परिसीमन को लेकर कल चेन्नई में होगी बड़ी बैठक, विपक्षी नेताओं का लगेगा जमावड़ा, BJP की बढ़ी टेंशन

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 22 मार्च को चेन्नई में परिसीमन पर एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है, जिसमें विभिन्न राज्यों के नेता शामिल होंगे। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने इस बैठक में भाग लेने से मना कर दिया है। बैठक का मुख्य उद्देश्य परिसीमन प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा देना है, क्योंकि इसका प्रभाव कई राज्यों के विधानसभा चुनावों पर पड़ सकता है। स्टालिन ने इस बैठक को भारतीय संघवाद के लिए ऐतिहासिक दिन बताया है।;

Update:2025-03-21 21:21 IST

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 22 मार्च को चेन्नई में परिसीमन पर एक बड़ी बैठक बुलाई है। इस बैठक में कई राज्यों के मुख्यमंत्री और प्रमुख नेता शामिल होने की उम्मीद है। आगामी संयुक्त कार्रवाई समिति (JAC) की इस बैठक में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, तेलंगाना के रेवंत रेड्डी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार सहित अन्य नेताओं के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक अपने पार्टी प्रतिनिधियों को भेजेंगे।

बैठक में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के साथ-साथ राज्य कांग्रेस अध्यक्ष बी महेश कुमार गौड़ के भी शामिल होने की उम्मीद है। तमिलनाडु की सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के प्रतिनिधिमंडल ने 13 मार्च को दिल्ली में रेवंत रेड्डी से मुलाकात की थी और उन्हें बैठक के लिए निमंत्रण दिया था।

हालांकि, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) इस बैठक में शामिल नहीं होगी। एक टीएमसी सूत्र ने बताया कि पार्टी इस मुद्दे पर अपने प्रतिनिधि नहीं भेजेगी, क्योंकि उन्हें लगता है कि इस समय डुप्लिकेट मतदाता पहचान पत्रों का मुद्दा ज्यादा महत्वपूर्ण है। यह मुद्दा बिहार, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों पर असर डाल सकता है, जिनमें से बिहार में चुनाव इस साल के अंत में होने हैं, जबकि अन्य राज्यों में 2026 में चुनाव होंगे।

परिसीमन पर बैठक को स्टालिन ने बताया ऐतिहासिक

दूसरी ओर, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आगामी बैठक को भारतीय संघवाद के लिए ऐतिहासिक दिन बताया। उन्होंने इस बैठक को एक राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में देखा, जिसमें विभिन्न राज्य संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के अनुचित आवंटन के विरोध में एकजुट हो रहे हैं। स्टालिन ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि तमिलनाडु की पहल अब निष्पक्ष प्रतिनिधित्व के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय आंदोलन बन चुकी है।

उन्होंने 5 मार्च को तमिलनाडु की सर्वदलीय बैठक का भी जिक्र किया, जिसमें 58 पंजीकृत राजनीतिक दलों ने निष्पक्ष परिसीमन प्रक्रिया की मांग को लेकर एकजुटता दिखाई थी। स्टालिन ने कहा कि यह बैठक एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें राज्यसभा के संसदीय सीट आवंटन में संभावित बदलावों के विरोध में आवाज उठाई जाएगी।

विपक्षी दलों द्वारा ताकत दिखाने की कोशिश

इस बैठक को विपक्षी दलों द्वारा भाजपा के खिलाफ ताकत दिखाने के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि परिसीमन के मुद्दे पर चिंताएं बढ़ रही हैं। विशेष रूप से दक्षिणी राज्यों में जनसंख्या आधारित सीट पुनर्वितरण के कारण उत्तरी राज्यों के पक्ष में राजनीतिक प्रतिनिधित्व के नुकसान का डर है। यह बैठक इस मुद्दे पर गहन चर्चा का एक अहम अवसर साबित हो सकती है, जिसमें विभिन्न राज्यों के नेता अपने विचार साझा करेंगे और निष्पक्ष प्रतिनिधित्व की मांग करेंगे।

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