केंद्र सरकार को जोरदार फटकार: HC ने कहा- लोगों की जान बचाने के लिए क्या कर रहें

Max Hospital moved the Delhi High Court and demanded an immediate hearing. Also, while hearing on the issue of oxygen, the court asked the central government to immediately stop the supply of oxygen for industrial purposes.

Newstrack Network :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-04-21 21:52 IST

केंद्र सरकार को दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई फटकार(फोटो-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कोरोना संकट के चलते मैक्स अस्पताल ने आरोप लगाया है कि उसके यहां आने वाले ऑक्सीजन टैंकर को एम्स(AIIMS) भेज दिया गया। जिससे अस्पताल में भर्ती मरीजों की जान खतरे में पड़ गई है। इसके बाद मैक्स अस्पताल ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया और तुरंत सुनवाई की मांग की। साथ ही ऑक्सीजन के मसले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार से औद्योगिक उद्देश्यों के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति तुरंत रोकने के लिए कहा।

ऐसे में हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आपको डिमांड और सप्लाई का कोई अंदाज़ा क्यों नहीं है? केंद्र ऑक्सीजन जल्द से जल्द अस्पतालों में भेजने के लिए रोड पर डेडिकेटेड कॉरिडोर बनाए और अगर संभव हो तो ऑक्सीजन को एयरलिफ्ट कराया जाए। वहीं हाईकोर्ट ने कहा कि इससे ज़्यादा हम क्या आदेश करें।

लोगों को मरने के लिए यूं ही नहीं छोड़ा जा सकता

आगे दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि इंडस्ट्रियल इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाली ऑक्सीजन को तुरंत रोका जाए। हाईकोर्ट ने कहा कि लोगों को मरने के लिए यूं ही नहीं छोड़ा जा सकता। ये एक बहुत गंभीर मुद्दा है, लोगों की जिंदगी उनका मौलिक अधिकार है, आप उनकी जान बचाने के लिए क्या कर रहे हैं?

केंद्र को लेकर हाईकोर्ट ने कहा कि ऑक्सीजन उन्ही इंडस्ट्रीज को मिले जो मेडिकल से जुड़े समान बना रही हैं, बाकी स्टील, पेट्रोलियम जैसी इंडस्ट्रीज में तुरंत ऑक्सीजन रोकी जाए। हाईकोर्ट ने कहा कि हमें आश्चर्य है कि हमारे कल आदेश के बाद भी हॉस्पिटल्स को ऑक्सीजन नहीं दी जा रही है।


साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि जिन 5 ब्रांच का मैक्स अस्पताल ने ज़िक्र किया है, उनमें तुरंत ऑक्सीजन बिना देर किए पहुंचाई जाए। इसी कड़ी में कोर्ट ने केंद्र को कहा कि तुरंत दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई देकर जरूरत को पूरा किया जाए और उन लोगों की जिंदगी को बचाया जाए जो फिलहाल अस्पतालों में भर्ती हैं। जीने का अधिकार उनका मौलिक अधिकार है।

हाईकोर्ट ने कहीं ये बात

आगे स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि हमनें इंडस्ट्रीज को ऑक्सीजन देने से रोकने के लिए पत्र भेजा है। लेकिन कोर्ट ने कहा कि हमें आपने पत्र में क्या लिखा, इससे कोई मतलब है, आपने किया क्या? इंडस्ट्रीज को ऑक्सीजन देना अब तक बंद क्यों नहीं किया गया।

जानकारी देते हुए बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा पेश हुए। वहीं उद्योग मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव सुमिता डबरा भी कोर्ट में सुनवाई के लिए पेश हुए।

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