संभल: जिस खाकी पर समाज की रखवाली का जिम्मा होता है, अगर वो ही खाकी लोगों की मौत की वजह बनने लगे, तो लोगों को खान इंसाफ मिलेगा? यूपी के जनपद संभल से एक ऐसे मामला सामने आया है, जिसको सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे। एक पीड़ित महिला का आरोप है कि पुलिस ने उसके घर में घुसकर उसके साथ मारपीट की, जिससे उसका गर्भपात हो गया।
आरोप ये भी है कि जब महिला अपने पति के साथ थाने शिकायत के लिए गई तो उसको थाने से टरका दिया गया। उसके बाद पीड़ित महिला अपने मृत बच्चे का शव लेकर जिला अस्पताल पहुंची और मीडिया के सामने अपनी बात रखी। मीडिया में मामले आते ही जिला प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए।
यह भी पढ़ें: वर्दीधारी बदमाशों ने सर्राफ के कर्मचारियों से 26 लाख लूटे, बेहोश कर हाईवे पर फेंका
क्या है पूरा मामला
यूपी के जनपद संभल थाना नखासा के गांव शाहपुर मिलक की महिला का आरोप है कि शनिवार की रात सिरसी चौकी इंचार्ज कांत कुमार शर्मा उसके घर पहुंचे और उसके साथ लात-घूंसों से मारपीट की, जिससे महिला बुरी तरह घायल हो गई। उसके 3 महीने के उसके बच्चे गर्भपात हो गया और उसकि मौत हो गई।
पीड़ित महिला अगले दिन अपने पति के साथ थाने पहुंची और अपनी आपबीती सुनाई। मगर थाना पुलिस ने मामला महकमे से जुड़ा होने की वजह से से पीड़ित महिला को थाने से टरका दिया। उसके बाद पीड़ित महिला अपने मृत बच्चे के शव को लेकर जिला अस्पताल पहुंची और मीडिया के सामने अपना दर्द बयां किया। मामला मीडिया में आते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। पीड़ित महिला का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है, उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
यह भी पढ़ें: तो योगी जी! यूपी में ना गुण्डाराज ना भ्रष्टाचार- अब की बार ‘खूँटी पर क़ानून’
क्या है आरोपी दरोगा का कहना
आरोपी दरोगा का कहना है कि पीड़ित महिला के भतीजे पर गांव की लड़की भगाने का आरोप है कि जिस संबंध में पुलिस उसके दरवाजे तक उसके भतीजे की तलाश में गई और वापस आ गई।
इस मामले में जब सीओ सदर से बात की गई तो उनका कहना था कि पीड़ित महिला और उसके भतीजे पर लड़की भगाने के आरोप है। ये बात आरोपी दरोगा ने सीओ को बताई, जिस कारण पुलिस पीड़ित महिला के घर गई। सीओ का ये भी कहना है कि उनकी डॉक्टर से बात हुई है तो डॉक्टर का कहना था कि मारपीट का मामला ये नहीं लग रहा।
अब डॉक्टर से बात हुई या नहीं ये जांच का विषय है और महिला का गर्भपात कैसे हुआ? मेडिकल के बाद पता लगेगा। सीओ ने कहा कि अगर उक्त आरोपी आरोप में लिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई कर उसको जेल भेजा जाएगा।
अब सवाल ये उठता है कि जब पीड़ित महिला के देवर पर कोई आरोप था तो पीड़िता के साथ घटना क्यों हुई? पीड़िता ने पुलिस पर आरोप क्यों लगाया? क्या एक मां अपने बच्चे को बेवजह मार सकती है? पुलिस ने महिला के साथ हैवानियत की, इन सब सवालों का जवाब महिला की डॉक्टरी जांच के बाद पता लग पाएगा कि कौन इसका मुख्य आरोपी है?
सीओ का ये भी कहना है कि जिसपर लड़की भगाने का आरोप है, उसका पिता भी थाना नखासा में चौकीदार है, जिस कारण आरोपी मामले को बाहर बाहर ही निपटाने में लगा हुआ था, मगर पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा।