Delhi Exit Poll: 'मसाज, स्पा वाली...' Exit Poll पर भड़के संजय सिंह, कायदे से सुना दिया
Delhi Exit Poll: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के बाद आए एग्जिट पोल ने कई राजनीतिक हलचलों को जन्म दिया है। ज्यादातर एग्जिट पोल में दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है, जबकि AAP सांसद संजय सिंह ने इस पर अपनी नाराजगी जताई है।;
Delhi Exit Poll: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के बाद आए एग्जिट पोल ने कई राजनीतिक हलचलों को जन्म दिया है। ज्यादातर एग्जिट पोल में दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने इस पर अपनी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि एग्जिट पोल्स पर भरोसा नहीं किया जा सकता, क्योंकि ये पोल मसाज और स्पा चलाने वाली कंपनियों द्वारा कराए जा रहे हैं, जो कि उनके अनुसार भरोसेमंद नहीं हैं।
संजय सिंह ने यह भी कहा कि इन पोल्स के नतीजों का कोई ठोस आधार नहीं है और ये केवल भ्रम पैदा कर रहे हैं। उनका दावा है कि आम आदमी पार्टी 8 तारीख को प्रचंड बहुमत के साथ दिल्ली में सत्ता में वापसी करेगी। उनके अनुसार, पार्टी के द्वारा उठाए गए मुद्दे—जैसे बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सम्मान राशि और संजीवनी योजना—का व्यापक असर चुनाव परिणामों पर देखने को मिलेगा। उनका मानना है कि एग्जिट पोल्स में आम आदमी पार्टी की स्थिति को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है और पार्टी के समर्थक चुनाव परिणामों में दिखने वाले हैं।
संजय सिंह ने बीजेपी की चुनावी रणनीति पर भी सवाल उठाया, यह कहते हुए कि बीजेपी का कोई खास एजेंडा नजर नहीं आ रहा है। उनकी नजर में, आम आदमी पार्टी को लोगों की चिंता और जरूरतों का बेहतर तरीके से समझा और समर्थन मिला है। वह इस बात से भी निराश हैं कि एग्जिट पोल्स में पार्टी को जितनी सफलता दिखानी चाहिए थी, वह नहीं दिखाई गई। आम आदमी पार्टी के पक्ष में उनका कहना है कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में शिक्षा, चिकित्सा, बिजली और पानी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया है। इसके अलावा, महिलाओं के उत्थान और बुजुर्गों की सेवा में भी पार्टी ने उल्लेखनीय कार्य किए हैं। इस पर संजय सिंह का विश्वास है कि यही कारण है कि आम आदमी पार्टी इस बार भी चुनावी परिणामों में सफलता हासिल करेगी।
इस चुनावी महासंग्राम में एग्जिट पोल्स, जनमत, और राजनीतिक दावे सभी महत्वपूर्ण पहलू हैं, लेकिन अंततः दिल्ली की जनता के वोट ही तय करेंगे कि किस पार्टी को सत्ता का मौका मिलता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि 8 फरवरी को जो परिणाम सामने आते हैं, वे किन दावों और विश्लेषणों को सही साबित करते हैं।