Schizophrenia के चलते माँ की लाश के साथ 8 दिन घर के अंदर बंद रही बेटी
Schizophrenia: जब पुलिस खिड़की तोड़कर अंदर गयी तो दुर्गन्ध और भी ज़्यादा हो गयी। अंदर कमरे में गुमसुम अवस्था में एक लड़की मिली, जो काफी खामोश थी।
Lucknow: लखनऊ में एक ऐसी हैरतअंगेज़ घटना सामने आयी जिसे सुनकर सबके होश उड़ गए। बुधवार को इंदिरानगर के मयूर रसिडेन्सी के विस्तार इलाके के गार्ड हरे राम सिंह ने इंदिरानगर थाने की पुलिस को सूचना दी के घर में कई दिनों से दुर्गन्ध आ रही है। जिसको लेकर पडोसी के लोग हंगामा कर रहे हैं। सूचना पर बँगला न0 26 पर पहुंची पुलिस ने दरवाज़ा खटखटाया। लेकिन वो नहीं खुला।
जब पुलिस खिड़की तोड़कर अंदर गयी तो दुर्गन्ध और भी ज़्यादा हो गयी। अंदर कमरे में गुमसुम अवस्था में एक लड़की मिली, जो काफी खामोश थी। जब उससे पूछा गया की जिस कमरे से दुर्गन्ध आ रही है उसमे क्या है तो लड़की ने जवाब दिया की उसमे माँ है। जब उसे खोलने का प्रयास किया गया तो वो अंदर से बंद था। पुलिस जब उस दरवाज़े को तोड़ने लगी तो वहां मौजूद लड़की ने इस बात का विरोध भी किया। लेकिन जब दरवाज़ा तोड़ा गया तो उसमे बिस्तर पर एक बुज़ुर्ग महिला का शव पड़ा था, जो की 8 दिन पुराना लग रहा था। पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज आगे की जांच में जुट गयी।
माँ-बेटी अकेले घर में 7 साल से रह रही थीं
पुलिस के मुताबिक सुनीता दीक्षित (61) पत्नी रजनीश दीक्षित निवासी 26 मयूर रेजीडेंसी, विस्तार,इंदिरानगर की रहने वाली है। सुनीता दिसम्बर 2021 में एचे०ए० एल० (हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड) से पोर्टी डिपार्टमेंट से चीफ इंस्पेक्टर पद से रिटायर हुई थी। सुनीता अपनी बेटी अंकिता (26) के साथ रहकर जीवन यापन करती थी। पिछले 10 साल से सुनीता अपनी बेटी के साथ मयूर रेजीडेंसी के इसकी मकान में रह रही थी। सुनीता का अपने पति रजनीश दीक्षित से 2015 में ही डाइवोर्स हो चुका था और उसी के बाद से दोनों अलग रहकर गुज़रा कर रहे थे।
माँ की लाश के साथ 8 दिनों तक घर में बंद किया खुद को
पुलिस के मुताबिक बुधवार को जब वो घर पहुंचे तो लाश पर से दुर्गन्ध इतनी आ रही थी की इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता था की महिला की मौत तकरीबन 7-8 दिन पहले हुई होगी। बेटी अंकिता को पता था की जिस कमरे में उसकी माँ है उसकी मौत भी हो चुकी है और उसकी लाश सड़ने भी लगी है। उसके बावजूद भी वो घर के अंदर रही और किसी को कुछ नहीं बताया। जब दुर्गन्ध घर के बाहर पहुंची तो पड़ोसियों के हंगामे के बाद पुलिस की एंट्री ने इस सनसनीखेज़ घटना का खुलासा हुआ।
माँ-बेटी मानसिक बिमारी के थे शिकार
पुलिस के मुताबिक मृतका सुनीता के भाई संदीप कुमार पांडेय ने बताया की सुनीता और अंकिता दोनों ही Schizophrenia बिमारी से पीड़ित थे। ऐसे में ये लोग आपस में तो लड़ते थे ही मगर महौल्ले के लोगो से बातचीत तक करना नहीं पसंद करते थे। संदीप ने बताया की फ़ोन न उठाने पर वो रविवार को मयूर रेजीडेंसी स्थित अपनी बहन सुनीता के घर आया था। लेकिन कई बार घंटी बजाने और दरवाज़ा खटखटाने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिला। जिसके बाद वो वापस घर लौट गया। बुधवार रात पुलिस से फ़ोन पर इस घटना की उन्हें सूचना मिली।
सुनीता की मौत का राज़ बरक़रार
सुनीता की मौत होने के बाद कई सवाल पुलिस के लिए चुनौती बन गए थे की आखिर सुनीता की मौत किन हालातो में हुई। क्योंकि सुनीता का शव जिस कमरे से मिला उसमे दरवाज़ा अंदर से बंद था। डीसीपी नार्थ एस० चिनप्पा के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सुनीता के शरीर पर हाथ पर चोट का कुछ निशान तो है लेकिन वो निशान कैसा है उनके लिए डॉक्टर के बयान और एक्सपर्ट एक ओपिनियन लिया जाएगा। मौत का कारण स्पष्ट न होने पर विसरे को सुरक्षित रख लिया गया है। प्राथमिकता के तौर पर इस मामले की रिपोर्ट जल्द से जल्द मंगाया जायेगा जिससे मौत के असली कारणों का पता चल सके।
मानसिक बीमारियों में सबसे खतरनाक बिमारी है Schizophrenia : साइकैट्रिस्ट
बलरामपुर अस्पताल में कार्यरत डा देवाशीष शुक्ला बताते है की दर्जनों मानसिक बीमारियों में सबसे खतरनाक बिमारी में इस बिमारी का नाम आता है। ये बिमारी अगर शुरूआती दौर में पता चल जाए तो दवाइयों के ज़रिये ठीक हो सकती है मगर पूरी तरह ठीक होना काफी मुश्किल है। ज़्यादातर जिन लोगो को ये बीमारियां होती हैं वो जेनेटिक होती है, और पीढ़ी-दर-पीढ़ी ट्रांसफर होती रहती है। इस बिमारी के कारण मरीज़ कभी भी किसी भी वक्त कुछ भी कर सकता है। इसका निदान करना शुरूआती दौर में ही ठीक होता है और डॉक्टर की सलाह तो समय-समय पर बहुत ही ज़रूरी है।