लापता के ट्रेंड में आया तेजस्वी यादव का नाम, ग्रामीणों ने की इनाम की घोषणा

राजनीति में विरोध करने का अपना तरीका होता है, लेकिन परंपरा से हटकर शुरू किया गया विरोध भी तरीका बन जाता है।

Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update:2021-05-15 15:08 IST

फोटो— तेजस्वी यादव के लापता होने का पोस्टर (साभार— सोशल मीडिया)

हाजीपुर। राजनीति में विरोध करने का अपना तरीका होता है, लेकिन परंपरा से हटकर शुरू किया गया विरोध भी तरीका बन जाता है। एक समय था जब लोग अपनी बात कहने के लिए माननीयों के घर का चक्कर लगाते थे और उन्हें यह कहकर अगले दिन आने का आश्वासन मिलता था कि विधायक जी आज बहुत व्यस्त हैं। समय के हिसाब से सिस्टम बदला विधायक मंत्रियों के काफिले की भीड़ कम हुई और सोशल मीडिया में ट्रेंड चलाने के चलन ने जनता और माननीयों के बीच की खाई को कम कर दिया। नतीजा सबके सामने है, क्षेत्र से ज्यादा दिन तक नदारद रहने वाले नेताओं की लापता होने का पोस्टर लगाने का सिलसिला चल निकला है।

जगह—जगह लगे लापता होने के पोस्टर

लापता विधायकों ओर सांसदों के पोस्टर लगाने का क्रम विपक्ष की तरफ से किया गया था, लेकिन अब जनता भी इस हथकंडे को अपना कर अपना विरोध जताना शुरू कर दिया है। कोरोना काल के बीच माननीय लोग जमीन पर उतर कर लोगों की मदद करने की जगह ट्वीट कर सिस्टम व सरकार को कोसने तक सीमित हो गए हैं। वह यह भूल कर रहे है कि यह वही जनता नहीं रही जिसे ये लोग अब तक गुमराह करते हुए आए हैं। आज जनता विपक्ष के हरकदम को बाखूबी समझ रही है। इसी का नतीजा है ट्विटर पर एक्टिव रहने वाले बिहार के नेता प्रतिपक्ष और राघोपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक तेजस्वी यादव और हाजीपुर से सांसद पशुपति कुमार पारस से खफा जनता ने उनके गायब होने के जगह—जगह पोस्टर लगा डाले हैं।

सहयोग की जगह गिना रहे सरकार की नाकामी

बिहार भी कोरोना संक्रमण के मुश्किल दौर से गुजर रहा है। विपक्षी दल के नेता जनता की मदद करने की जगह ट्विटर पर सरकार की नाकामियां गिनाने में लगे हुए हैं। वह यह भूल बैठे हैं कि जनता को सरकार की नाकामी बाद में पहले अपने क्षेत्र के विधायक व सांसद के सहयोग की जरूरत है। ऐसे में माननीयों के प्रति जनता की नाराजगी स्वाभाविक है। नतीजतन जनता ने चौक—चौराहों सहित प्रमुख स्थानों पर विधायक तेजस्वी यादव ओर सांसद पशुपति कुमार पारस के लापता होने के पोस्टर लगवा डाले हैं।

इनाम का भी किया एलान

ग्रामीणों की तरफ से लगाए गए पोस्टर में इन नेताओं का पता बताने व ढूंढ कर लाने पर इनाम देने की घोषणा किया गया है। पोस्टर में कहा गया है कि क्षेत्र के गुमशुदा इन नेताओं का पता बताने व ढूंढ कर लाने वाले को 51 सौ रुपए का इनाम दिया जाएगा। साथ ही लोगों ने आरोप लगाया कि ये नेता चुनाव जीतने के बाद से कभी क्षेत्र में नहीं आए। हम लोगों को लगता ही नहीं कि हमारा कोई जनप्रतिनिधि है। लोगों का गुस्सा है कि इस महामारी के बीच भी हम लोगों का हाल जानने वाला कोई नहीं। 

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