UP Election 2022 : भड़की शिवसेना ने इलाहाबाद हाई कोर्ट से कहा, 'राजनीति में न आएं, कानून पालन पर ध्यान दें'
कोरोना के नए वेरिएंट से संक्रमण के बढ़ते मामलों और हालिया स्टडी रिपोर्ट में आने वाले दिनों में कोरोना की भयावहता का अनुमान लगाया गया है। इसी के मद्देनजर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश की सरकार से आगामी विधानसभा चुनाव टालने का अनुरोध किया था।
कोरोना के नए वेरिएंट से संक्रमण के बढ़ते मामलों और हालिया स्टडी रिपोर्ट में आने वाले दिनों में कोरोना की भयावहता का अनुमान लगाया गया है। इसी के मद्देनजर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश की सरकार से आगामी विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) टालने का अनुरोध किया था। लेकिन, अब इस पर राजनीति तेज हो गई है।
देश की कई विपक्षी पार्टियां इसका विरोध करने में जुटी है। इनका मानना है, कि अगर चुनाव टलते हैं तो इससे भारतीय जनता पार्टी को को फायदा होगा। विपक्षी दल इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस अनुरोध को बीजेपी को फायदा पहुंचाने वाला कदम बता रही है। इसी क्रम में शनिवार को शिवसेना के मुखपत्र सामना में उत्तर प्रदेश चुनाव को टालने वाले अनुरोध का विरोध किया गया है। सामना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी तंज कसा गया है।
शिवसेना- हाईकोर्ट राजनीति में न आए
इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा कोरोना के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव टालने के अनुरोध पर भी शिवसेना ने नाराजगी जाहिर की है। शिवसेना का कहना है, कि 'हाईकोर्ट कानून का पालन करे और राजनीति में न आए।' जैसा कि हम ऊपर बता चुके हैं, कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र की मोदी सरकार से अनुरोध करते हुए कहा था, कि कोरोना महामारी के प्रसार पर रोक लगाने के लिए यूपी चुनाव को फिलहाल टाल दिया जाए।
'राज्यों को चेतावनी, लेकिन खुद पीएम अमल नहीं करते'
सामना में छपे संपादकीय में लिखा गया है, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर भीड़-भाड़ वाली रैलियां की हैं। इसके बाद, कोरोना स्थिति की समीक्षा के लिए दिल्ली की यात्रा की। फिर, राज्यों को भीड़ से बचने की चेतावनी दी। वहीं, इस मुद्दे पर शरद पवार की पार्टी एनसीपी के बयानों का समर्थन करते हुए शिवसेना ने कहा है, कि बीजेपी के फायदे के लिए कोरोना की आड़ में विधानसभा चुनाव स्थगित किए जा सकते हैं।