'आतंकियों को देखते ही दो आंखों के बीच में गोली मारते हैं...', राज्यसभा में गरजे अमित शाह, राहुल गांधी को लिया लपेटे में
Amit Shah Speech in Rajya Sabha: गृह मंत्री ने कहा, "जो लोग काले चश्मे लगाकर और आंखें बंद करके बैठे हैं, उन्हें कभी भी असलियत का पता नहीं चल सकता। हमारी सरकार न तो आतंकवाद को बर्दाश्त करती है, न ही आतंकवादियों को। देश में आतंकियों के लिए कोई जगह नहीं है।";
Amit Shah Speech in Rajya Sabha: राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह में आज जमकर गरजे। इस दौरान उन्होंने नेता विपक्ष लोकसभा राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, कुछ लोग 370 के हटने के बाद हुए बदलावों का हिसाब मांग रहे हैं। उन्होंने कहा, "हिसाब तो उन्हीं को दिया जाता है जिनकी नज़रें साफ होती हैं, जो काले चश्मे में और बंद आंखों के साथ बैठते हैं, उन्हें विकास कभी नजर नहीं आता।" शाह ने आगे कहा कि एक सदस्य ने ठीक ही कहा था कि कश्मीर में पैदल यात्रा निकालने वाले राहुल गांधी ने बर्फ की होली खेली और खुद को आतंकवादी दिखने का दावा किया।
गृह मंत्री ने राहुल गांधी की चुटकी लेते हुए कहा, "अगर किसी को अपनी नजर में ही आतंकवादी दिखते हैं, तो वह सपने में भी उसे देखेगा। हम तो आतंकवादियों को देखते ही उन्हें दो आंखों के बीच गोली मारते हैं। हमारी सरकार न तो आतंकवाद को सह सकती है और न ही आतंकवादियों को।"
शाह ने इन तीन मुद्दों को बताया नासूर
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की समस्या (आतंकवाद), वामपंथी उग्रवाद, और नॉर्थ-ईस्ट में उग्रवाद, ये तीन प्रमुख समस्याएं थीं। इन समस्याओं के कारण पिछले चार दशकों में देश के लगभग 92 हजार नागरिकों की जान गई। कश्मीर में, जहां पड़ोसी देश से आए दिन आतंकी घुसते थे और हमले करते थे, एक भी त्योहार ऐसा नहीं था जो बिना चिंता के गुजरता हो। पहले की सरकारें चुप्पी साध लेती थीं, लेकिन मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई और इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की।
उन्होंने कहा, "हमारे सत्ता में आने के बाद, उड़ी और पुलवामा में आतंकी हमले हुए, लेकिन हम चुप नहीं रहे। हमने दस दिनों के अंदर पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक की। दुनिया में केवल दो देश (इजराइल और अमेरिका) थे जो अपनी सीमा और सेना के लिए हर स्तर पर तत्पर रहते थे, और अब भारत का नाम भी इसमें जुड़ गया है। यह सब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में संभव हुआ।"
आतंकवादियों के जनाजे अब नहीं निकलते
गृह मंत्री ने बताया कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर के युवाओं ने आतंकवाद के रास्ते को छोड़ने का फैसला किया है। दस साल पहले आतंकवादियों का महिमामंडन करना और उनके जनाजे निकालना आम बात थी, लेकिन अब जब आतंकवादी मारे जाते हैं, तो उन्हें वहीं दफनाया जाता है। आतंकवादियों के रिश्तेदार, जो पहले सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाते थे, उन्हें अब सरकारी पदों से हटा दिया गया है, ताकि एक कड़ा संदेश दिया जा सके।
अमित शाह ने राज्यसभा में कहा, "हमारे देश में एक ही प्रधानमंत्री हो सकता है, एक ही विधान हो सकता है, और एक ही ध्वज हो सकता है। यह परंपरा कई सालों तक चली, लेकिन 5 अगस्त 2019 को हमने अनुच्छेद 370 को समाप्त करके एक नया दौर शुरू किया। अब कश्मीर को हमेशा के लिए भारत के साथ जोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।"
नक्सलवाद का खात्मा 2026 तक
गृह मंत्री ने वामपंथी उग्रवाद को राजनीतिक समस्या बताते हुए कहा कि 31 मार्च 2026 तक देश से वामपंथी उग्रवाद समाप्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2023 में छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के बाद, भाजपा सरकार ने केवल एक साल में 380 नक्सलियों को मार गिराया, और 1,194 नक्सलियों को गिरफ्तार किया, जबकि 1,045 नक्सलियों ने सरेंडर किया। एक साल पहले नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 126 थी, जो अब घटकर सिर्फ 12 रह गई है। उनका कहना था कि 31 मार्च 2026 तक यह संख्या शून्य तक पहुंच जाएगी।
गृह मंत्री ने कहा कि हमने नक्सलियों की कमर तोड़ी है और उनके मददगारों को खत्म किया है। सुरक्षाबलों के 504 कैंप बनाए गए हैं, और दिसंबर 2025 से पहले सभी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी। हाईवे बनाए गए, आदिवासी युवाओं को सुरक्षाबलों में भर्ती किया गया, और इस कारण आज नक्सलवाद घटता जा रहा है। ऑपरेशनों के साथ-साथ सरेंडर के लिए लचीली नीति भी अपनाई गई है।