सोते समय मां की गोद से उठाई डेढ़ साल की बच्ची, हत्या के बाद मांगी फिरौती

रागिनी अपने तीनों बच्चों के साथ कमरे में सो रही थी। रात में उसकी नींद खुली तो छवि बिस्तर से गायब मिली। रागिनी ने मकान मालिक और किरायेदारों को इसकी सूचना दी। पुलिस को सूचना दी। परिवार और पुलिस वाले बच्ची की तलाश करते रहे। वह नहीं मिली तो अगले दिन गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

Update:2016-10-29 19:23 IST

कानपुर: मां के साथ सो रही बच्ची को अपहर्ता रात में चुपके से उठा ले गए। बच्ची को एक बैग में बंद कर दिया। मौका देख कर बच्ची की हत्या कर दी और शव जंगल में फेंक आए। जब बच्ची की तलाश शुरू हुई, तो मां के साथ बच्ची को ढूंढते रहे। लेकिन पुलिस ने शातिर अपराधियों को दबोच ही लिया।

मां की गोद से चोरी

-पेशे से ड्राइवर चंद्र कुमार तीन महीने पहले ही गोविंद नगर थाना इलाके के नौरैया खेड़ा में किराए पर रहने आए थे।

-परिवार में पत्नी रागिनी, दो बेटों दीपक (08), राज (06) और डेढ़ साल की बेटी छवि थे।

-ट्रक ड्राइवर होने के कारण वह ज्यादातर घर से बाहर रहते हैं।

-मकान मालिक विनोद कुमार के मकान में 8 किरायदार रहते हैं। चंद्र कुमार के अलावा इसमें अलोक कुमार और प्रतीक सिंह भी किरायदार हैं।

-20 अक्टूबर की रात रागिनी अपने तीनों बच्चों के साथ कमरे में सो रही थी।

-रात में लगभग साढ़े बारह रागिनी की नींद खुली तो छवि बिस्तर से गायब मिली।

-रागिनी ने मकान मालिक और किरायेदारों को इसकी सूचना दी। सभी बच्ची को देर तक ढूंढते रहे। फिर, रात तीन बजे 100 नंबर पर पुलिस को सूचना दी।

-परिवार और पुलिस वाले बच्ची की तलाश करते रहे। वह नहीं मिली तो अगले दिन गोविन्द नगर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

फिरौती की मांग

-27 अक्टूबर को अपराधियों ने बच्ची के लिए दो लाख की फिरौती मांगी।

-बच्ची के परिजनों ने फिरौती की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने नंबर को सर्विलांस पर लगा दिय।

-पुलिस ने अपराधियों की आवाज रागिनी को सुनाई, तो उसने अपराधियों की आवाज पहचान ली।

-इसके बाद लोकेशन ट्रेस करके पुलिस ने 28 अक्टूबर को अलोक कुमार और प्रतीक सिंह को धर दबोचा।

-पूछताछ में दोनों ने अपना अपराध कुबूल कर लिया।

-एसएसपी आकाश कुलहरी ने बताया कि अलोक और प्रतीक सोते समय बच्ची को मां के पास से उठा ले गए और 17 घंटे बैग में बंद रखा।

-अगले दिन तक बच्ची की सांस चल रही थी इसलिए गला दबा कर हत्या कर दी और अर्मापुर-पनकी बार्डर पर जंगल में फेंक आए।

-दोनों अपराधियों ने कहा कि उन्होंने आर्थिक तंगी से उबरने के लिए यह अपराध किया था।

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