संयुक्त किसान मोर्चा का MSP Committee पर आरोप, दो बार पत्र भेजने के बाद भी नहीं आया सरकार की ओर से जवाब

MSP Committee: सरकार द्वारा किसी कानून वापस लिए जाने के बाद MSP कमेटी गठित की गई। लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा ने अब कमेटी पर आरोप लगाया है कि दो बार पत्र लिखे जाने के बाद भी कोई जवाब नहीं आया।

Written By :  Rajat Verma
Published By :  Bishwajeet Kumar
Update: 2022-04-02 07:31 GMT

संयुक्त किसान मोर्चा का किसान आन्दोलन (तस्वीर साभार : सोशल मीडिया)

MSP Committee: केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों को रद्द करने के फैसले के बाद भी संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) और किसानों का संघर्ष अभी भी जारी है तथा इस बीच एसकेएम (SKM) ने केंद्र सरकार ओर एमएसपी कमेटी (MSP Committee) गठित करने के मद्देनज़र कई आरोप लगाए हैं। दरअसल केंद्र सरकार ने कृषि कानून रद्द करने के बाद एमएसपी सम्बंधी मामलों के निर्धारण के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) कमेटी का गठन करने का निर्णय लिया था, जिसमें प्रमुखता से संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा सुझाए गए किसान नेता शामिल रहेंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा का केंद्र सरकार पर आरोप

अब एसकेएम ने इसी कमेटी गठन के चलते सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार कमेटी को लेकर उनके सवालों को टाल रही है और जबतक उनकी शंका का पूर्ण रूप से निवारण नहीं हो जाता वह कमेटी गठन के लिए नाम नहीं भेजेंगे।

एक ओर किसान कमेटी गठन को लेकर सरकार पर आरोप लगा रहे हैं वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) का कमेटी गठन को लेकर कहना है कि संयुक्त किसान द्वारा नामों का सुझाव भेजते ही एमएसपी कमेटी का गठन कर दिया जाएगा।

किसान मोर्चा के पदाधिकारियों द्वारा इस बाबत बताया गया है कि उनके द्वारा एमएसपी कमेटी को लेकर दो बार पत्र भेजा गया तथा सम्बंधित कई सवाल भी किए गए लेकिन सरकार की ओर से अभीतक कोई जवाब नहीं आया है।

किसान मोर्चा ने सरकार से पूछे ये सवाल

किसान मोर्चा के मुताबिक उन्होनें सरकार को पत्र लिखकर एमएसपी कमेटी के विषय में निम्न सवाल किए हैं- कमेटी की शर्तें क्या होंगी, कमेटी का वास्तविक काम क्या होगा? कमेटी में कौन-कौन और किन संस्थाओं के सदस्य रहेंगे तथा इस एमएसपी कमेटी का चेयरमैन कौन होगा? संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के मुताबिक जबतक उन्हें इन सवालों के जवाब सरकार से नहीं मिल जाते वह कमेटी गठन के लिए नाम नहीं भेजेंगे।

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