Rajnath Singh Taliban : रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने तालिबान को बताया चिंता का सबब, बढ़ सकती है भारत की मुश्किलें

Rajnath Singh Taliban : देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि तालिबान की मदद से अफगानिस्तान में बेस बनाकर कई अन्य आतंकी संगठन क्षेत्र में शांति के लिए खतरा बन सकते हैं।

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Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-09-11 03:45 GMT
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (फोटो- सोशल मीडिया)

Rajnath Singh Taliban : भारत की सुरक्षा को लेकर देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने तालिबान के विस्तार पर चिंता जाहिर की है। शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री पीटर डटन से कहा कि तालिबान का उदय भारत और क्षेत्र के लिए गंभीर सुरक्षा चिंताएं पैदा करता है। इसकी बड़ी वजह है कि आतंकवादी समूहों का अफगानिस्तान में ठिकाना है, उन्हें अपनी गतिविधियां बढ़ाने के लिए और सहयोग मिल सकता है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि तालिबान की मदद से अफगानिस्तान में बेस बनाकर कई अन्य आतंकी संगठन क्षेत्र में शांति के लिए खतरा बन सकते हैं। अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल किसी अन्य देश पर हमले या किसी को धमकाने के लिए नहीं होना चाहिए। 

आतंकी गतिविधियों के फैलने की संभावना 

ऐसे में उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से ये अपील की है कि वह सुनिश्चित करें, कि अफगानिस्तान पर यूएन सिक्योरिटी काउंसिल रिजॉल्यूशन 2593 लागू हो।

सूत्रों से सामने आई खबर में बताया कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता पर कब्जा करने के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा मुद्दे को लेकर संभावित निहितार्थों पर चिंता जाहिर की है। असल में अफगानिस्तान से केंद्र शासित प्रदेश में आतंकी गतिविधियों के फैलने की संभावना है।

बता दें, भारत और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री के बीच होने वाली पहली 'टू-प्लस-टू' वार्ता से एक दिन पहले हुई थी। जिसके चलते ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिस पायने और डटन 'टू-प्लस-टू' वार्ता के लिए शुक्रवार को यहां पहुंचे।

इस बारे में सूत्रों से सामने आई खबरों में बताया कि ऑस्ट्रेलिया के रक्षामंत्री पीटर डटन के साथ हुई बातचीत में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने तालिबान की हुकूमत में मानवाधिकारों के उल्लंघन और महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों के दमन पर भारत की चिंताओं से अवगत कराया।

फोटो- सोशल मीडिया

सूत्रों से सामने आई रिपोर्ट में बताया कि अफगान संकट पर विस्तार से बातचीत हुई और इस पर दोनों पक्षों के विचारों में समानता दिखी। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि राजनाथ सिंह ने भारत की अध्यक्षता में 30 अगस्त को स्वीकृत किये गए यूएनएससी प्रस्ताव को लागू करने की जरूरत को लेकर भी दृढ़ता से बात रखी।

रक्षामंत्रियों के बीच हुई बातचीत में इस प्रस्ताव में मांग की गई थी कि अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल किसी भी देश को धमकाने या हमला करने या आतंकवादियों को पनाह देने और प्रशिक्षित करने और आतंकवादी हमलों की योजना या वित्त पोषण के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा

सूत्रों के मुताबिक, भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद का भी वार्ता में संक्षिप्त उल्लेख हुआ और भारतीय पक्ष ने बताया कि नयी दिल्ली बातचीत के माध्यम से इस मुद्दे को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए प्रतिबद्ध है.

राजनाथ सिंह ने कहा कि विचार-विमर्श में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के साथ-साथ क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई। "हम दोनों भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी की पूरी क्षमता को साकार करने के लिए संयुक्त रूप से काम करने के इच्छुक हैं।"

राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों देशों के बीच साझेदारी "स्वतंत्र, खुले, समावेशी और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के हमारे साझा दृष्टिकोण" पर आधारित है। "ऑस्ट्रेलिया और भारत की क्षेत्र में शांति, विकास और व्यापार के स्वतंत्र प्रवाह, नियम-आधारित व्यवस्था और आर्थिक विकास में जबरदस्त हिस्सेदारी है।"

राजनाथ सिंह ने कहा, "हमारी आज की चर्चा हमारे द्विपक्षीय रक्षा सहयोग और सैन्य भागीदारी के विस्तार, रक्षा संबंधी सूचना की साझेदारी को बढ़ाने, उभरती रक्षा प्रौद्योगिकियों में सहयोग और साजो-सामान को लेकर आपसी समर्थन पर केंद्रित है।"

आगे राजनाथ सिंह ने कहा, "मैंने मंत्री डटन को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में हमारे हालिया प्रयासों और भारत में बढ़ते नवाचार पारितंत्र से अवगत कराया। हमने रक्षा विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में एक साथ काम करने के अवसरों पर चर्चा की।"

साथ ही उन्होंने कहा कि भारत पूरे क्षेत्र की सुरक्षा और विकास के लिए ऑस्ट्रेलिया के साथ एक मजबूत साझेदारी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। "मैं भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा साझेदारी को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए आपके साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।"


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