BBAU में स्टूडेंट्स नहीं मनाएंगे दिपावली, धरने पर बैठे रहेंगे जताएंगे विरोध

डॉ बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी (बीबीएयू) में दलित स्टूडेंट्स इस बार दिवाली नहीं मनाएंगे। छात्रों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन उनके साथ भेद भाव करता है। अभी तक यूनिवर्सिटी ने उनके निष्कासित 8 दलित स्टूडेंट्स को वापिस भी नहीं लिया है। इसके कारण इस बार रविवार को दिवाली के मौके पर स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी में 24 घंटे चलने वाले धरने पर बैठ कर अपना विरोध दर्ज करवाएंगे।

Update: 2016-10-29 11:43 GMT

लखनऊ : डॉ बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी (बीबीएयू) में दलित स्टूडेंट्स इस बार दिवाली नहीं मनाएंगे। छात्रों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन उनके साथ भेद भाव करता है।

अभी तक यूनिवर्सिटी ने उनके निष्कासित 8 दलित स्टूडेंट्स को वापिस भी नहीं लिया है। इसके कारण इस बार रविवार को दिवाली के मौके पर स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी में 24 घंटे चलने वाले धरने पर बैठ कर अपना विरोध दर्ज करवाएंगे।

क्या था मामला?

-धरने पर बैठे छात्र अजय कुमार ने बताया कि यूनिवर्सिटी में हाल ही में प्रोफेसर कमल जायसवाल और असिस्टेंट रजिस्ट्रार एआर साहू को पीटने के आरोप में 8 स्टूडेंट्स को निष्कासित कर दिया गया था।

-इसको लेकर छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से लेकर एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान तक अपना विरोध दर्ज करवाया था और बहाली की मांग की थी।

-अभी तक स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी ने वापिस नहीं लिया है।

इस बार स्टूडेंट्स नहीं मनाएंगे दीवाली

-पिछले 13 दिन से इसको लेकर स्टूडेंट्स 24 घंटे चलने वाले धरने पर बैठे हैं।

-अभी तक यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों के हित में कोई निर्णय नहीं किया है।

-यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर भी छात्र हित की बात नहीं कर रहे हैं।

-इससे नाराज स्टूडेंट्स इस बार दिवाली नहीं मनाएंगे और धरने पर बैठे रहेंगे।

-छात्रों के साथ आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के कार्यकर्ता भी धरने पर बैठेंगे।

बीबीएयू चलेगी जांच

-बीबीएयू के वाईस चांसलर प्रोफेसर आरसी सोबती ने बताया कि यूनिवर्सिटी प्रशासन पूरे मामले की जुडीशियल इन्क्वायरी करवा रहा है।

-इसके लिए 22 अक्टूबर को एक सदस्यीय योग का गठन भी किया जा चुका है।

-इसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस कल्लिमुल्लाह खान जांच कर रहे हैं।

-वह जल्द अपनी रिपोर्ट यूनिवर्सिटी को सौपेंगे और साथ ही ऐसी घटनाएं दुबारा ना हो इसके लिए भी सुझाव देंगे।

-उनकी रिपोर्ट आने के बाद फैसला लिया जाएगा।

-स्टूडेंट्स को समझाया गया था पर वो अपने आगे किसी की नहीं सुन रहे हैं।

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