Twitter vs Government: क्या है ट्विटर विवाद और क्यों सरकार से बढ़ी तकरार? यहां जानिए सबकुछ
Twitter vs Government: केंद्र सरकार ने नए आईटी नियमों के पालन को सुनिश्चित कराने के लिए सख्त रुख अपनाया हुआ है।
Written By : Dharmendra Singh
Update:2021-06-25 19:00 IST
Twitter vs Government: Twitter ने केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद (IT Minister Ravi Shankar Prasad) का ट्विटर अकाउंट एक घंटे तक के लिए बंद कर दिया। कंपनी की तरफ से इसके लिए अमेरिका के Digital Millennium Copyright Act (DMCA) के उल्लंघन का हवाला दिया गया है। आइए जानते हैं कि सरकार और ट्विटर के बीच आखिर तनतानी की वजह क्या है।
केंद्र सरकार ने नए आईटी नियमों के पालन को सुनिश्चित कराने के लिए सख्त रुख अपनाया हुआ है। सरकार ने ट्विटर को नोटिस जारी कर कहा है कि नए आईटी नियमों का हल हाल में पालन सुनिश्चित किया जाए। ट्विटर को सरकार चार बार नोटिस भेज चुकी है।
IT Rules पर सरकार बनाम ट्विटर
नए आईटी नियमों पर ट्विटर का कहना है कि इसमें कुछ ऐसे नियम हैं जिनसे फ्री स्पीच बाधित हो रहा है। हालांकि सरकार ने साफ कर दिया है कि ट्विटर एक इंटरमीडियरी है और उसे सरकारी आदेशों को मानना ही पड़ेगा। सरकार ने कहा है कि ऐसा नहीं चलेगा कि सोशल मीडिया कंपनी अपने नियमों का हवाला देकर सरकार के नियमों को मानने से इंकार कर दे।
जानिए कब शुरू हुआ विवाद
ट्विटर और सरकार के बीच तनातनी की शुरुआत इस साल जनवरी महीने में हुई। 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली ने हिंसक रूप ले लिया। उस दौरान ट्विटर पर कथित तौर पर कई फेक न्यूज और भड़काऊ पोस्ट शेयर हो रहे थे। सरकार ने 31 जनवरी को ट्विटर से कुछ अकाउंट्स के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा। ट्विटर की तरफ से 257 अकाउंट्स को सस्पेंड कर दिया गया, हालांकि कंपनी ने कुछ समय बाद ही अभिव्यक्ति की आजादी का हवाले देते उन तमाम हैंडल्स को अनलाॅक कर दिया। इसके बाद सरकार और ट्विटर के बीच ठन गई। भारत सरकार ने 4 फरवरी को ट्विटर को 1157 और अकाउंट्स की सूची दी। यह ट्विटर अकाउंट्स भारत-विरोधी दुष्प्रचार में शामिल थे। सरकार के अनुसार, वे अकाउंट्स या तो पाकिस्तान से जुड़े लोगों और खालिस्तान समर्थकों के थे। इस पर भी ट्विटर ने सिर्फ कुछ अकाउंट्स को ही ब्लॉक किया।
जानिए कब शुरू हुआ विवाद
ट्विटर और सरकार के बीच तनातनी शुरुआत इस साल जनवरी महीने में हुई। 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली ने हिंसक रूप ले लिया। उस दौरान ट्विटर पर कथित तौर पर कई फेक न्यूज और भड़काऊ पोस्ट शेयर हो रहे थे। सरकार ने 31 जनवरी को ट्विटर से कुछ अकाउंट्स के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा। ट्विटर की तरफ से 257 अकाउंट्स को सस्पेंड कर दिया गया, हालांकि कंपनी ने कुछ समय बाद ही अभिव्यक्ति की आजादी का हवाले देते उन तमाम हैंडल्स को अनलाॅक कर दिया। इसके बाद सरकार और ट्विटर के बीच ठन गई। भारत सरकार ने 4 फरवरी को ट्विटर को 1157 और अकाउंट्स की सूची दी। यह ट्विटर अकाउंट्स भारत-विरोधी दुष्प्रचार में शामिल थे। सरकार के अनुसार, वे अकाउंट्स या तो पाकिस्तान से जुड़े लोगों और खालिस्तान समर्थकों के थे। इस पर भी ट्विटर ने सिर्फ कुछ अकाउंट्स को ही ब्लॉक किया।
फरवरी में सरकार ने जारी किया नए आईटी नियम
सरकार ने 25 फरवरी को नए आईटी नियमों को जारी किया। इस दायरे में 50 लाख से ज्यादा यूजर वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स भी रहेंगे। इस नए नियम के अनुसार, ऐसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भारत में एक शिकायत अधिकारी की नियुक्ति करनी पड़ेगी। अगर सरकार किसी भड़काऊ ट्वीट या पोस्ट की जानकारी मांगती है, तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को उसके ओरिजिनेटर के बारे में जानकारी देनी होगी। इसके साथ ही सरकार अगर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को किसी आपत्तिजनक कंटेंट को हटाने का आदेश देती है, तो उसे 36 घंटे के अंदर हटाना पड़ेगा। ट्विटर ने इन नए आईटी नियमों को अभिव्यक्ति की आजादी पर अंकुश बताया है और इसका पालन करने से मना कर दिया है। संसदीय समिति के सामने भी ट्विटर ने कहा कि हम अपने नियम मानते हैं। यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट भी पहुंचा और कोर्ट की तरफ से कहा गया कि अगर सरकार खुद नए नियमों को लागू करने पर रोक नहीं लगाती है तो उसका पालन करना ही होगा।
टूलकिट के बाद और बढ़ा तनाव
पर्यावरण के लिए आवाज उठाने वाली एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के टूलकिट का मामला सामने के बाद और विवाद बढ़ गया। सरकार ने कहा कि भारत में सौहार्द बिगाड़ने और अशांति फैलाने के लिए ट्विटर का दुरुपयोग किया जा रहा है। योजनाबद्ध तरीके से सोशल मीडिया अभियान चलाया जा रहा है और अशांति फैलाने की कोशिश की जा रही है। ग्रेटा थनबर्ग समेत कई विदेशियों ने किसानों आंदोलन को लेकर ट्वीट किया था।
इन वजहों से भी सरकार हुई नाराज
इस बीच ट्विटर ने लद्दाख के कुछ इलाकों को चीन के नक्शे में दिखाया। इस गलती को सुधारने में ट्विटर ने कई दिन ले लिए। इसके अलावा सरकार की नाराजगी तब और बढ़ गई जब कोरोना वायरस के B.1.617 वेरिएंट को 'इंडियन वेरिएंट' लिखने वाले पोस्ट्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। सरकार का आरोप है कि ट्विटर वैक्सीन हेजिटेंसी को भी बढ़ावा दिया है।
बीजेपी नेताओं के ट्ववीट को बताया मैनिपुलेटेड मीडिया
कुछ दिनों पहले ही ट्विटर की तरफ से बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा समेत पार्टी के कई नेताओं के पोस्ट्स को मैनिपुलेटेड मीडिया बताया गया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ट्विटर के दफ्तर भी गई थी। इसके बाद ट्विटर की तरफ से कहा गया था वह भारत में अपने कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। भारत में अपने यूजर्स की अभिव्यक्ति की आजादी पर खतरा भी बताया था। इसके बाद आईटी मंत्री ने बेहद तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि ट्विटर खुद ही जांच करने वाली एजेंसी और फैसला सुनाने वाली कोर्ट बनने की कोशिश कर रहा है। सरकार ने ट्विटर के बयान को आधारहीन बताया था और नए आईटी नियमों का पालन न करने के लिए कंपनी का नया पैंतरा करार दिया था।
उपराष्ट्रपति समेत कई लोगों के अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया
ट्विटर की तरफ से उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के पर्सनल ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया गया। इसके अलावा संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत आरएसएस और बीजेपी के कई नेताओं के भी ट्विटर हैंडल से ब्लू टिक हया दिया।