HC judge Yashwant Verma: करोड़ों का कैश मिलने के मामले में हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा की मुश्किलें बढ़ीं, सुप्रीम कोर्ट ने बैठाई जांच

HC judge Yashwant Verma: दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। घर पर आग लगने के दौरान करोड़ों का कैश मिलने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ अब जांच बैठा दी है।;

Update:2025-03-21 17:44 IST

Delhi High Court judge Yashwant Verma  (Photo: Social Media)

High Court judge Yashwant Verma: दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। घर पर आग लगने के दौरान करोड़ों का कैश मिलने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ अब जांच बैठा दी है। कई वरिष्ठ वकीलों की ओर से जांच की मांग किए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह बड़ा कदम उठाया है।

दिल्ली हाईकोर्ट के जज वर्मा के दिल्ली स्थित आवास पर हाल में आग लग गई थी। इसके बाद अधिकारियों को उनके घर पर बेहिसाब नगदी के संबंध में जानकारी मिली थी। इस बाबत सुप्रीम कोर्ट को भी सूचना दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने त्वरित कदम उठाते हुए यशवंत वर्मा का तबादला इलाहाबाद हाईकोर्ट किए जाने का फरमान सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट के इस कदम पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से भी तीखा विरोध जताया गया है।

वरिष्ठ वकीलों ने की थी जांच की मांग

दिल्ली हाईकोर्ट के जज के आवास पर बेहिसाब नगदी मिलने की सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा हो रही है। यह मामला सामने आने के बाद कई वरिष्ठ वकीलों का कहना था कि जज के खिलाफ जांच शुरू की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष आदिश अग्रवाल का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को जज यशवंत वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों की जांच करनी चाहिए। उनके खिलाफ इन हाउस इंक्वारी भी होनी चाहिए।

उनका कहना था कि ट्रांसफर करना एक सामान्य बात है,कोई दंड नहीं। उन्होंने कहा कि मैं इस मामले में यह नहीं कह रहा कि भ्रष्टाचार ही होगा क्योंकि इस मामले में उनके खिलाफ साजिश भी की जा सकती है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को पूरे मामले की गहराई से जांच पड़ताल करनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके। पूछो ना वकीलों की ओर से भी जस्टिस वर्मा के खिलाफ जांच की मांग की गई थी। मामला गंभीर होने के कारण अब जस्टिस वर्मा के खिलाफ जांच बैठा दी गई है।

जस्टिस वर्मा के तबादले की सिफारिश

दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के तुगलक रोड स्थित आवास पर आग लगने के बाद दिल्ली दमकल विभाग को सूचना दी गई थी। घटना के समय वे दिल्ली से बाहर थे। आग बुझाने के दौरान दिल्ली अग्निशमन विभाग के अधिकारियों को वर्मा के आवास के एक कमरे में करोड़ों का कैश मिला था। इस बारे में जानकारी मिलने के बाद मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अगुवाई वाले कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा का इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर किए जाने की सिफारिश की थी। केंद्र सरकार की ओर से कॉलेजियम की सिफारिश स्वीकार किए जाने के बाद जस्टिस वर्मा का प्रस्तावित तबादला लागू होगा।

जस्टिस वर्मा को 11 अक्टूबर 2021 को दिल्ली हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। इससे पहले 1 फरवरी 2016 को उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी। करोड़ों के कैश मिलने का मामला उजागर होने के बाद जस्टिस वर्मा ने शुक्रवार को किसी भी मामले की सुनवाई नहीं की।

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने किया विरोध

इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने चीफ जस्टिस और हाईकोर्ट के सभी अन्य जजों को पत्र लिखकर जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट भेजे जाने के प्रस्ताव का तीखा विरोध किया है। बार एसोसिएशन ने इस कदम पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इस तरह विवादों में घिरे न्यायाधीश की पुनर्नियुक्ति से हाईकोर्ट की गरिमा पर सवाल उठ सकते हैं।

बार एसोसिएशन ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट को कचरे का डब्बा नहीं बनाया जा सकता जहां किसी भी विवादित न्यायाधीश को ट्रांसफर करके भेज दिया जाए। वकीलों ने कहा कि यदि जस्टिस वर्मा के आवास पर कथित तौर पर इतनी बड़ी मात्रा में कैश की बरामदगी हुई है तो उनके खिलाफ जांच पड़ताल की जानी चाहिए। उन्हें किसी दूसरे हाईकोर्ट में भेज कर मामले को दबाने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए।

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