ओआईसी को कश्मीर पर हस्तक्षेप का हक नहीं, भारत ने दिया ओआईसी के बयान का जवाब

दो साल पहले 5 अगस्त 2019 में कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया गया था। ओआईसी ने भारत सरकार से इस फैसले को बदलने का अनुरोध किया।

Newstrack :  Network
Published By :  Monika
Update: 2021-08-06 02:04 GMT

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (फोटो : सोशल मीडिया )

इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) ने एक बार फिर कश्मिल मामले में दखल देने की कोशिश की है। दो साल पहले 5 अगस्त 2019 में कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया गया था। अब इस उठाए गए कदम पर ओआईसी ने बयान जारी करते हुए इसे एकतरफा बताया है। ओआईसी ने भारत सरकार से इस फैसले को बदलने का अनुरोध किया।

ओआईसी के महासचिव कार्यालय ने कश्मीर में जनसांख्यिकी को परिवर्तित करने का आरोप भारत पर लगाया है। ओआईसी ने कश्मीर के मुद्दे को हल करने के लिए हो रहे प्रयासों को बढ़ाने का आग्रह भी किया।

ओआईसी के महासचिव कार्यालय के बयानों पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इन टिप्पड़ियों का जवाब देते हुए कहा कि केंद्र शासित प्रदेश कश्मीर को लेकर जारी एक और अस्वीकार्य सन्दर्भ को अस्वीकार किया जाता है। उन्होंने ये भी कहां है कि ओआईसी के पास इस मामले में कोई अधिकार नहीं है, जो भारत का अभिन्न अंग है। उन्होंने आगे कहा कि ओआईसी को भारत के आतंकी मामलों पर ऐसी टिप्पड़ी देने से बचना। 

जब नाकाम रहा पाकिस्तान

आपको बता दें, भारत ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए को दो साल पहले 5 अगस्त 2019 में खत्म कर दिया था। तब पाकिस्तान ने ओआईसी को इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देने को कहा था। लेकिन उस दौरान ओआईसी ने पकिस्तान का साथ नहीं दिया। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस जवाब में सऊदी अरब ने पाकिस्तान को तेल सप्लाई करना बंद कर दिया था। साथ ही उनके द्वारा दिए 3 बिलियन डॉलर के कर्ज को लौटाने को कहा गया।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान , विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी समेत पाकिस्तान के कई राजदूत भारत को यूएन के मंच पर घेरना चाहा, लेकिन हर बार नाकाम रहे। यूएन ने भी कई मौकों पर भारत का ही साथ दिया है।

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