Covaxin को जल्द ही मिलेगा WHO से ईयूएल, कंपनी ने जमा किए जरूरी दस्तावेज
कोवैक्सीन को लेकर विश्व पटल पर असमंजस कि स्थिती बनी हुई है, विश्व स्वास्थ्य संगठन कोवैक्सीन को EULदेने को लेकर समीक्षा कर रही है।
कोवैक्सीन को लेकर विश्व पटल पर असमंजस कि स्थिती बनी हुई है, विश्व स्वास्थ्य संगठन कोवैक्सीन को ईयूएल देने को लेकर समीक्षा कर रहा है। कोवैक्सीन विश्व स्वास्थ्य संगठन के लिस्टिंग में शामिल नहीं है, लेकिन कंपनी इसके इमरजेंसी यूज लिस्टिंग को लेकर डब्ल्यूएचओ के पास सभी जरुरी दस्तावेज जमा कर दिए हैं। आशा है कि कंपनी को जल्द ही डब्ल्यूएचओ से ईयूएल मिल जाएगी जिसके बाद वो सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट से प्रभावित लोगों को वैक्सीन उपलब्ध कर पाएगी।
आपको बता दें की हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक (Bharat Biotech) में तैयार हुई कोवैक्सीन (Covaxin) को इस महीने यानि अगस्त के अंत तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मंजूरी मिल सकती है। सूत्रों ने जानकारी दी है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का प्रतिनिधिमंडल आज स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात करेगा। डब्ल्यूएचओ की इमरजेंसी यूज लिस्टिंग (EUL) में शामिल होने के लिए वैक्सीन ने काफी पहले ही आवेदन कर दिया था। इसके अलावा कोवैक्सीन कनाडा में 'समीक्षा' के दौर से गुजर रही है।
भारत बायोटेक ने यह वैक्सीन इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के साथ मिलकर तैयार की है। भारत बायोटेक ने बीती जुलाई में जानकारी दी थी कि कंपनी ने इमरजेंसी यूज लिस्टिंग में कोवैक्सीन को शामिल कराने के लिए सभी जरूरी दस्तावेज जमा कर दिए हैं। कंपनी ने कहा था कि वैक्सीन की समीक्षा प्रक्रिया शुरू हो गयी है और 'संभावना है कि कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ से जल्द से जल्द से ईयूएल मिल सकता है।' दरअसल, EUL एक लाइसेंस होता है, जिसे डब्ल्यूएचओ से प्राप्त करने के बाद कंपनी सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट से प्रभावित लोगों को वैक्सीन उपलब्ध करा सकती है।
कनाडा में कोवैक्सीन को बाजार में लाने को लेकर जारी है समीक्षा
मीडिया रिपोर्ट्स में भारत बायोटेक की अमेरिकी और कनाडा की सहयोगी कंपनी ऑक्युजेन के हवाले से बताया गया है कि कनाडा में वैक्सीन की समीक्षा जारी है। कंपनी ने बीते शनिवार को इस बात की जानकारी दी थी। कोवैक्सीन को विकसित, निर्माण कनाडा के बाजार में लाने के लिए इस साल जून में ऑक्युजेन और भारत बायोटेक के बीच करार हुआ था। ऑक्युजेन ने कनाडा में वैक्सीन बेचने के लिए कोवैक्सीन का तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल डेटा जमा कर दिया है।
डेल्टा प्लस के खिलाफ कारगर है वैक्सीन!
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की स्टडी में पता चला है कि न्यूट्रलाइजेशन एंटीबॉडी टाइट्रेस के कम होने के बावजूद कोवैक्सीन डेल्टा प्लस वेरिएंट के खिलाफ असरदार है। स्टडी में यह भी पता चला है कि वैक्सीन डेल्टा और B.17.3 वेरिएंट्स के खिलाफ भी प्रभावी है। डब्ल्यूएचओ की तरफ से डेल्टा वेरिएंट को पहले ही वेरिएंट ऑफ कंसर्न वर्ग में शामिल किया जा चुका है। इसके अलावा संगठन वैश्विक स्तर पर भी डेल्टा वेरिएंट को लेकर चेतावनी जारी कर चुका है।