अरबी यूनिवर्सिटी में बनेगी संस्‍कृत लैब, हर लैंग्‍वेज को किया जाएगा कनेक्‍ट

राजधानी स्थित ख्‍वाजा मोउनुद्दीन चिश्‍ती अरबी फारसी यूनिवर्सिटी में बहुत जल्‍द एक संस्‍कृत लैब बनने जा रही है।इसके जरिए संस्‍कृत भाषा पर व्‍यापक और अनोखे कामों को अंजाम दिया जाएगा। इतना ही नहीं विश्‍वविदयालय में इस लैब के जरिए संस्‍कृत भाषा को हर लैंग्‍वेज से कनेक्‍ट किया जाएगा।

Update: 2017-11-12 06:35 GMT

लखनऊ: राजधानी स्थित ख्‍वाजा मोइनुद्दीन चिश्‍ती अरबी फारसी यूनिवर्सिटी में बहुत जल्‍द एक संस्‍कृत लैब बनने जा रही है। इसके जरिए संस्‍कृत भाषा पर व्‍यापक और अनोखे कामों को अंजाम दिया जाएगा। इतना ही नहीं विश्‍वविद्यालय में इस लैब के जरिए संस्‍कृत भाषा को हर लैंग्‍वेज से कनेक्‍ट किया जाएगा।

साफ्टवेयर से लैस होगी लैब, पांडुलिपियों पर होगा अध्‍ययन

यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर माहरूख मिर्जा ने संस्‍कृत लैब के बारे में बताते हुए कहा कि हमने उर्दू और अरबी, फारसी के साथ ही साथ संस्‍कृत को साथ में लेकर चलने का फैसला किया है। संस्‍कृत सारी भाषाओं में प्रमुख भाषा है। हम इसके लिए यूनिवर्सिटी कैंपस में संस्‍कृत भाषा लैब स्‍थापति करने की तैयारी कर रहे हैं।इस लैब से हम संस्‍कृत भाषा पर रिसर्च और उसके प्रसार के काम को आगे बढ़ाएंगे। इसके साथ ही यह लैब एक साफ्टवेयर से लैस रहेगी। इस साफ्टवेयर के जरिए हम कई भाषाओं के डाक्‍यूमेंट को संस्‍कृत में कंवर्ट करके संरक्षित करने का काम करेंगे। इसके साथ ही साथ इस लैब में संस्‍कृत की पुरानी पांडुलिपियों पर भी अध्‍ययन किया जाएगा।

लैब में तैनात होंगे संस्‍कृत के स्‍पेशलिस्‍ट प्रोफेसर

यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने बताया कि संस्‍कृत लैब को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रशिक्षित स्‍टाफ को काम पर रखा जाएगा। इसके लिए संस्‍कृत के स्‍पेशलिस्‍ट प्रोफेसरों की नियुक्ति की जाएगी। जिसके लिए प्रस्‍ताव तैयार करवा कर जल्‍द शासन को भेजा जाना है।संस्‍कृत लैब के प्रस्‍ताव पर मुहर यूपी निकाय चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद लगाकर शासन को भेज दिया जाएगा।

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