तीसरी लहर में बच्चों पर संकट की बात अटकल, लेकिन सावधानी जरूरी

कोरोना की दूसरी लहर में बच्चों में संक्रमण फैला है। 1 मार्च से 4 अप्रैल के बीच करीब 80 हजार बच्चों में संक्रमण पाया गया।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Ashiki
Update: 2021-05-14 12:49 GMT

बच्‍चों के लिए खतरनाक हो सकती है कोरोना की तीसरी लहर (Photo-Social Media)

लखनऊ: भारत में कोरोना की तीसरी लहर (Third wave of coronavirus) में बच्चों की जान को अधिक खतरा होने की बात कही जा रही है, लेकिन ये महज एक अटकल है जिसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। विशेषज्ञ कहते हैं कि कोरोना की अगली  लहर का स्वभाव और मारक क्षमता के बारे में मौजूदा अनुमान और डर अधकचरी जानकारियों का नतीजा हैं। इन बातों में कोई ठोस तथ्य या आधार नहीं है।

दरअसल, भारत में कोरोना की दूसरी लहर में बच्चों में काफी संक्रमण फैला है। आंकड़ों के मुताबिक इस साल 1 मार्च से 4 अप्रैल के बीच करीब 80 हजार बच्चों में कोरोना संक्रमण पाया गया। चूंकि टेस्टिंग कम है सो माना जा रहा है कि बच्चों में कोरोना का असली ग्राफ कहीं अधिक खतरनाक होगा।

जहां तक तीसरी लहर में बच्चों पर आफत की आशंका जताई जा रही है, उस बारे में एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। यह हो सकता है टीकाकरण की वजह से अगली लहर में बड़ी आयुवर्ग के लोग अधिक सुरक्षित रहें और वायरस का संक्रमण कम आयुवर्ग में दिखे। फिर भी वायरस म्यूटेट होकर कैसा रूप दिखायेगा, किनको पकड़ेगा, इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता।

एक्सपर्ट्स की चेतावनी ये भी है कि वायरस आगे क्या रंग दिखाएगा ये पता नहीं है सो अभी से ही सुरक्षा की पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए। चूंकि बच्चे और 18 वर्ष से नीचे के किशोर वैक्सीनेशन से बाहर हैं सो उनको महफूज़ रखना जरूरी है। अगर किसी बच्चे को संक्रमण होता है तो उसे घर पर क्वारंटाइन या आइसोलेशन में रखना मुमकिन नहीं है। ऐसे में बच्चे से दूसरे लोगों में संक्रमण फैल सकता है। ये स्थिति खतरनाक हो सकती है सो बेहद सावधान और तैयार रहने की जरूरत है।

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