Maharashtra News: महाराष्ट्र में राज्यपाल और सीएम के बीच फिर टकराव, महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार का तीखा जवाब

Maharashtra News: मुंबई के साकीनाका इलाके में महिला के साथ रेप और हैवानियत की घटना पर राज्यपाल की ओर से चिंता जताए जाने के बाद यह टकराव शुरू हुआ है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Pallavi Srivastava
Update:2021-09-22 11:32 IST

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच तनातनी (File Photo)pic(social media)

Maharashtra News: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी(Governor Bhagat Singh Koshyari) और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे(Chief Minister Uddhav Thackeray) के बीच एक बार फिर तनातनी का माहौल दिख रहा है। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से ही उद्धव ठाकरे के राज्यपाल से रिश्ते सहज नहीं रहे हैं। शिवसेना(Shiv Sena) की ओर से भी समय-समय पर राज्यपाल पर भाजपा(BJP) का एजेंट बनकर काम करने का आरोप लगाया जाता रहा है। अब महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को लेकर भी राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच टकराव शुरू हो हो गया है। मुंबई के साकीनाका इलाके में महिला के साथ रेप और हैवानियत की घटना पर राज्यपाल की ओर से चिंता जताए जाने के बाद यह टकराव शुरू हुआ है।

राज्यपाल ने हाल में इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री ठाकरे को पत्र लिखा था। उनसे अनुरोध किया था कि महिलाओं की सुरक्षा(Safety Of Women) के मुद्दे पर चर्चा के लिए विधानसभा(Vidhansabha) का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया जाए। राज्यपाल के इस पत्र पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने तीखी प्रतिक्रिया जताने के साथ संसद का चार दिवसीय विशेष सत्र बुलाने की नसीहत तक दे डाली।

राज्यपाल ने कहा कि विधानसभा में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर विशेष चर्चा की जानी चाहिए pic(social media)

विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध

मुंबई के साकीनाका इलाके में हाल में एक महिला के साथ रेप(Women Rape case) और हैवानियत की घटना राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बनी थी। इस महिला को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां बाद में उसने दम(Women Death) तोड़ दिया। सोशल मीडिया(social media) पर भी इस घटना की खूब चर्चा हुई थी। लोगों ने इसके लिए सरकार की लापरवाही को जिम्मेदार बताया था।

राज्यपाल ने इस घटना पर चिंता जताते हुए राज्य सरकार से महिलाओं की सुरक्षा पर ध्यान देने को कहा था। उनका कहना था कि विधानसभा में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर विशेष चर्चा की जानी चाहिए। उन्होंने इसके लिए विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाने का भी अनुरोध किया था।

सीएम ने दे डाली संसद सत्र की नसीहत

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को राज्यपाल की ओर से मुंबई के साकीनाका इलाके की घटना पर पत्र लिखना काफी नागवार गुजरा है। राज्यपाल का पत्र लिखने मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने भी जवाबी पत्र लिखने के साथ राज्यपाल को नसीहत तक दे डाली। ठाकरे ने अपने पत्र में कहा है कि आपने साकीनाका इलाके की घटना पर चिंता जताई है । सरकार भी इस घटना को लेकर काफी चिंतित है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, कश्मीर और देश के अन्य राज्यों में भी महिलाओं के साथ अत्याचार किए जाने के मामले प्रकाश में आए हैं। ऐसे में दूसरे राज्यों की पीड़ित महिलाओं की भी आपसे अपेक्षाएं हैं। मुख्यमंत्री ठाकरे ने राज्यपाल से कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर संसद का चार दिवसीय विशेष सत्र बुलाया जाए। उन्होंने कहा कि संसद को महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर गहन चर्चा करनी चाहिए। संसद का विशेष सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अनुरोध करना चाहिए।

महिला विधायकों के अनुरोध पर लिखा था पत्र

दरअसल, मुंबई के साकीनाका इलाके में महिला के साथ हैवानियत की घटना को लेकर महाराष्ट्र का सियासी माहौल इन दिनों गरमाया हुआ है। भाजपा की महिला विधायकों ने राज्य में महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचार की घटनाओं के संबंध में राज्यपाल को एक ज्ञापन दिया था। महिला विधायकों का कहना था कि राज्यपाल को इस संबंध में अपनी ओर से पहल करनी चाहिए।

भाजपा की महिला विधायकों की ओर से यह मुद्दा उठाए जाने के बाद ही राज्यपाल ने मुख्यमंत्री ठाकरे को पत्र लिखा था। विधानसभा का सत्र बुलाने के राज्यपाल के अनुरोध पर मुख्यमंत्री की ओर से दिए गए जवाब पर महिला विधायकों ने नाराजगी जताई है।

सीएम के जवाब पर जताई नाराजगी

भाजपा की महिला विधायकों मनीषा चौधरी और भारती लवेकर ने मुख्यमंत्री के रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उनका जवाब पूरी तरह गैर जिम्मेदाराना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पत्र का उचित जवाब देने के बजाय उस पर राजनीति करने की कोशिश की है। महिला विधायकों ने कहा कि तमाम कोशिशों के बावजूद मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हो पाती।

मुख्यमंत्री के न मिलने के कारण ही हमने राज्यपाल से मुलाकात करके उन्हें ज्ञापन सौंपा था। जब राज्यपाल की ओर से महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाया गया तो मुख्यमंत्री ने उसका कोई सीधा जवाब नहीं दिया। महिलाओं की संवेदना पर मुख्यमंत्री का कोई ध्यान ही नहीं है। उल्टे वे राज्यपाल के पत्र का राजनीतिक जवाब देने में अपनी बहादुरी समझ रहे हैं।

मनोनयन की सूची को नहीं मिली मंजूरी

वैसे राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच टकराव की यह कोई पहली घटना नहीं है। मुख्यमंत्री ठाकरे और शिवसेना के साथ राज्यपाल के रिश्ते पहले से ही तल्खी वाले रहे हैं। विधानपरिषद में 12 सदस्यों के मनोनयन की सूची लंबे समय से राजभवन में पेंडिंग पड़ी है मगर राज्यपाल कोश्यारी ने अभी तक उन नामों को मंजूरी नहीं दी है। सरकार और शिवसेना की ओर से इसे लेकर राज्यपाल पर बड़ा हमला भी किया गया था।

शिवसेना की ओर से बार-बार यह मुद्दा उठाया जाता रहा है मगर राज्यपाल की ओर से अभी तक सूची को मंजूरी नहीं मिली। शिवसेना नेता संजय राउत ने इस मुद्दे को लेकर राज्यपाल पर हमला भी बोला था। शिवसेना का आरोप है कि राज्यपाल केंद्र के इशारे पर काम कर रहे हैं। इसी कारण सरकार की ओर से कैबिनेट बैठक के बाद भेजी गई सूची को राजभवन की ओर से मंजूरी नहीं मिल पा रही है।

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