कोरोना मरीजों में TB Infection के मामले बढ़े, सरकार ने जांच की जरूरत पर दिया जोर

देश में कोविड-19 (Covid-19) के मामलें धिरे-धिरे कम हो रहे हैं, लेकिन इससे संक्रमित लोगों को कई तरह की अन्य मेडिकल समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल ही में कोरोना से संक्रमित मरीजों में टीबी (Tuberculosis) के मामलों में अचानक वृद्धि देखी गई है।

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Published By :  Satyabha
Update: 2021-07-17 14:20 GMT

कोरोना पॉजिटिव फोटो- सोशल मीडिया

देश में कोविड-19 (Covid-19) के मामलें धिरे-धिरे कम हो रहे हैं, लेकिन इससे संक्रमित लोगों को कई तरह की अन्य मेडिकल समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल ही में कोरोना से संक्रमित मरीजों में टीबी (Tuberculosis) के मामलों में अचानक वृद्धि देखी गई है। जिससे रोजाना करीब दर्जनभर इसी तरह के मामले सामने आए हैं। इससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है।

यह स्पष्ट है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) द्वारा सभी कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए टीबी की जांच और सभी डायग्नोस्ड किए गए टीबी मरीजों के लिए कोविड जांच की सिफारिश की गई है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा गया है कि वे अगस्त 2020 तक बेहतर निगरानी और टीबी तथा कोविड-19 के मामलों का पता लगाने के प्रयासों में एकरूपता लाएं।

TB-COVID और TB-ILI/SARI की द्वि-दिशात्मक जांच की आवश्यकता को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कई गाइडलाइन जारी किए गए हैं। जिसे सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में लागू भी किया गया हैं। कोरोना महामारी की वजह से कई पाबंदियों की वजह से 2020 में टीबी के लिए केस नोटिफिकेशन में करीब 25 प्रतिशत की कमी आई थी। लेकिन सभी राज्यों द्वारा समुदाय में ओपीडी सेटिंग्स में गहन केस फाइंडिंग के साथ-साथ एक्टिव केस फाइंडिंग अभियानों के माध्यम से इस प्रभाव को कम करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।

हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया कि यह बताने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि कोविड-19 के कारण टीबी के मामलों में वृद्धि हुई है। तपेदिक (टीबी) और कोविड -19 की दोहरी बीमारी पर प्रकाश डालते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि दोनों रोगों को संक्रामक माना जाता है और ये मुख्य रूप से फेफड़ों पर हमला करते हैं। इनमें खांसी, बुखार और सांस लेने में कठिनाई के समान लक्षण सामने आते हैं। हालांकि टीबी के लक्षण आने में लंबा समय लगता है और बीमारी की शुरुआत धीमी होती है।

ब्लैक फंगस जैसे पोस्ट कोविड रोगों के खिलाफ एक चेतावनी में मंत्रालय ने कहा कि सार्स-कोव-2 का संक्रमण एक व्यक्ति को सक्रिय टीबी रोग विकसित करने के लिए अधिक संवेदनशील बना सकता है। क्योंकि ब्लैक फंगस की तरह ही टीबी भी एक ऐसा संक्रमण है जो कमजोर शरीर पर वार करता है।

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