World Mental Health Day: पोस्ट कोविड के 57 फीसदी रोगियों को नहीं आ रही नींद, अवसाद और चिंता से हर साल दुनिया को ' एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर' का नुकसान

World Mental Health Day: जाने-माने मनोचिकित्सक डॉ. मोहम्मद अलीम सिद्दीकी ने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी तमाम जानकारियों के बारे में बताया। साथ ही, बीमारियों से निजात कैसे पाएं और दुनिया भर में मानसिक रोगियों की क्या स्थिति है, उससे भी अवगत कराया।

Report :  Shashwat Mishra
Published By :  Deepak Kumar
Update:2021-10-10 13:39 IST

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस। 

World Mental Health Day: हर साल 10 अक्टूबर को 'विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस' (World MentalHealth Day) दुनिया भर के लोगों में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व और जागरूकता को बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। आज हम 21वीं सदी में रह रहे हैं। मगर इसके बावजूद मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) को लोग गंभीरता से नहीं लेते हैं। जिसके कारण लोगों को अपनी मानसिक बीमारियों के लिए सही सलाह और उपचार नहीं मिल पाता है। 

लखनऊ के जाने-माने मनोचिकित्सक डॉ. मोहम्मद अलीम सिद्दीकी (Psychiatrist Dr. M. Aleem Siddiqui) ने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी तमाम जानकारियों के बारे में बताया। साथ ही, बीमारियों से निजात कैसे पाएं और दुनिया भर में मानसिक रोगियों की क्या स्थिति है, उससे भी अवगत कराया। 

दुनियाभर में 5% वयस्क अवसाद से पीड़ित

डॉ. मोहम्मद अलीम सिद्दीकी ने बताया, "करीब एक अरब लोगों को मानसिक विकार है और कोई भी, कहीं भी प्रभावित हो सकता है। अवसाद दुनिया भर में विकलांगता का एक प्रमुख कारण है। विश्व स्तर पर, यह अनुमान लगाया गया है कि 5% वयस्क अवसाद से पीड़ित हैं।"

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कोरोना मरीजों के मेंटल हेल्थ पर पड़ा प्रभाव

मनोचिकित्सक ने बताया कि "विश्व स्तर पर, 10-12 वर्ष के सात बच्चों में से एक मानसिक विकार का अनुभव करता है। इस तरह के सभी विकारों में से आधे 14 साल की उम्र से शुरू होते हैं। लेकिन अधिकांश अनिर्धारित और अनुपचारित होते हैं।" उन्होंने बताया कि सिज़ोफ्रेनिया जैसे गंभीर मानसिक विकारों वाले लोग सामान्य की तुलना में 10-20 साल पहले मर जाते हैं। हर 100 में से एक मौत आत्महत्या से होती है। यह 15-29 वर्ष की आयु के युवाओं की मृत्यु का चौथा प्रमुख कारण है।

कोविड-19 (COVID-19) महामारी का लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर काफी प्रभाव पड़ा है। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएमएचएस) के अनुसार, कुल वर्तमान मानसिक स्वास्थ्य रुग्णता 10.6 फीसद थी, जिसमें से 10 फीसद सामान्य मानसिक विकारों (सीएमडी) के कारण थी, जिसमें अवसाद, चिंता और मादक द्रव्यों का सेवन शामिल हैं।

एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान

डॉ. मोहम्मद अलीम सिद्दीकी ने कहा कि सबसे आम मानसिक विकारों में 'अवसाद और चिंता' है। उस के परिणामस्वरूप खोई हुई उत्पादकता से वैश्विक अर्थव्यवस्था को हर साल एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान होता है। उन्होंने बताया कि औसतन, देश अपने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बजट का केवल 2 फीसद मानसिक स्वास्थ्य पर खर्च करते हैं। यह हाल के वर्षों में थोड़ा बदल गया है। हाल के वर्षों में मानसिक स्वास्थ्य के लिए विकास सहायता में वृद्धि के बावजूद, यह स्वास्थ्य के लिए विकास सहायता के एक फीसद से अधिक नहीं है।

57 प्रतिशत पोस्ट कोविड रोगियों में अनिद्रा की समस्या

डॉ. मोहम्मद अलीम सिद्दीकी ने बताया कि नींद की समस्या पोस्ट कोविड रोगियों में ज़्यादा है। जबकि, सामान्य जनसंख्या में कम है। उन्होंने कहा कि लगभग 18 फीसद सामान्य जनसंख्या और 57 फीसद पोस्ट कोविड -19 रोगियों में अनिद्रा की समस्या पाई जा रही है।

बच्चों, किशोरों और देखभाल करने वालों पर लॉकडाउन का मनोवैज्ञानिक और व्यवहारिक प्रभाव:-

• 34.5 फीसद चिंता।

• 41.7 फीसद अवसाद।

• 42.3 फीसद चिड़चिड़ापन।

• 30.8 फीसद असावधानी।

• 22.5 फीसद कोविड का महत्वपूर्ण डर

स्वास्थ्य कर्मियों पर कोविड-19 का मनोवैज्ञानिक और व्यवहारिक प्रभाव:-

• 30 फीसद चिंता। 

• 31.1 फीसद अवसाद।

• 56.5 फीसद तीव्र तनाव।

• 44 फीसद नींद विकार।

• 20.2 फीसद अभिघातजन्य तनाव के बाद।

पोस्ट कोविड ब्रेन सिंड्रोम के प्रकार:-

• प्रलाप।

• भूलने की समस्य।

• ब्रेन फ़ॉग।

• अवसाद और चिंता के लक्षण।

• जुनूनी-बाध्यकारी लक्षण।

• आत्महत्या॥

• मनोविकृति।

• पीटीएसडी

ऐसे मिलेगा निजात:-

मनोचिकित्सक ने बताया कि "सबसे आम मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों में से 'अवसाद और चिंता' का इलाज टॉकिंग थेरेपी, दवा या इनके संयोजन से किया जा सकता है। अवसाद और चिंता के लिए बड़े पैमाने पर उपचार में निवेश किए गए प्रत्येक US$1 के लिए US$5 की वापसी होती है।" उन्होंने बताया कि "नशीली दवाओं पर निर्भरता के लिए साक्ष्य-आधारित उपचार में निवेश किए गए प्रत्येक US$1 के लिए, कम अपराध और आपराधिक न्याय लागत में US$7 तक की वापसी है। सामान्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को मेंटा के निदान और उपचार के लिए प्रशिक्षित किया जा सकता है।"

डॉ. मोहम्मद अलीम सिद्दीकी ने बताया कि गंभीर मानसिक विकार वाले लोगों की नियमित स्वास्थ्य जांच से अकाल मृत्यु को रोका जा सकता है। आत्मकेंद्रित और मनोभ्रंश जैसी स्थितियों के साथ रहने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता में बहुत सुधार किया जा सकता है, यदि उनके देखभाल करने वाले उचित प्रशिक्षण प्राप्त हों तो । मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति के साथ रहने वाले लोगों के अधिकारों को मानसिक स्वास्थ्य कानून, नीति, सस्ती, गुणवत्तापूर्ण समुदाय-आधारित मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के विकास और लोगों की भागीदारी के माध्यम से संरक्षित और बढ़ावा दिया जा सकता है।

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