Budget 2022: किसानों को साधने की सरकार की तैयारी, MSP का भुगतान सीधे किसानों के खाते में, रिकॉर्ड खरीद का लक्ष्य
Budget 2022: वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज राष्ट्रीय बजट पेश किया। इस वित्तीय बजट में वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्रों के लिए कई तरह की घोषणाएं की है।
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को संसद में बजट पेश करते हुए कृषि क्षेत्र के लिए भी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। वित्त मंत्री ने एमएसपी (MSP) का भुगतान सीधे किसानों के खाते में किए जाने की घोषणा की। इसके साथ ही सरकार ने एमएसपी के जरिए किसानों को 2.37 लाख करोड़ रुपए का भुगतान करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का जोर केमिकल मुक्त खेती पर है और ऐसे किसानों को बढ़ावा दिया जाएगा।
केंद्र सरकार के 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने पिछले दिनों बड़ा आंदोलन किया था। करीब एक साल तक किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहे और इस दौरान एमएसपी का मुद्दा लगातार गरमाया हुआ था। माना जा रहा है कि एमएसपी के बारे में बड़ी घोषणा करके केंद्र सरकार ने किसानों को साधने की तैयारी की है।
2.37 लाख करोड़ रुपए के भुगतान का लक्ष्य
एमएसपी का मुद्दा किसानों के लिए काफी महत्वपूर्ण रहा है और वित्त मंत्री ने इस बाबत बड़ा ऐलान किया। वित्त मंत्री ने कहा कि एमएसपी का भुगतान अब सीधे किसानों के खाते में किया जाएगा। पिछले साल किसानों के आंदोलन के दौरान भी एमएसपी के भुगतान में तमाम अनियमितताओं और किसानों को इसका फायदा न मिलने का मुद्दा जोरदार ढंग से उठाया गया था। माना जा रहा है कि इसीलिए सरकार की ओर से यह बड़ा कदम उठाने की घोषणा की गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि एमएसपी के जरिए किसानों को 2.37 लाख करोड़ रुपए का भुगतान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने एमएसपी पर किसानों से रिकॉर्ड खरीदारी करने का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने कहा कि 163 लाख किसानों से 1208 लाख मैट्रिक टन गेहूं और धान की खरीदारी की जाएगी। एमएसपी मूल्य का 2.37 लाख करोड़ रुपए का भुगतान सीधे किसानों के खाते में किया जाएगा।
ऑर्गेनिक खेती को दिया जाएगा बढ़ावा
मौजूदा समय में पूरी दुनिया में ऑर्गेनिक खेती (organic farming) को बढ़ावा दिया जा रहा है और वित्त मंत्री ने भी इस दिशा में कदम उठाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि गंगा के किनारे 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाली जमीनों पर ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने की योजना है।
ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसानों को सरकार की ओर से मदद और सुविधाएं दी जाएंगी। इसके साथ ही सरकार खेती की जमीन से जुड़े दस्तावेजों के डिजिटलीकरण पर भी जोर देगी। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में केमिकल मुक्त खेती पर जोर दिया जा रहा है और अब सरकार भी इस पर विशेष ध्यान देगी।
खेती की लागत कम करने पर जोर
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का जोर खेती की लागत कम करने पर है और इसके लिए विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों को सिलेबस में बदलाव लाने के लिए कहा जाएगा। वित्त मंत्री ने फलों और सब्जियों की उन्नत किस्म की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन देने की बात भी कही। ऐसे किसानों की मदद के लिए केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर काम करेगी। किसानों को डिजिटल सर्विस मुहैया कराने की भी तैयारी है। इसमें खाद, बीज और दवाइयों से जुड़ी जानकारियों के अलावा सभी दस्तावेज शामिल किए जाएंगे।
किसानों को हाईटेक बनाने की तैयारी
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों को डिजिटल और हाईटेक बनाने पर जोर देगी। इसके लिए पीपीपी मोड में नई योजनाओं की शुरुआत की जाएगी। सरकार के इस कदम से पब्लिक सेक्टर रिसर्च से जुड़े किसानों को बड़ा फायदा होगा। ऑर्गेनिक खेती के साथ जीरो बजट खेती, आधुनिक कृषि, मूल्य संवर्धन और प्रबंधन पर भी सरकार की ओर से जोर दिया जाएगा। फंड की समस्या से जूझ रहे किसानों को नाबार्ड की ओर से मदद दी जाएगी।
कृषि के क्षेत्र में ड्रोन को बढ़ावा
कृषि के क्षेत्र में ड्रोन को बढ़ावा देने के साथ ही सौ गति शक्ति कार्गो टर्मिनल की स्थापना की जाएगी। ड्रोन के उपयोग से भूमि रिकॉर्ड फसल मूल्यांकन और कीटनाशकों के छिड़काव में भी किसानों को मदद मिलेगी।
वित्त मंत्री ने 44 हजार 605 करोड़ की अनुमानित लागत से केन बेतवा परियोजना को भी लागू करने की घोषणा की। इस योजना के जरिए 9.8 लाख हैक्टेयर भूमि में सिंचाई के साथ ही 62 लाख लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।