BJP Delhi CM: अगर दिल्ली में भाजपा की बनी सरकार, तो कौन होगा सीएम की कुर्सी का दावेदार

BJP Delhi CM: एग्जिट पोल के लिहाज से भाजपा एक बार फिर दिल्ली की सत्ता में वापसी करती हुई नजर आ रही है। अब सवाल यह है कि भाजपा दिल्ली में सरकार बनाती है तो मुख्यमंत्री कौन बनेगा।;

Update:2025-02-06 14:50 IST

delhi election 2025

BJP Delhi CM: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बीते बुधवार को मतदान हो चुका है। अब आठ फरवरी को सभी उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा। लेकिन नतीजों से पहले दिल्ली चुनाव को लेकर एग्जिट पोल के मुताबिक आम आदमी पार्टी को करारा सियासी झटका लगा सकता है। वहीं ऐसा माना जा रहा है कि दिल्ली में इस बार कमल खिलेगा। हालांकि यह तो दिल्ली चुनाव को लेकर केवल अनुमान है। मगर यह अनुमान कहां तक सही होंगे। यह तो आठ फरवरी को चुनाव परिणाम ही बतायेंगे।

दिल्ली में एग्जिट पोल के अनुमान नतीजों में तब्दील होते हैं तो फिर भाजपा की 27 साल बाद ऐतिहासिक वापसी होगी। ऐसे में अब यह सवाल उठता है कि अगर दिल्ली में भाजपा की जीत होती है तो फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कौन बैठेगा। हालांकि दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सीएम चेहरा घोषित नहीं किया था। भाजपा के दिल्ली के राजनीतिक इतिहास पर नजर डाले तो पहली बार साल 1993 में बीजेपी ने सरकार बनायी थी। लेकिन पांच साल के कार्यकाल में तीन बार मुख्यमंत्री बदले गये थे।

भाजपा ने सरकार बनाने के बाद सीएम पद की कुर्सी पर मदनलाल खुराना को बैठाया था। इसके कुछ ही दिनों बाद साहिब सिंह वर्मा को सीएम बनाया गया। वहीं 1998 में चुनाव होने से पहले सुषमा स्वराज को मुख्यमंत्री पद की कुर्सी सौंप दी गयी थी। हालांकि इसके बाद भी भाजपा दिल्ली विधानसभा का चुनाव हार गयी और फिर काफी लंबे अरसे तक सत्ता में वापसी नहीं हो सकी। अब एग्जिट पोल के लिहाज से भाजपा एक बार फिर दिल्ली की सत्ता में वापसी करती हुई नजर आ रही है। अब सवाल यह है कि भाजपा दिल्ली में सरकार बनाती है तो मुख्यमंत्री कौन बनेगा। मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में भाजपा के कई दिग्गज नेता शामिल हैं।

दुष्यंत कुमार गौतम

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। वह दलित समाज के सबसे बड़ा चेहरा माने जाते हैं। वहीं दुष्यंत कुमार गौतम काफी लंबे समय से भाजपा में हैं और कई अहम पदों की जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। इसके साथ ही वह पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के बेहद करीबी हैं। वह दिल्ली विधानसभा चुनाव में करोलबाग से चुनावी जंग में उतरे हैं। वह तीन बार अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके हैं।

एबीवीपी से सियासी सफर की शुरूआत करने वाले दुष्यंत कुमार गौतम ने संगठनात्मक राजनीति में अपनी अलग पहचान बनायी है। वह कई बार अपने विवादित बयानों को लेकर सवालों में फंस चुके हैं। लेकिन भाजपा ने हमेशा उनका संरक्षण किया है। साल 2022 में श्री गौतम ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को ‘निकम्मा’ कहा था। वहीं विपक्षी इंडिया गठबंधन को ‘स्ट्रीट डॉग’ बताया था। वहीं उन्होंने एक और विवादित बयान दिया था कि कांग्रेस नेता मंदिरों में हमेशा लड़कियां छेड़ने जाते हैं।

मनोज तिवारी

दिल्ली में अगर भाजपा की सरकार बनती है तो मनोज तिवारी भी मुख्यमंत्री पद के लिए प्रबल दावेदार हैं। दिल्ली में पूर्वांचल आबादी के अधिकता के लिहाज से मनोज तिवारी सीएम की रेस में आगे चल रहे हैं। मनोज तिवारी दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। वह लगातार तीन बार से उत्तर दिल्ली से सांसद निर्वाचित हो रहे हैं। भाजपा में मनोज तिवारी की साख का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब 2024 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली के सात में छह सांसदों का टिकट काट दिया गया था। तब सांसद मनोज तिवारी इकलौते ऐसे शख्स थे जिनका टिकट बरकरार रखा गया था। हालांकि मनोज तिवारी दिल्ली में विधानसभा चुनाव नहीं लड़े हैं। ऐसे में भाजपा उन्हें सीएम बनायेगी। तो भविष्य के गर्भ में है।

प्रवेश वर्मा

नई दिल्ली विधानसभा को दिल्ली की सत्ता की धुरी माना जाता है। इस सीट का इतिहास रहा है कि जो भी नेता यहां से जीता है वह दिल्ली का मुख्यमंत्री बना है। चाहे वह शीला दीक्षित हों या फिर अरविंद केजरीवाल। इस बार भाजपा की तरफ से प्रवेश वर्मा नई दिल्ली सीट से आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं। अगर प्रवेश वर्मा चुनाव जीत कर अरविंद केजरीवाल को परास्त करते हैं तो भाजपा उन्हें सीएम की कुर्सी सौंप सकती है। प्रवेश वर्मा के पिता साहिब सिंह वर्मा भी दिल्ली के सीएम रह चुके हैं। जाट वोट बैंक पर पकड़ रखने वाले प्रवेश वर्मा का जातीय समीकरण के लिहाज से दिल्ली की सियासत में प्रवेश हो सकता है।

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