Jaunpur Crime News: पुलिस हिरासत में मौत, पुजारी को कब मिलेगा न्याय, हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से सुर्खियों में हत्याकांड

जौनपुर के थाना बक्शा क्षेत्र के कृष्णा यादव उर्फ पुजारी की पुलिस हिरासत में हुए हत्या काण्ड का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है।

Report :  Kapil Dev Maurya
Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-09-11 15:31 GMT

जौनपुर क्राइम: हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से सुर्खियों में कृष्णा यादव हत्याकांड

Jaunpur Crime News: जनपद के थाना बक्शा क्षेत्र स्थित चक मिर्जापुर इब्राहिमाबाद (पकड़ी) निवासी कृष्णा यादव उर्फ पुजारी की पुलिस हिरासत में हुए हत्या काण्ड का मामला एक बार फिर जनपद में सुर्खियों में आ गया है। लम्बे समय के बाद उच्च न्यायालय ने इस घटना की विवेचना को एसआईटी से हटाकर सीबीआई के हवाले कर दिया है। इस घटना को लेकर हाईकोर्ट ने जौनपुर एसपी को व्यक्तिगत रूप से तलब कर जवाब मांगा था।

यहां बता दें कि 11 फरवरी 2021 को थाना बक्शा की पुलिस और एसओजी टीम चक मिर्जापुर गांव में दिन में लगभग दो बजे गई और गांव के कृष्णा यादव उर्फ पुजारी को एक लूट काण्ड के अपराध में गिरफ्तार कर थाने पर ले गयी। जबकि पुजारी कोई अपराधी व्यक्ति नहीं था। थाने पर ले जाकर पुलिस और एसओजी टीम के लोगों ने उसे बुरी तरह से मारा पीटा।

पुलिस की पिटाई से हिरासत में ही पुजारी की मौत हो गई

इसके बाद रात में उसे लेकर उसके गांव गए और घर पर भयानक पुलिसिया तांडव किया। फिर तीसरी बार पुजारी के घर पर थाना प्रभारी और पुलिस जन गए आधी रात को घर पर लूट पाट करते हुए परिवार वालों को मार पीट कर घर से 60 हजार रुपए उठा ले गये उसे लूट काण्ड में बरामदगी दिखा दिया। दूसरे दिन भोर में ही पुलिस की पिटाई से हिरासत में ही पुजारी की मौत हो गई।

इस घटना को लेकर पूरे जनपद में कोहराम मच गया था। भारी दबाव के बाद सभी नौ पुलिस वालों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया तथा एसपी ने सभी को निलंबित कर दिया लेकिन गिरफ्तारी नहीं हुई। आज तक पुलिस कर्मियों ने कोर्ट में हाजिर होकर जमानत तक नहीं करायी। घटना के बाद परिजन सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे लेकिन पुलिस इस घटना में लीपापोती करने में जुटी थी और विवेचना एसआईटी को दे दी गयी। पीड़ित परिवार की बात न सुनते हुए मनमानी हो रही थी।

पुजारी के भाई ने की सीबीआई जांच की मांग

पुलिस की कारगुजारी को देखकर पुजारी के भाई अजय कुमार यादव ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए घटना की विवेचना सीबीआई से कराने की मांग की। हाईकोर्ट ने इस घटना में एसपी जौनपुर को व्यक्तिगत रूप से तलब किया और एसपी ने घटना के समय यहां पोस्टिंग न होने की बात बतायी। इस याचिका में पुलिस अधीक्षक जौनपुर, राज्य सरकार और एस आई टी सहित डीआईजी, आई जी को पक्षकार बनाया गया था। न्यायमूर्ति सूर्य प्रकाश केसरवानी और पीयूष अग्रवाल की बेंच ने जांच एस आई टी से हटाकर सीबीआई को दे दी। साथ ही राज्य सरकार से जबाब तलब किया है।

इधर हाईकोर्ट के सख्त रूख को देखकर जौनपुर पुलिस भी हरकत में आयी और घटना की विवेचना कर रहे सीओ बदलापुर ने तत्काल सीजेएम जौनपुर के यहां प्रार्थना पत्र देकर तत्कालीन थाना प्रभारी सहित एसओजी प्रभारी एवं शामिल पुलिस जनों कुल नौ लोंगो के खिलाफ नान बैलेबुल वारंट ले लिया, अब पुलिस कहती है जल्द गिरफ्तारी की जायेगी। घटना के लगभग 08 माह बीत गये अभी तक न तो अभियुक्त निलंबित पुलिस कर्मी जमानत कराये, न ही कोर्ट में हाजिर हुए, न ही उनकी गिरफ्तारी करायी गयी।

अगली सुनवाई 13 सितम्बर को

इस मामले में अगली सुनवाई 13 सितम्बर को फिर होनी है तब तक पुलिस को अपने स्तर से अभियुक्तो के खिलाफ की गयी कार्रवाई से अवगत कराने का निर्देश है। इस तरह हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद आठ माह बाद पुजारी हत्याकांड एक बार फिर से चर्चाओ की सुर्खियों में आ गया है। हाईकोर्ट ने 48 घन्टे में अभियुक्तो के गिरफ्तारी का समय दिया था लेकिन अभी तक अभियुक्त पुलिस पकड़ से दूर हैं।

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