को लद्दाख के सबसे ऊंची पहाड़ी वाले इलाके में तैनात किया गया है। लगातार सीमा पर चीन की नापाक हरकतों को देखते हुए देश में अहम निर्णय लिया है।

लद्दाख की ऊंची पहाड़ी वाले इलाके में 12000 से लेकर 16000 फीट की ऊंचाई पर इन K-9 वज्र तोपों को तैनात किया गया है। ये तोपें सीमा पर ऊंची पहाड़ी इलाकों में चीन की मारक क्षमता परखने के लिए की गई है।

दुश्मनों की अब खैर नहीं

बता दें, बीते एक साल से अधिक समय से पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों भारत और चीन के बीच हुए खूनी संघर्ष के बाद से विवाद चल रहा है। जिसके चलते दोनों देशों की सेनाएं युद्ध के मोर्चे पर सीमा पर तैनात हैं।

ऐसे में सीमा पर चीन की हरकतों को देखते हुए के-9 वज्र स्वचालित तोपों की पहली रेजीमेंट पूर्वी लद्दाख सीमा पर तैनात हो चुकी है। वहीं इस बीच आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे ने बीते दिन शुक्रवार को दो दिन के पूर्वी लद्दाख के दौरे पर पहुंचे हैं। सीमा पर पहुंचकर यहां उन्होंने मौजूदा सुरक्षा स्थितियों का जायजा लिया।

सीमा पर आर्मी चीफ ने कहा कि चीन सीमा पर स्थिति नियंत्रण में है। इस पर उन्होंने कहा, चीन की सेना ने अपनी सीमा में काफी निर्माण कार्य किया है। लेकिन भारतीय सेना हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है।

जानकारी देते हुए बता दें, कि इसी साल फरवरी में एलएंडटी ने थलसेना प्रमुख, जनरल एमएम नरवणें को 100वीं तोप सौंपी थी। जिसमें से ये सेल्फ-प्रोपेल्ड आर्टेलेरी गन हैं। मतलब कि इन तोपों को किसी ट्रक या किसी दूसरी तरह से खींचने की जरूरत नहीं होती है। इनमें खुद-ब-खुद टैंक की तरह पहिए लगे होते हैं। 

लद्दाख में पहाड़ियों पर तैनात K-9 वज्र तोपों की मारक क्षमता 38 किमी है। ये तोपें जीरो रेडियस पर चारों ओर घूमते हुए दुश्मन पर निशाना दाग सकती हैं। साथ ही ये तोपों 15 सेकंड के अंदर 3 गोले दागने की भी क्षमता रखती हैं। 

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