Mathura News: दवाइयों की ब्रांडिंग से लेकर फेक ट्रेनिंग सेंटर तक, असली डॉक्टर दंपत्ति के फर्जी खेल का भंडाफोड़
Mathura News: धर्म नगरी मथुरा में एक असली डॉक्टर दम्पत्ति द्वारा चलाये जा रहे फर्जी ट्रेनिंग सेंटर व दवाईयों की फर्जी ब्रांडिंग व बनाने के कारोबार का खुलासा हुआ है।
Mathura News: धर्म नगरी मथुरा में एक असली डॉक्टर दम्पत्ति द्वारा चलाये जा रहे फर्जी ट्रेनिंग सेंटर व दवाईयों की फर्जी ब्रांडिंग व बनाने के कारोबार का खुलासा हुआ है। जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल के आदेश पर गठित हुई सिटी मजिस्ट्रेट, मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण सचिव व क्षेत्रीय आयुर्वेदिक व यूनानी अधिकारी की संयुक्त टीम ने इस छापामार कार्यवाही को अंजाम दिया। छापामार कार्यवाही के बाद से डॉ दम्पत्ति फरार हैं। वहीं डॉक्टर दंपति पर पूर्व में भी हत्या का आरोप लग चुका है, जिसका मामला थाना कोतवाली वृन्दावन में दर्ज है।
जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल के आदेश पर प्रशासनिक टीम के नेतृत्व में वृन्दावन के लोटस गार्डन रेजिडेंशियल कॉलोनी के बीच मे चल रहे फर्जी ट्रेनिंग सेंटर MRC आयुर्वेदिक सेंटर पर छापा गया। जिला प्रशासन की टीम ने एक सूचना के आधार पर असली डॉक्टर दम्पत्ति डॉ अभिषेक शर्मा व उनकी पत्नी के द्वारा चलाये जा रहे फर्जी ट्रेंनिग सेंटर का खुलासा किया है।
छापे के दौरान खुलासा हुआ कि डॉक्टर अभिषेक शर्मा युवाओं व विदेशी लोगो को अपनी डिग्री की आड़ में चलाए जा रहे फर्जी ट्रेनिंग सेंटर का संचालन किया करता था। डॉक्टर अभिषेक हिमाचल व जम्बू कश्मीर सहित अन्य बाहरी प्रान्तों के युवकों को सुनहरे भविष्य का सपना दिखाकर मोटी रकम वसूला करता था और उन्हें फर्जी डिग्री देकर रवाना कर दिया करता था।
डॉ अभिषेक शर्मा पर आरोप है कि तीन मंजिला भवन में उसने ऑपरेशन थियेटर, डॉक्टर्स के रहने की व्यवस्था कर रखी थी जो पूरी तरह से फर्जी व अवैध थी। इस संबंध में डॉ नरेंद्र कुमार आयुर्वेदिक व यूनानी अधिकारी ने बताया कि डॉ अभिषेक शर्मा की डिग्री असली है और उनके द्वारा बनाये लगे अस्पताल में फर्जी कामो का सिलसिला जारी था। डॉ नरेंद्र कुमार ने बताया कि छापामार टीम को ट्रेनिंग सेंटर के ऊपरी भाग में एक फर्जी दवाखाना का कारखाना मिला जहाँ MRC के नाम से दवाईयां बनते हुए मिली । मौके से मशीन फर्जी रैपर, कैप्सूल बनते हुए बिना लाइसेंस के मिला जो ड्रग व कॉस्मेटिक एक्ट के तहत अपराध था, जिसके संबंध में वृन्दावन थाने में मुकदमा लिखा दिया गया है।
बबासीर भगंदर सहित अन्य बीमारियों का इलाज करने वाले डॉ अभिषेक शर्मा पर इससे पूर्व एक ट्रेनी डॉक्टर की हत्या का मुकदमा भी दर्ज है। डॉ अभिषेक 5 दिन की ट्रेनिंग युवाओं को देता था, जिसके लिए 35 हज़र रुपया वसूलता था। फिलहाल डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज है और अब देखना होगा कि फर्जी कारनामो को अंजाम देकर लोगो की जान से खिलवाड़ करने वाले असली डॉक्टर पर कानून का शिकंजा कब तक कसता है।