West Bengal: पवार से मुलाकात के बाद ममता बोलीं-अब यूपीए का कोई अस्तित्व नहीं, राहुल गांधी पर इशारों में कसा तंज

West Bengal News: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का नाम लिए बिना इशारों में करारा तंज कसा। उन्होंने कहा कि अगर कोई कुछ भी प्रयास नहीं करता है और विदेश में बना रहता है तो फिर सियासत कैसे चलेगी।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shashi kant gautam
Update:2021-12-01 21:27 IST

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और एनसीपी के मुखिया शरद पवार: फोटो- सोशल मीडिया 

West Bengal News: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी (Chief Minister and Trinamool Congress chief Mamata Banerjee) ने आज मुंबई में एनसीपी के मुखिया शरद पवार (NCP chief Sharad Pawar) से मुलाकात की। इस महत्वपूर्ण सियासी मुलाकात के बाद ममता ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) (UPA) का अब कोई अस्तित्व नहीं है।

2024 की सियासी जंग में विपक्ष का चेहरा बनने की कोशिश में जुटी ममता की टिप्पणी को सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उन्होंने पवार को वरिष्ठ नेता बताते हुए कहा कि मैं उनकी बातों से पूरी तरह सहमत हूं।

ममता बनर्जी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का नाम लिए बिना इशारों में करारा तंज भी कसा। उन्होंने कहा कि अगर कोई कुछ भी प्रयास नहीं करता है और विदेश में बना रहता है तो फिर सियासत कैसे चलेगी। ममता के इस बयान को अप्रत्यक्ष रूप से राहुल पर बड़ा हमला माना जा रहा है।

हाल के दिनों में कांग्रेस को कई झटके दे चुकी ममता अब राहुल को पीछे छोड़कर विपक्ष के चेहरे के रूप में खुद को स्थापित करने की कोशिश में जुटी हुई है। एनसीपी मुखिया शरद पवार (NCP chief Sharad Pawar) से उनकी मुलाकात को भी इसी मुहिम का हिस्सा माना जा रहा है।

पवार ने चर्चा को सकारात्मक बताया

मुंबई के सिल्वर ओक अपार्टमेंट (Silver Oak Apartment) में पवार और ममता की मुलाकात करीब एक घंटे तक चली। हालांकि दोनों नेताओं के बीच क्या चर्चा हुई, इसका पूरी तरह अभी खुलासा नहीं हो सका है। ममता से मुलाकात के बाद पवार ने कहा कि कल ममता की आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) और संजय राउत (Sanjay Raut) के साथ बातचीत हुई थी और आज उन्होंने मेरे साथ राजनीतिक चर्चा की है।

उन्होंने पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ बड़ी जीत हासिल की है और मेरे साथ बातचीत में उन्होंने अपने अनुभव साझा किए हैं। पवार ने कहा कि महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के बीच पुराना नाता रहा है।

राहुल गांधी: photo - social media

पवार ने कहा कि मौजूदा हालात में समान विचारधारा वाली ताकतों को राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट होना होगा। उन्होंने ममता के साथ हुई चर्चा को काफी सकारात्मक बताते हुए कहा कि हमें नेतृत्व के लिए मजबूत विकल्प देना होगा। कांग्रेस के साथ आने के संबंध में सवाल पूछे जाने पर पवार ने कहा कि कांग्रेस हो या कोई अन्य सियासी दल जो भी भाजपा (Bhartiya Janta Party) के खिलाफ है, अगर वह हमारे साथ आएगा तो उसका स्वागत है। उन्होंने कहा कि 2024 में नेतृत्व कौन करेगा, यह बाद का मुद्दा है। पहले सभी को एक मंच पर एकजुट होना चाहिए।

मोदी के खिलाफ मजबूत विपक्ष पर जोर

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हम भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एक मजबूत वैकल्पिक मोर्चा बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। उन्होंने शरद पवार को वरिष्ठ नेता बताते हुए कहा कि उनके साथ राजनीतिक चर्चा काफी महत्वपूर्ण है। मैं उनसे राजनीतिक चर्चा करने के लिए ही मुंबई आई हूं और हमारी पूरी कोशिश नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक मजबूत विपक्ष को खड़ा करने की है। उन्होंने अस्पताल में भर्ती महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray) के जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की।

क्षेत्रीय दलों की एकजुटता जरूरी

इससे पहले सिविल सोसायटी (civil society) के लोगों से बातचीत में ममता ने कहा कि देश की क्षेत्रीय पार्टियों के पास काफी ताकत है और यदि क्षेत्रीय दल एकजुट हो जाएं तो भाजपा को आसानी से हराने में कामयाबी मिल सकती है। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर भी हमला किया।

ममता ने कहा कि मैंने कई बार कांग्रेस से विशेषज्ञों की कमेटी बनाने को कहा मगर पार्टी की ओर से मेरी बातों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। भाजपा के खिलाफ विपक्ष का चेहरा बनने के मुद्दे पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैं पार्टी की छोटी वर्कर हूं और आगे भी वर्कर ही बने रहना चाहती हूं।

ममता की कोशिशों पर कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया

वैसे मौजूदा सियासी हालात में ममता की एनसीपी मुखिया पवार से मुलाकात को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ममता हाल के दिनों में कांग्रेस को दरकिनार करने की कोशिश में जुटी हुई। सियासी जानकारों का मानना है कि वे राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बजाय खुद को विपक्ष का चेहरा बनाने की कोशिश में जुटी हैं और यही कारण है कि पवार से ममता की मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।

हालांकि पवार ने ममता को विपक्ष का चेहरा बनाने के संबंध में कोई सीधा बयान नहीं दिया है। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान टीएमसी के अलग रणनीति बनाने के फैसले को भी सोची समझी चाल बताया जा रहा है।

दूसरी ओर कांग्रेस ने ममता का नाम लिए बिना पहली प्रतिक्रिया जताई है। कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल (Congress general secretary KC Venugopal) ने कहा कि भारतीय राजनीति की हकीकत को देश के लोग काफी गहराई से जानते और समझते हैं। सभी को पता है कि कांग्रेस के बिना भाजपा को नहीं हराया जा सकता। इसलिए किसी को गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए।

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